Sunday, December 20, 2009

श्रेष्ट ब्लॉगर सम्मान श्री महेंद्र मिश्र को (चर्चा हिन्दी चिट्ठो की

नमस्कार ...चर्चा हिन्दी चिट्ठो की " के इस अंक में पंकज मिश्रा हु ...
हिमांशु भाई आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने अपने इस छोटे भाई की सुध ली आप वापस आये और जोरदार वापसी की इसके लिए बधाई
आजकल लगभग हर जगह चर्चा में कुछ नया नए साल पर लाने की कोशिश हो रही है ..तो चलिए मै भी ऐसा ही कुछ नया करता हु और प्रस्तुत करता हु चर्चा एक नए अंदाज में ......
रहीम दास जी का एक कहावत है......
बड़े काम ओछे करे , तौ न बड़ाई होय !
ज्यो रहीम हनुमंत को, गिरिधर कहे ना कोय !!
इसीलिए मै तो कुछ नया नहीं करुगा क्युकी क्या फ़ायदा जो मै पहले कर चुका हु उसे ही कोई आज करके वाहवाही ले रहा है बड़ा होने के नाते तो ले ....मै तो अपने ही रस में रहुँगा .....

सुबह तो होगा शाम तो होगा , प्यार में अंजाम भी होगा !
बच के रहना हसीनो से तुम वरना कत्ले आम होगा !!
बस एक मन में आया और लिख दिया गंभीरता से मत लीजिये जनाब ....बस चर्चा पढ़िए आप

गिरिजेश राव ने आज प्रस्तुत किया है भारत भू के अमर सपूत क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खाँ वारसी का आखिरी खत ......जिस स्पिरिट के साथ मैं लिख रहा हूँ वह आप लोगों में नहीं है।

यह खत जब तुम्हारे हाथ में पहुँचेगा तब न मालूम तुम्हारा हाल क्या होगा। न मालूम उस वक्त मैं जिन्दा या राही-ए-अदम हो चुका होउँगा। मुझे पूरा इतमिनान है कि जेल के हुक्काम यह खत जरूर रवाना कर देंगे। जबकि यह मरने वाले की ख्वाहिश है। बहरहाल मैं लिख रहा हूँ, अब खुदा आलिम है कि क्या हो।
खैर, आखिरी हुक्म आ गया है, अब दो-एक रोज के मेहमान हैं। इसमें कोई शक नहीं कि मैं तख्त-ए-मौत पर खड़ा हुआ यह खत लिख रहा हूँ, मगर मैं मुतमइन व खुश हूँ कि मालिक की मर्जी इसी में थी।
बड़ा खुशकिस्मत है वह इंसान जो कुर्बान गाहे वतन पर कुर्बान हो जाए। गो कि यह फिकरा जिस स्पिरिट के साथ मैं लिख रहा हूँ वह आप लोगों में नहीं है।
यूँ आप को तकलीफ महसूस होगी।

चलिए आगे बढ़ते है ...गोदियाल जी को अचानक कव्वाली गाने की सूझी और उन्होंने गा भी लिया यो देखो लघु कब्बाली !

My Photoमेरे प्यार का जानम तुमने वाह, क्या सिला दिया !
जाम-ए-मोहब्बत दिखा घूंट, जहर का पिला दिया !!
अरमां-ए-दिल को खाक मे, पलभर मे मिला दिया !
जाम-ए-मोहब्बत दिखा घूंट, जहर का पिला दिया !!

ताउजी पहेली चकाचक चला रहे है और ये है   ताऊ पहेली - ५३ अंक बधाई आपको और अग्रिम बधाई जितने वालो को भी

यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.

 यह कौन सी जगह है?

अदा जी की बात मैं ऊँचाइयों का शिकार हूँ
मुझे ख़ुद पे क्यूँ न गुरूर हो
मैं एक मुश्ते गुबार हूँ
समझूँगा मैं तेरी बात क्या
पत्थर की इक मैं दीवार हूँ
आया हूँ बच के ख़ुशी से मैं
मैं सोगो ग़म का बज़ार हूँ
उड़ने की है किसे जुस्तजू
मैं ऊँचाइयों का शिकार हूँ

राज खुला हमारी पिछली टिप्पणियों का-शुक्रिया आशीष खंडेलवाल जी का

image ब्लाग जगत में कदम रखे हुए हमें एक साल भी नहीं हुआ है। इस अवधि में हमने कितनी पोस्ट लिखी है, इसका लेखा-जोखा तो हमारे पास है कि हमने कितनी पोस्ट राजतंत्र और कितनी खेलगढ़ में लिखी है। इसी के साथ हमें यह भी मालूम है कि हमारे ब्लाग में कितनी टिप्पणियां आईं हैं लेकिन हमने किस-किस के ब्लाग में टिप्पणी की है और अब तक कितनी टिप्पणियां की हैं, यह नहीं जानते थे। लेकिन कल आशीष खंडेलवाल जी की एक पोस्ट ने हमारे सामने यह राज उसी तरह से खोल दिया जिस तरह से इन दिनों राज पिछले जन्म का खोलने का सिलसिला एक तरफ टीवी चैनल में तो दूसरी तरफ ब्लाग बिरादरी में चल रहा है।

खुशी की बात !!!

 

श्रेष्ट ब्लॉगर सम्मान श्री महेंद्र मिश्र को
समीर लाल के बाद जबलपुर के  सबसे पहले    ब्लॉगर  के रूप में बंद कमरे में बैठ कर दुनिया जहान को जबलपुर से रू-ब-रू कराने वाले महेंद्र मिश्र जी अब केवल ब्लॉगर है शासकीय सेवा से मुक्त हुए मिश्र जी अब शुद्ध ब्लॉगर हैं . 

 

 

 

मित्रों!
काफी दिनों से "चर्चा हिन्दी चिट्ठों की में" आपके चिट्ठों को चर्चा के लिए प्रस्तुत कर रहा था। आप सबके स्नेह से मुझे बल मिला और स्वतन्त्ररूप से चर्चा करने के लिए यह "चर्चा मंच" तैयार कर लिया।
यह आपका सबका ही मंच है। आशा ही नही अपितु विश्वास भी है कि आपका प्यार पूर्ववत् मुझे मिलता रहेगा।

ब्लॉग वाणी और चिट्ठा-जगत को हार्दिक धन्यवाद के साथ-                          

आपके आशीर्वाद का आकांक्षी

डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक

अब नमस्कार !!

21 comments:

रंजन (Ranjan) said...

मिश्र जी को बधाई..

Arvind Mishra said...

थोड़ी और बड़ी चर्चा होनी थी

Himanshu Pandey said...

मिश्र जी को हमारी भी बधाई ।
व्यस्ततायें तो होंगी ही, समझ सकता हूँ । चर्चा थोड़ी और लम्बी जानी चाहिए थी । आभार ।

श्यामल सुमन said...

महेन्द् भाई को बधाई - आपने आज शार्टकट लगाई।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

Unknown said...

bahut achhi charchaa ,,,,,,,,,,,,

waah waah
badhaai !

मनोज कुमार said...

मिश्र जी को बधाई.चर्चा अच्छी लगी।

Gyan Darpan said...

मिश्र जी को हमारी भी बधाई ।

अजय कुमार झा said...

पंकज जी ,
व्यस्तता के बीच समय निकाल कर चर्चा कर डाली , यही बडी बात है ...अच्छी चर्चा और शास्त्री जी को तो पहले ही शुभकामना दे चुके हैं

दिनेशराय द्विवेदी said...

चर्चा मंच नए कीर्तिमान स्थापित करे!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

सुंदर चर्चा, बधाई

36solutions said...

महेन्‍द्र भाई को बधाई एवं चर्चा में शामिल अन्‍य ब्‍लागरों को शुभकामनांए. सुन्‍दर चर्चा. धन्‍यवाद.

Chandan Kumar Jha said...

सुन्दर चर्चा । बधाई !!!!

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत बढिया, व्यसतताओं के बीच ही सारगर्भित कथ्य निकलता है. जमाये रहिये.

रामराम.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

चर्चा-मंच और चर्चा हिन्दी चिट्ठों की मेरे ही तो ब्लॉग हैं।
जिस दिन हमारे सहयोगी अनुपस्थित दिखाई देंगे,
उस दिन की जिम्मेदारी सम्भालने के लिए हम हूँ ना!
चर्चा अनवरत होती रहेगी!

अविनाश वाचस्पति said...

थोड़ी ही सही है
बहुत अच्‍छी है

Mithilesh dubey said...

मिश्र जी को हमारी भी बधाई

निर्मला कपिला said...

मिश्र जी को बधाई.चर्चा अच्छी लगी।शुभकामनायें

दिगम्बर नासवा said...

मिश्र जी को बधाई....आपकी चर्चा अच्छी लगी .....

समयचक्र said...

बढ़िया चर्चा की भाई बहुत . जिक्र करने के लिए और उत्साहवर्धन और हौसलाफजाई करने के लिए आप सभी का आभारी हूँ . आप सभी के स्नेहिल भाव से मुझे ब्लागिंग में नई उर्जा मिलती रहती है

डा. अमर कुमार said...


यह सुसमाचार हम सब तक पहुँचाने के लिये चर्चाकार मयँक जी का हार्दिक अभिनँदन !
अखँड भारत के एक श्रेष्ठ नगर जबलपुर से श्रेष्ठ ब्लॉगर पैदा होना कोई नयी बात नहीं..
श्री महेन्द्र मिश्र जी की अतुलित मेघा एवँ असीमित ऊर्ज़ा को शत-शत नमन ।

बाल भवन जबलपुर said...

आपका आभारी हूँ शास्त्री जी

पसंद आया ? तो दबाईये ना !

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नमस्कार , अगर आपको लगता है कि आपका चिट्ठा चर्चा में शामिल होने से छूट रहा है तो कृपया अपने चिट्ठे का नाम मुझे मेल कर दीजिये , इस पते पर hindicharcha@googlemail.com . धन्यवाद
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