Saturday, October 31, 2009

टीप के ऊपर टिप्पा, कर लो लारा लप्पा * अजय झा *(चर्चा हिन्दी चिट्ठो की)

नमस्कार,,,,
चर्चा हिन्दी चिट्ठो के इस अंक में मै पंकज मिश्र ......
आज बारी थी हेमंत भाई की लेकिन पता नहीं जबसे इलाहाबाद से वापस आये है ....उनका इन्टरनेट कनेक्शन ही खराब पडा है .........हेमंत जी और हिमांशु जी को इलाहाब में पता नहीं किस परेशान आत्मा की नजर लगी है कि जबसे आये है .......न तो चर्चा कर पाए है और ना ही अपने ब्लॉग पर एक भी पोस्ट ठेल पाए है ............इश्वर से प्राथना है उनका इन्टरनेट कनेक्शन जल्दी ठीक हो जाए .......
चलिए चर्चा की शुरुआत करते है मीनू खरे जी के ब्लॉग से

बेगम अख्तर की गाई चुनिन्दा बेहतरीन ग़ज़लें

image अब इसे बेगम साहिबा की आवाज़ की सलाहियत कहिए या उनका खुलूस कि लखनऊ की उस ज़माने की महफ़िलें आज भी लोगों को नहीं भूली है. लखनऊ के हैवलक रोड इलाके में बेगम साहिबा का मकान भले ही वीरान पड़ा है मगर उनकी आवाज़ आज भी फिज़ाओं में मानो यह ग़ज़ल गूँजती है. सुनिये, यक़ीनन यह आपकी रूह में उतर जाएगी.
अब छलकते हुए साग़र नहीं देखे जाते
तौबा के बाद यह मंज़र नहीं देखे जाते.

देश की सबसे भीषण आग जयपुर में आर इसके बारे में बता रही  वाणी गीत 500 करोड़ की रही देव दिवाली ...देश की सबसे भीषण आग

gffशोरगुल मचा हुआ था ...अभी तक आग पर काबू पाने का कोई तरीका नजर नही आ रहा है ... डिपो में मौजूद आयल के अपने आप जल कर नष्ट होने तक कुछ नही किया जा सकता 
12 घंटे से लगातार आग उगलती ये लपटें जयपुर में 500 करोड़ का खरा नुकसान तो कर चुकी है ...सही आकलन तो इस आग पर काबू पाकर ही किया जा सकेगा ....फिलहाल तो पास में मौजूद दूसरे एल पी जी गोदाम तक आग ना पहुँच सके ...यही एहतियात बरती जा रही है ...खतरा टला नही है ....दिल्ली , मुंबई से एक्सपर्ट की टीम पहुँच चुकी है मगर आग रोक पाने का कोई पुख्ता इंतजाम नही कर पायेई हैं ..30 से भी अधिक दमकलें लगातार लगी हुई हैं ...सोहार्द्र के लिए जाने वाले हमारे शहर के वाशिंदे अपनी तमाम वैचारिक दुश्मनी भूल स्वास्थ्य सेवा और अपने घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे लोगों की मदद करने में तत्पर हैं ....
ईश्वर हमारे शहर को इस विपदा से जल्दी उबारे ....!!

पी.सी.गोदियाल
"फाड़ दिया सालों ने !"

याद है, जब तुम
पिछली बार,
मायके से आयी थी,
वह गिफ्ट मेरे लिए लाई थी,
सुन्दर, सफ़ेद चटकीला था.
न ज्यादा टाइट था,
और न ढीला था,
मगर इस होली पर उसे,
जो दिया था तेरे मायके वालो ने !
मिलकर रंग मलने के बहाने,
फाड़ दिया.....
फाड़ दिया सालो ने !!

वन्दना
स्वीकार करूँ मैं भी तुमको

अंगीकार किया जब तुमने
क्यूँ नही चाहा तब
स्वीकार करूँ मैं भी तुमको
जब बांधा इस बंधन को
गठजोड़ लगा था हृदयों का
फिर क्यूँ नही चाहा तुमने
अंगीकार करूँ मैं भी तुमको
दान लिया था जब तुमने
तब क्यूँ नही चाहा तुमने
वस्तु बना कर

 

डा. अरविंद मिश्रा   एक स्नेह सम्बन्ध का दुखद अंत !

image मैं यहाँ सम्माननीय बनने या विद्वान् की कटेगरी हासिल करने नहीं आया हूँ -लोगों से सहज  सम्बन्ध बना रहे यही पर्याप्त है ! और यह भी समझ लीजिये मैं किसी को स्नेह करता हूँ तो अपरिहार्य और अति असहनीय आचरणों पर किसी दैवीय प्रेरणा वश  यथा सामर्थ्य  दण्डित किये बिना भी नहीं छोड़ता ! चाहे वह मेरा निकटतम रक्त संबंधी ही क्यों न हो ! एक डेढ़ साल साथ रहकर आप यह समझ नहीं  पायीं ,आश्चर्य है !  मैं ऐसा ही हूँ ! बाई बर्थ !
इधर  आप निरंतर उद्धत  होती  रही हैं ,बेखौफ ,निर्द्वंद !  वह असीम सत्ता न करे कि मेरे आकलन में आप भी आचरण की वह लक्ष्मण रेखा छू ले जो मुझमें सहसा दैवीय प्रेरणाएं जगा देती है !  और वह दिन हमारे इस आभासी संपर्क- सम्बन्ध का अंतिम दिन होगा -स्वयमेव सहज !

रामप्यारी का सवाल - 98

image                                                                    रामप्यारी नजर आयी है इस फैंसी ड्रेस में ताऊ पहेली 46 पर आप यहाँ से जाइए 

राजकुमार ग्वालानी ने बताया  है बिल गेट्स एंड कंपनी को  उनकी औकात विंडोज -7 की औकात अब 20 रुपए

अपने देश में किसी भी साफ्टवेयर की नकल कितनी तेजी से होती है इसका एक नमूना फिर से सामने आया है विंडोज-7 के रूप में। इस साफ्टवेयर के बाजार imageमें आए अभी चंद ही दिन हुए हैं कि इसकी नकल महज 20-20 रुपए में बिकने लगी है। यह नकल जहां महानगरों में 50 रुपए में बिक रही है, तो छोटे शहरों में इसे महज 20 रुपए में खरीदा जा सकता है।

लो जी मजनू लिख लो शायरी दिखने वाली शायरी मजनूँ के लिये (Visual Shayari Majanu ke liye)

image

बबलीimage

याद तुम्हें हम करते रहे तन्हाई में,
दिल को डुबोया दर्द की गहराई में,
कोशिश न करना अब हमें ढूंढने की यारा,
सोच लिया अब गुमनामी में रहेगा दिल बंजारा,
पर ख्याल गर हमारा शिद्दत से तुम्हें आए,
तो मिल जायेंगे हम तुम्हारी ही परछाई में !

"एक मुक्तक" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

 

आँखें कभी छला करती हैं,

आँखे कभी खला करती हैं।image


गैरों को अपना कर लेती-

जब भी चश्म मिला करती हैं।।

ये किसी मंदिर,धर्मस्थान या तीर्थस्थल का प्रवेश द्वार नही है,प्रेस क्लब है प्रेस क्लब्।
image आधा घण्टा चलने वाली कांफ़्रेंस एक घण्टे से ज्यादा चली।सभी तरह के सवाल हुये और दूसरों के बहाने अपनी तक़लीफ़ के निराकरण के उपाय भी पूछे गये।देर तक़ चलने के कारण दूसरे कार्यक्रम भी लेट होते चले गये।सबके बाहर आने के बाद मैने क्लब के सह सचिव दामू आम्बेडारे से पूछा कि तू क्या कर रहा था बे?तूझे क्या तक़लीफ़ है?साले तेरे कारण लोग तक़लीफ़ मे हैं,तेरे घर मे कलह होते होते बची है।तू अंदर क्या छुड़ावाने गया था?लंद-फ़ंद?अरे भैया आप भी ना,बस मेरे ऊपर ही डाऊट करते हो।तो,मैने कहा,और किस पर करूं,तू बता?ये आपका प्रभूदीन अंदर बैठ कर भी झूठ बोल रहा था।अब प्रभूदीन भड़क गया और बोला तू
एक गोत्र में प्यार और फिर शादी करने पर सजा-ए-मौत

image एक बार फिर इंसानियत को बदनाम करते हुए एक गोत्र में प्यार और फिर शादी करने पर लड़की के घर वालों ने कपल्स को ऐसी सजा दी है कि सुनने वाले भी सिहर जाएं। मामला कहीं दूर का नहीं भारत की राजधानी के नरेला इलाके का है। प्रेमी जोड़े के घर से भागकर शादी करने के बाद लड़की के घरवालों ने बहाने से दोनों को वापस बुलाया। इसके बाद लड़के की हत्या कर दी और युवती को घर में बंधक बनाए रखकर कुछ रिश्तेदारों ने बलात्कार भी किया। किसी तरह लड़की अपने परिवार वालों के चंगुल से भागने में सफल रही और नरेला थाने में आकर इसकी खबर दी। इसके बाद सोनीपत की नहर से युवक की लाश निकालकर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। लड़की के पिता और नाबालिग भाई समेत पांच मुलजिमों को गिरफ्तार किया गया है।

महापुरुषों के सदविचार ....जो युद्ध की सी तत्परता व्यक्त नहीं करता है वह हार जाता है.

०  जब तक तुम स्वयं अपना उद्धार करने के कमर कसकर खड़े नहीं होंगे तब तक करोडो ईसा मुहम्मद बुद्ध या राम मिलकर भी आपकी रत्ती भर मिलकर सहायता imageनहीं कर सकते . इसीलिए दूसरो की और मत ताको अपनी सहायता आप करो .
० कर्तव्यपालन करते हुए मौत मिलना मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी सफलता और सार्थकता मानी गई है .

नौकरी में सफलता के सूत्र- जरुर पढिये बड़े काम के हैं

imageराम-राम भाई......हाँ यार जाना तो है ही, चाहे बरसात हो या ओले गिरे या आग लगे ..... पापी पेट का सवाल है" 

"हाँ भैया....... पापी पेट की खातिर तो सब करे के लागी.......पान लगाओं"image

 

"लीजिये भैया........ हमने पान छलिया के

हाथ से लिया ही था कि सुनाई दिया......"पाय लगी महाराज.......

 
...मत बनाना मेरा बुत, मेरी मौत के बाद....

 

मैं हमेशा चलना चाहता हूँ,

बोलते रहना चाहता हूँ,

सुनते रहना चाहता हूँ, image

मत बनाना मेरा बुत,

 

ग़ज़ल/यार नहीं जो काम न आएimage

यार नहीं जो काम न आए।
प्यार वही जो साथ निभाए।
आता वक्त बुरा तो अक्सर,
जिससे आशा वो ठुकराए।
दिन में ही कुछ कोशिश कर लो,
जिससे काली रात न आए।
वक्त अगर बीतेगा ये भी,
दोबारा फिर हाथ न आए

काफी दिनों से एक बात बराबर मन मे हैं सो आज आप लोग के सामने एक प्रश्न के रूप मे दे रही हूँ ।

जब हमारा जन्म होता हैं किसी घर मे और हम वहाँ रहते हैं तो ये क्यूँ कहा जाता हैं " अपने माँ - पिता के घर मे रह रहे हो " अगर हमारी बात पसंद नहीं हैं तो निकल जाओ । क्या किसी घर मे जन्म ले लेने मात्र से ही हम उस घर के " नैचुरल सिटिज़न " नहीं हो जाते हैं ? फिर वो माता - पिता का घर क्यूँ कहलाता हैं । ये बात पुत्र और पुत्री दोनों के सम्बन्ध मे लागू होती हैं और निरंतर सुनाई देती हैं ।
जहाँ भी शादी के बाद अगर बेटा माँ -पिता सब साथ रह रहे होते हैं तो सब यही कहते हैं " अरे आप बडे भाग्यवान हैं आप का बेटा आप के साथ रह रहा हैं " और अगर किसी वजह से लड़का और बहु की रसोई अलग हैं तो सुनाई देता हैं " रह आप के घर मे रहे हैं और खाना अलग पकाते हैं ""

"ब्लॉगिंग सिर्फ नेट तक ही सीमित नही है!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

आज के अतीत के झरोखे में जानिए सामूहिक गरियाने की गणित, लाभ व उपयोग   राजीव कानपुर,

हाल ही में एक बंधु ने हम पर मज़ाकिया आरोप लगाया कि हम अपने कुछ साथियों को गरियाये रहे। उस समूह के हम स्वयं भी जबरिया सदस्य हैं। सही बात तो यह है कि हमने वास्तव में गरियाया तो नहीँ ही था, पर जब इस पर कुछ ध्यान गया, विचार-मंथन किया तो कुछ विचार अमूल्य रत्न की भाँति मिले। कुछ-कुछ वैसे ही - जैसे कि दूघ के मंथन से मक्खन या जैसे देवासुर समुद्र मंथन होने पर, पहले हलाहल व उसके बाद अलभ्य रत्न मिले थे।
हलाहल तो हम पी(क) गये! विचार रत्नों को आपके साथ बाँटते हैं।
-------------------------------------------------------------------
गरियाने से नुकसान तो जो होता हो वह तो मालूम नहीँ, पर उससे कुछ तो फायदे होते हैं ही। गरियाने की परम्परा निश्चय ही उतनी ही प्राचीन होगी जितनी कि मानव-सभ्यता। शायद यह प्रकृति प्रदत्त वरदान हो, शायद मनोवैज्ञानिक भी मानते हों कि गरियाने से मन पर बोझ हट जाता हो! निर्बल का संबल है यह। यहाँ पर हम गरियाने के एक विशिष्ट स्वरूप की बात कर रहे हैं।

टीप के ऊपर टिप्पा, कर लो लारा लप्पा..

अजय झा जी की टिप्पणी चर्चा

देखिये जी ई बात देखा जाए....हमरे चच्चा तो मालिक हैं ...हम सेवक भतीजा हैं उनके...चचा जईसन धांसू-फ़ांसू, और ठांसू चर्चा ..ऊ भी सचित्र अमर कथाएं टाईप ..हमरे बस का बात नहीं था ....मुदा जब आप लोगन को ठोक ठोक के टीपते देखे ..तो सोचे काहे नहीं ई को नए अंदाज ..लपेट दिया जाए.....आप लोगन तो टीप के निकल लिये...मुदा कहां जी....हम का कहते हैं उसके बाद ...उहो तो सुनते जाईये न....देखिये देखिये..गोसियाईयेगा नहीं...अरे ठिठोली किये हैं जी ..

अब " नजर-ए-इनायत "

image अब कहां जाएगी पिंकी!!  स्टार बनना किसे अच्छा नहीं लगता. यंगस्टर्स का सपना होता है सेलिब्रिटी बनने का. पैरेंट्स भी तो चाहते हैं उनके बच्चे नाम रौशन करें पूरी दुनिया में. सपनों को साकार होते देखना अच्छा लगता

image अमर उजाला में 'विचार' व 'अरविंद कोशनामा' अगस्त 2009 को अमर उजाला के नियमित स्तंभ 'ब्लॉग कोना' में विचार व अरविंद कोशनामा की पोस्ट्स
दिल तो क्या चीज़ है जान से जाएँगे- नुसरत ऐसा बनना सवारना मुबारक तुम्हें, कम से कम इतना कहना हमारा करो, चाँद शरमाएगा चांदनी रात में, यूँ न जुल्फों को अपनी संवारा करो । यह तबस्सुम यह आरिज़ यह रोशन जबीं, यह अदा यह निगाहें
image 'अपराधी शहर में रह सकता है, भिखारी है तो बाहर कर दिया जाए!?': हाई कोर्ट हाई कोर्ट ने भिखारियों के मुद्दे पर दिल्ली सरकार के रुख की तुलना महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के रवैये से की है। दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार

बवालों सी रातें फ़सादों से दिन हैं, बवालों सी रातें जवानी की सरकश मिसालों सी रातें अदद नौकरी की फ़िकर मे कटा दिन कटें कैसे, भूँखे सवालों सी रातें उजालों मे झुलसे नजर के शज़र जब बनी हम-सफ़र, हमखयालों सी रातें खिलता अगर तेरी कुर्बत का चंदा निखर जातीं दिन के उजालों सी राते
image आग बुझा नही पा रहे चलें हैं सुपर पॉवर बनने….भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी तनाव पैदा होता है तो टेलिविज़न पर आने वाले रक्षा विशेषज्ञ यही कहते है की हमारे पास पाकिस्तान के मुकाबले बहुत ताक़त है अगर हमारा पाकिस्तान से झगडा हो गया तो उसे पूरी तरह से हमें एक महीना से ज्यादह नही लगेगा। हमारा

इलाहाबादी चिक्-चिक् का मतलब ! पिछले कई दिनो से जारी इलाहाबादी चिक-चिक बंद होने का नाम नही ले रही है। इलाहाबाद में सम्पन्‍न हुई ब्‍लागर मीट के बाद से शामिल होने वाले भी और न शामिल होने वाले लिखने पढने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। कहने वाले कुछ भी कहे किन्‍तु यर्थात से मुँह नही
image मर्यादा पुरुषोत्तम रावण!मेरा मन अर्जुन की स्थिति को प्राप्त हो गया है। मैं इधर जाऊं या उधर जाऊं, यह निर्णय नहीं कर पा रहा हूं। मेरा मन बार-बार कृष्ण-कृष्ण का जाप करने लगता है। जहां तक उसकी पहुंच है, वह कृष्ण को खोजने लगता है। ताकि कहीं तो एक अदद कृष्ण मिल जाए और वैचारिक

image श्रवणकुमार की कथा - अयोध्याकाण्ड (19)महाराज दशरथ ने कहा, "कौशल्ये! यह मेरे विवाह से पूर्व की घटना है। एक दिन सन्ध्या के समय अकस्मात मैं धनुष बाण ले रथ पर सवार हो शिकार के लिये निकल पड़ा। जब मैं सरयू के तट के साथ-साथ रथ में जा रहा था तो मुझे ऐसा शब्द सुनाई पड़ा मानो वन्य हाथी गरज रहा हो

ब्लाग्जगत मे नये चिट्ठे -

जनपक्ष टुडे

अपने खेतों की सुध लो प्रवासियों

यूं तो प्रदेश का उद्यान विभाग राज्य बनने के बाद से मृत पड़ा हुआ है लेकिन अब प्रदेश में हार्टीकल्चर को नया चेहरा देने के लिए सरकार प्रवासी उद्यान योजना लाने पर विचार कर रही है । इस योजना पर अगले दस सालों में 81 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है ।
उत्तराखंड का उद्यान विभाग राज्य के उन विभागों में शामिल है जो अफसरशाही के जनविरोधी रवैये के कारण अंतिम सांसे गिन रहा है । लगभग 3500 कर्मचारियों और अफसरों के इस विभाग के पास हालांकि प्रदेश में बागवानी क्रांति करने का जिम्मा है लेकिन विभागीय मंत्रियों और विभागीय अफसरों ने बागवानी विकास के बजाय फाइलों में बाग उपजाए और राज्य और केंद्र सरकार का करोड़ों रुपये बागवानी विकास के नाम पर डकारते रहे । वह भी तब जब पड़ोसी राज्य हिमाचल में बागवानी ने आम लोगों के जीवन स्तर में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया । हिमाचल में समृद्धि का जो रुख आज चमक रहा है वह बागवानी का ही करिश्मा है ।

अब दीजिये इजाजत
नमस्कार

21 comments:

Randhir Singh Suman said...

Bahut badhiyaan

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

पंकज मिसिर जी-राम-राम भाई,
एक गंभीर विषय छुट गया भाई
आज निगाह रखे-आपको बधाई
चिट्ठा चर्चा अच्छी रही भाई

Arvind Mishra said...

इतना परिश्रम करते हैं पंकज आप -एक उत्कृष्ट चयन और संकलन -बधाई भी आभार भी !

समयचक्र said...

भाई बढ़िया चर्चा अच्छी पोस्टो का समावेश किया है . धन्यवाद

मनोज कुमार said...

आप भी चर्चिया लिए, हमहू टिपिया दिए।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बहुत खूब ! और शुक्रिया पंकज जी !

Meenu Khare said...

धन्यवाद पंकज आपने बेगम अख़्तर को सम्मान दिया.

राजकुमार ग्वालानी said...

आपका अंदाज है जुदा
जिस पर हैं सब फिदा
होना न कभी ब्लागिंग से जुदा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

चर्चा बहुत बढ़िया रही।
कुछ ब्लॉगर्स की पहली पोस्ट की भी
चर्चा कर दिया करो।
अच्छा लगता है।

samaj.darshanindia.blogspot.com said...

sab to thik hai par e bat thora khatak rahi hai ki ap kabhi pankaj mishrA HOTE HAI AUR kabhi pankaj mishr

Arshia Ali said...

पंकज जी, बहुत श्रम से आप यह काम कर रहे हैं। बधाई स्वीकारें।
--------
स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाती तकनीक।
चार्वाक: जिसे धर्मराज के सामने पीट-पीट कर मार डाला गया।

Anonymous said...

thanks for including naari blog in your coloumn

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत लाजवाब चर्चा, बहुरंगी और बहु आयामी चर्चा. आज बेगम अख्तर के बारे मे मीनू खरे जी की बेहतरीन पोस्ट शामिल करने के लिये आपका विषेष आभार. इस पोस्ट मे बेगम अख्तर की गाई चुनिंदा बेहतरीन गजले दी हुई हैं जो निश्चित ही लोगों को बेहद पसंद आयेंगी.

रामराम.

vandana gupta said...

pankaj ji
bahut hi badhiya charcha rahi aaj ki.
mat banana mera but.....
manushyon ke sadvichar...
shstri ji ka muktak
rampyari ka sawaal
500 crore ki diwali
ek gotra mein pyar

sab ek se badhkar ek rahe.........badhayi

अपूर्व said...

जुदा रंग हैं इस चर्चा के भी...भई बधाई

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

achchi lagi yeh charcha........

विनोद कुमार पांडेय said...

पंकज जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति होती है आपकी इस प्रयास के लिए जितनी तारीफ़ करें हम कम है..
बहुत बहुत धन्यवाद पंकज जी!1

Gyan Darpan said...

अच्छी पोस्टो के समवेश वाली बढ़िया चर्चा :)

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

हम तो हैरान हैं कि चर्चाकार इतनी मेहनत कैसे कर लेते हैं..यहाँ तो पूरा हफ्ता गुजर जाता है एक पोस्ट लिखने में :)

शरद कोकास said...

हेमंत जी और हिमांशु जी को किसकी नज़र लगेगी ? वे किसी को लगा आये हो तो यह औअर बात है ।

स्वप्न मञ्जूषा said...

Are Pankaj Baabu...!!
aap kauno HE MAN ho ka...??

पसंद आया ? तो दबाईये ना !

Followers

जाहिर निवेदन

नमस्कार , अगर आपको लगता है कि आपका चिट्ठा चर्चा में शामिल होने से छूट रहा है तो कृपया अपने चिट्ठे का नाम मुझे मेल कर दीजिये , इस पते पर hindicharcha@googlemail.com . धन्यवाद
हिन्दी ब्लॉग टिप्स के सौजन्य से

Blog Archive

ज-जंतरम

www.blogvani.com

म-मंतरम

चिट्ठाजगत