Sunday, September 20, 2009

जिन्दगी है तो कुछ हादसे भी होंगें ( चर्चा हिन्दी चिट्ठो की )

नमस्कार आज नवरात्री का दूसरा दिन है और मै पंकज मिश्रा हु आपके साथ अपने इस चर्चा के साथ .
शुरुआत होगी मीनू खरे जी की ब्लॉग से .
[durgapuja-wallpapers31.JPG]

“सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥”


हे
नारायणी!आप सब प्रकार का मङ्गल प्रदान करनेवाली मङ्गलमयी हैं।
कल्याणदायिनी शिवा हैं। सब पुरुषार्थो को सिद्ध करनेवाली, शरणागतवत्सला,
तीन नेत्रोंवाली एवं गौरी हैं। आपको नमस्कार है।

अब आइये चलते है समय चक्र महेंद्र मिशा जी के ब्लॉग पर

महाशक्ति को शिवाजी ने त्रिशूल, लक्ष्मी ने कमल का फूल, विष्णु ने चक्र,
अग्नि ने शक्ति और वाणों के तरकश, प्रजापति ने स्फटिक की माला, वरुण ने
दिव्य शंख, हनुमान ने गदा, इन्द्र ने वज्र, भगवान राम ने धनुष बाण,
वरुणदेव ने पाश और वाण, ब्रम्हाजी ने चारो वेद, हिमालय पर्वत ने सवारी
करने के लिए सिह दिया इसके अतिरिक्त समुंद्र ने उज्जवल हार, चूडामणि
,दो कुंडल, पैरो के नुपुर और ढेरो अंगूठियाँ माँ को भैट किये . इन सभी
वस्तुओ को माँ जगदम्बे भवानी ने अपने अठारह हाथो में धारण किया. माँ
दुर्गा इस धरा की आद्य शक्ति है अर्थात आदिशक्ति है.



ब्लॉग जगत के नए घमासान में शायद व्यंग हास्य की उस सहज स्वीकार्य
परम्परा का उल्लंघन हुआ लगता है -जिससे "शस्त्र उठाने को " प्रतिबद्ध
ब्लागजगत के भीष्म आज "जो हरिहू शस्त्र गहाऊँ " की मुद्रा में दीख रहे
हैं ! यह बहुत अप्रिय है ! दुखद है ! एक बहुश्रुत और सुचिंतित संस्कृत के
श्लोक से बात पूरी करना चाहता हूँ -My Photo


माताओं के दिलों में ममता जगाना जो अपनी लाडली को पैदा होते ही किसी सड़क के किनारे या कचरे केडिब्बे में छोड़ जाती हैं।
मां,
आप तप सब कुछ कर सकती हैं। इस बार ऐसा कुछ जरुर करना जिस से महिलाएं अपनी
लड़कियों को ना "मारें" AAPKA HARDIK SAWAGAT HAIउम्मीद हैं आप नारदमुनि की यह कामना अवश्य पूरीकरेंगीं। सचमें तो यह पूरे देश की ही कामना है।


आशीष खंडेलवाल जी जहां खड़े हो जाएं, लाइन तो वहीं से शुरू होती है...

585 फॉलोवर्स, 203 प्रविष्टियां, 3396 टिप्पणियां और 1,44,101
क्लिक्स के साथ ब्लॉगर्स की मदद। ...और सब की सब बातें काम की। कोई मजाक
थोड़े हो रहा है ब्लॉगिंग में। आशीष खंडेलवाल जी जैसे संजीदा और उम्दा
ब्लॉगर्स की वजह से आज हजारों ब्लॉगर्स ब्लॉगिंग का पहला पाठ पढऩे में, तो
कहीं पारंगत होने में कामयाब हो रहे हैं।

हिन्दी ब्लॉग जगत इन दिनों 'बहुत अच्छी' दिशा में मुड़ता दिखाई दे रहा है।
बिल्कुल हिन्दी न्यूज़ चैनलों की तर्ज पर। जहां स्टिंग ऑपरेशन कर बार-बार
कैप्शन और तस्वीरें दिखाकर किसी की इज्जत को तार-तार किया जाता है। खबर
में से खास चटपटा मसाला निकालकर धमाके के साथ परोसा जाता है। ब्लॉग जगत
में भी अब यह सब हो रहा है। एक्सक्लूसिव तरीके से 'सिर्फ इस ब्लॉग पर' का लेबल लगाकर विरोध जताने वालों के चीरहरण की नाकाम कोशिशें की जा रही हैं। एक चिट्ठे पर पिछली पोस्ट में यही देखने को मिला।


‘‘अँगूठा छाप को काम, मनमाना दाम’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए
नहाते समय क्या लगाना चाहिए
पूछ लिया पप्पू ने आकर मूड में
पत्नी से।

तुरंत जवाब दिया पत्नी ने
पप्पू की पत्नी जो है‍‍

हां, मैं हूं बबली जी का वकील..

My Photo



.मैंने ब्लॉगवाणी पर और छानने की कोशिश की शायद कोई और जांबाज़ नज़र आ जाए
जिसने इस सेंसेटिव मुद्दे पर अपना पक्ष रखने की कोशिश की हो...ऐसे में
सिर्फ एक ही दिलेर मिला, हाथ में लठ्ठ लिए अपना
ताऊ रामपुरिया...ताऊ ने अपनी पोस्ट में कुछ गजब के सवाल किेए हैं....उन्हें ताऊ की अनुमति से मैं फिर यहां रिपीट करना चाहूंगा...


सर्द हवाएं हिलोरें लेती हैं जब-जब,
याद आती है तुम्हारी हथेलियों पे रची
मेंहदी की लाल आग.


तुम आते थे

मेरे हृदय की तलहटी में

मेरे संवेदना के रहस्य-लोक में My Photo

मैं निरखता था-

मेरे हृदय की श्यामल भूमि पर


वन्यपुष्प की तरह खिले थे तुम
दिल न होता न गम न वस्ले-यार होता
न सितम होते न ही उनका प्यार होता

वो दबे पाँव घूमते हैं अब ख्यालों में
बस कोई जतन उनका दीदार होता




जिन्दगी है तो कुछ हादसे भी होंगें
हम तो बेमतलब ही डरा करते हैं
कलाम कुछ लिखेंगें तो कुछ कमाल भी होंगें
तहरीर कहती है जहन में आपका बसेरा है
मशअले दर्द शामों सहर जलाने होंगें


इकरार से क्यों बेसबब ही डरते हैं
कभी तो सागरों में चांद उतरे होंगें
उसी से चकोर आज तक मदहोश रहते हैं ।

सभे तरह के गाएं है लोकगीतों के सुनाने के लायक आप जरूर सुने यहाँ
My Photo


गर्मी की छुट्टी आई है




दीदी की मस्ती छायी है॥Image049



पर देखो, मैं हूँ बेहाल।



कट जाएंगे मेरे बाल॥



इस बार जब हम अपने नाना के घर इलाहाबाद गये तो वहाँ खूब मस्ती की। मामा ने हमारे लिए एक हाथी भी खरीदा। अरे! परेशान न होइये, सच्ची का हाथी नहीं, हाथी की डिजायन की कुर्सी।http://aadityaranjan.blogspot.com/

आज के लिए इतना ही कल मिलेगे हम अपने साप्ताहिक कार्यक्रम वरिष्ठ ब्लॉगर की पहली पोस्ट .
कल के हमारे ब्लॉगर है .............. रहने दीजिये कल पढ़ लेना .





13 comments:

Anonymous said...

abhut sahi likh hai, photo ka placement sudhar lijiye

संगीता पुरी said...

अच्‍छी चर्चा है .. लगभग सारे लिंक मेरे द्वारा देखे जा चुके हैं !!

Arvind Mishra said...

वाह अपने तरह की यूनीक स्टायलिश चर्चा !

Udan Tashtari said...

सभी तरह के चिट्ठे हैं, यह अच्छा रहा. आपको कौन सा सबसे ज्यादा पसंद है, वो नहीं बताया रिवायत के मुताबिक? :)

हेमन्त कुमार said...

बेहतरीन शैली के लिए आभार ।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

बढिया चर्चा...

Himanshu Pandey said...

चर्चा के लिंक तो बेहतर रहते ही हैं, उनकी संक्षिप्त झलक आसानी देती है ।
अरविन्द जी के ब्लॉग और ठुमरी के उल्लेख ने प्रमुदित किया । आभार ।

दिगम्बर नासवा said...

अच्‍छी चर्चा है .....

अजय कुमार झा said...

बहुत खूब पंकज जी ...मुझे बहुत अच्छा लगा ये जानकर कि अब चर्चा का मंच विस्तार पा रहा है..आपकी मेहनत तो पोस्ट में ही परिलक्षित हो रही है...आभार स्वीकार करें...इसे नियमित रखें..

बाल भवन जबलपुर said...

हरि अनंत हरि कथा अनंता की तरह इस फ़ोरम से कुछ अपेक्षाएं हैं शायद पूरी होतीं रहेंगी .
अशेष शुभकामनाएं

स्वप्न मञ्जूषा said...

kya baat hai Pankaj ji..
zabardast rahi charcha...man anandit hua padh kar..
aabhar..

रंजन (Ranjan) said...

बहुत सुन्दर चर्चा... आभार..

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपके इस मंच की सराहना के लिए शब्द कम पड़ रहे हैँ।
शुभकामनाओं के साथ-

पसंद आया ? तो दबाईये ना !

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