कोशीश यही होगी कि हिंदी के अच्छे पोस्ट को आपके सामने प्रस्तुत करू आगे आपका आर्शीवाद .
धन्यवाद .
आज के चर्चा कि शुरुआत करते है रंजना [रंजू भाटिया] जी के कहानी से .
एक बारिश की शाम
इसमे रंजू जी ने बहूत ही सलीके से एक नारी कि भावनाओं का वर्णन किया है
सारी तहज़ीब स्त्री के आधार पर बनी,घर ना होता तो, नगर ना होते ... नगर ना होते ,तो तहज़ीब ना बनती ...मर्द और औरत दोनो के सहज मन अलग -अलग होते हैं . .इस लिए प्रेम मर्द के लिए बंधन हो जाता है और औरत के लिए मुक्ति का मार्ग, पर वह बंधे रहना चाहती है सिर्फ़ अपने प्रियतम के प्यार से ..उसको खोने का डर उस पर हर वक़्त हावी रहता है ...
ऊपर दिए लिंक से आप वहा तक जा सकते है .
अब दूसरी पोस्ट की तरफ बढ़ते है ये है हमारे ताऊ जी कि पहेली नंबर ३७
आप यहाँ से जा सकते है पहेली बुझने के लिए http://taau.taau.in/2009/08/37.html
बताईये यह कौन सी जगह है?
अब आगे बढ़ते है लवीजा के बताये गए आईडिया की तरफ पापा को नींद से उठाने का आईडिया सिर्फ मेरे पास
आइये अब आपको लिए चलते है शब्दों के दंगल कि तरफ जहा पर हमारे साथ है डा. रूपचंद शास्त्री
’’अजीब दास्ताँ है ये.....’’
पाठक की संवेदना चोटिल होने पर लेखक-प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होग पाठक:अपनी रिस्क पर पढ़ें
ये ऊपर लिखी लाइन हमारे वकील साहब श्री दिनेशराय द्विवेदी जी कि है मुझे एक लाइन बहूत ही पसंद आयी.
हिन्दी में तो यह काम और भी आसान है। राइटर में वर्तनी की अशुद्धियाँ
बताने वाला टूल ही गायब है। हिन्दी को उस की जरूरत भी नहीं है। लोग उस के
बिना भी अपनी संवेदनाओं को ट्रांसफर कर सकते हैं।
मानसिक हलचल पर पढिये-
कैसा लगा प्रयास जरुर बताइए
भारत के बारे में फ्लेनेरी का कहना है -
जलवायु परिवर्तन - कहां कितना?
अमेरिका
और आस्ट्रेलिया के विपरीत कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां परिवर्तन बहुत कम हुआ
है। भारत विशेषकर ऐसा देश है, जहां प्रभाव बहुत कम रहा है। पूरे भारतीय उप
महाद्वीप में कम प्रभाव है। और, खबर अच्छी है कि; सिवाय गुजरात और पश्चिमी
ओड़ीसा को छोड़कर; अन्य भागों में सूखा पिछले पच्चीस सालों के पहले की तुलना
कम हो गया है। बंगाल की खाड़ी में तूफान कम आ रहे हैं यद्यपि वे दक्षिण में
ज्यादा आने लगे हैं। केवल उत्तर-पश्चिम भारत में बहुत गर्म दिनों की
संख्या बढ़ी है और वहां लू से मरने वालों की तादाद बढ़ी है।
कैसा लगा प्रयास जरुर बताइए
2 comments:
यह भी खूब है...
बहुत हीं सुन्दर प्रयास.
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