नमस्कार, पंकज मिश्रा……..आप सब के साथ………
क्या बात है ……अब तो चौपाई से समझाया जा रहा है मान्यवर को …..सही है भाई लगे रहो……लगे रहो….दो प्रवचन पर बबुआ माने तब ना…..बबुआ तो अबही भी कह रहे है कि और गल्ती करुगा और जब कोई विरोध करेगा तो क्षमा मांग लेगे बबुआ….का करे ये भी तो एक रोग है जो अब अपने अन्तिम समय पर है…
पर एकई बतिया बता देना चाहता हु महराज जी को कि इन सबसे पहले जो कुछ घटित हुआ है वह नीचे लिखे चौपाई के तर्ज पर हुआ है…
विनय न मानत जलधि जड,गये तीन दिन बीत!
बोले राम सकोप तब भय बिन होई न प्रीत!!
बिल्कुल सही और इसी तर्ज पर आगे बढे थे हमारे सरदार जी ….जय हो सरदार आपने तो गजब का भय दिखाया था..
अब चर्चा की शुरुआत करते है…..
सबसे पहले रतन सिन्ह शेखावत जी है और बता रहे है फ़्री इन्टरनेट कूपन के बारे मे ….
पिछले सप्ताह मैंने इन्टरनेट पर एक वेब साईट से एक पैकेज ख़रीदा | इस पैकेज की खरीददारी करने के बाद मुझे कुन्नु जी से पता चला कि इस वेब साईट ने इस पैकेज के लिए २०$ के छूट कूपन इन्टरनेट पर जारी कर रखे थे यदि आप उन्हें गूगल सर्च से तलाश कर लेते तो आपके २०$…..
दुसरे नम्बर पर है शरद कोकाश जी और बता रहे है शहीदों की प्रतिमाओं पर बैठेंगे रोज़ ही कौए ..
आज सुबह सुप्रसिद्ध गान्धीवादी विचारक एवं लेखक श्री कनक तिवारी का फोन आया “शरद , आज 7 दिसम्बर को प्रसिद्ध क्रांतिकारी सुखदेव राज का जन्म दिन है यहाँ से बारह किलोमीटर अंडा गाँव के पास उनकी प्रतिमा है ,चलो उन्हे माला पहना के आते हैं ।“
अधूरा रह गया दुबई देखने का ख़्वाब-मनोज वाजपेयी
इधर,दिल्ली में प्रवासी भारतीय फिल्म फेस्टीवल की योजना बन रही है। जिसके अवॉर्ड की ट्रॉफी के अनावरण के उपलक्ष्य में समारोह र खा गया था, मुझे उसमें भाग लेना था। बहुत अच्छा समारोह रहा। श्री अशोक चक्रधर, श्री राजीव शुक्ला, श्री साबिर अली इन सभी लोगों ने अपने अपने भाषण से लोगों का मन मोह लिया। लेकिन जो सबसे बड़ी उपलब्धी थी इस समासोह की तो वो मॉरिशस के राष्ट्रपति महामहिम अनिरुद्ध जगन्नाथ की उपस्थिति। वो इस समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद थे। उनकी सादगी देखकर मैं आश्चर्यकित और भौचक रह गया।
सन्गीता पुरी जी बतारही है ….2012 में इस दुनिया के अंत की संभावना हकीकत है या भ्रम ??
जिस तरह जन्म और मृत्यु जीवन का सत्य है , उसी प्रकार आशा और आशंका हमारे मन मस्तिष्क के सत्य हैं। जिस तरह गर्भ में एक नन्हीं सी जान के आते ही नौ महीने हमारे अंदर आशा का संचार होता रहता है , वैसे ही किसी बीमारी या अन्य किसी परिस्थिति में….
और दुसरी तरफ़ कुछ इसी तर्ज पर है पं.डी.के.शर्मा"वत्स" और बता रहे है जीवन में पुरूषार्थ और भाग्य.दोनों का ही अपना अपना महत्व है...............
भाग्यं फलति सर्वत्र न विधा न च पौरूषम शुराग कृ्त विद्याश्च:,वने तिष्ठंति मे सुता: " पांडवों की माता कुन्ती श्रीकृ्ष्ण से कहती है कि मेरा पुत्र महापराक्रमी एवं विद्वान है किन्तु हम लोग फिर भी वनों में भटकते हुए जीवन गुजार रहे हैं
अजय भाई आज लिखे है कुछ ये बात आप पूरी बात वही पढियेगा…यहा तो मै सिर्फ़ सबका ट्रेलर दे रहा हु ……अजय भाई ने लिखा है मौज बनाम फ़ौज ,: ब्लॉगर चिंतन , ब्लास्ट नहीं सुतली बम
बडका :- तब छोटका .....खूबे मौज चल रही है आजकल .......देखिये रहे हैं ...आ रहे हो .....जा रहे हो .. छोटका :- प्रभु ...प्रभु .....ई मौज का नाम मत लो .....आज कल ई शबद पर बहुते ....शनि ग्रह का प्रभाव चल रहा है .....अजित भाई को कहे हैं कि ई ...शब्द से
मुंबई ब्लॉगर्स मीट पर तीन रिपोर्ट आयी है अब तक एक तो रस्तोगी जी का …..और दुसरा है रश्मि रविजा जी की और तीसरी है मुम्बई टाईगर की
विवे क जी लिखते है मुंबई ब्लॉगर्स मीट – रपट – १ और रश्मी जी लिखती है घनी अमराइयों के बीच मुंबई ब्लॉगर्स की आत्मीय बैठक
मुंबई हिंदी ब्लॉग मिट
श्री सूरज प्रकाश जी ने सभी कों वेलकम किया. बाद मे गुलाब के फूलो से अविनाशजी का अभिवादन किया श्री विवेकजी ने . सभी बोल्गारो का स्वागत किया फुल हार के माध्यम से. यह देखा बड़ी ही प्रसन्नता हुई सभी ब्लोगर समान्तर रूप से बैठे थे. कोई बड़ा नहीं कोई छोटा नहीं . सभी कों अपनी भावनाओं कों रखने का समान रूप से अवसर मिला.
ताऊ श्री रामपुरियाजी एवं समीरलाल जी उड़न तस्तरी द्वारा भेजे शुभ सन्देश की जानकारी महावीर बी सेमलानी ने सभी ब्लोगरो कों दी . बारी बारी से सभी ब्लोगरो ने ने अपने ब्लोगिग सफ़र की यादे ताज की तो यूनिकोड कों ब्लोगिग जगत के लिए वरदान बताया. बिच मे बिच मे हसी एवं मोजा मस्ती के ठहाके भी सुनाए दी.
इस बिच चाय बिस्किट आ गाए . शमाजी ने अपने २० ब्लॉग होने की की जानकारी दी तो रश्मिजी रविजा ने भी अपने ब्लॉग "मन का पाखी " के बारे मे बताया . अविनाशजी ने अपने अनुभव बाटे. तो श्री आलोक नंदनजी ने अविनाशजी महावीर , सूरज प्रकाशजी का सुन्दर स्केश ही बना कर सभी कों आत्म विभोर कर दिया. सभी मुम्बईया ब्लोगर अपनी तेज भागती दिनचर्या कों आज विराम देकर बड़ी प्रसंता से पाँच घंटे तक आपस मे मंथन करते रहे और इस मंथन के पश्चात जो भी अम्रत निकलेगा वो ब्लोगिग सफ़र कों स्थाईत्वत़ा प्रदान करेगा.
करीब छ: बजे नास्ते के प्लेट लगा चुकी थी . विवेक जी के प्रयास की सहराना करनी पड़ेगी की इस मायानगरी मे मुंबई ब्लोगर मीट का सफल इंतजाम करा. शाम सात बजे इस भावना के साथ सभी ब्लोगरो ने अलविदा ली की हम एक बार फिर से जल्दी ही मिलेगे. सभी लोग घर की तरफ प्रस्तान कर दिया . सूर्य अस्त चुका था. जंगल मे अन्धेरा छा चुका था. रात के समय मे शेर-चीतों का भय सताना लाजमी था. अब एक नए सबेरे के इंताजर मे कल निकलने वाले नये सूरज के स्वागत करने निकल पडा मुंबई का ब्लोगर
खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (136) : आयोजक उडनतश्तरी नाम् से ही खुल्ला तब भी बबुआ कहत है कि नकाब लगाये बैठे है सब लोग…आजकल कमान सम्भाल रहे है समीर लाल जीचित्र देखिये और बताईये कि ये क्या है?
जी के अवधिया जी किस ब्लोगर ने किया कमाल?
प्लेन में सारे हिन्दी ब्लोगर्स थे। अचानक प्लेन के इंजिन में खराबी आ गई और पायलट को रेगिस्तान में क्रैश लैंडिंग करना पड़ गया। प्लेन को सावधानीपूर्वक रेगिस्तान में सुरक्षित उतार लिया गया। प्लेन के क्रैश होने पहले सारे ब्लोगर्स सुरक्षित दूरी तक पहुँच गये
मैं तस्वीर उतारता हूँ...नीरज गोस्वामी
फोटोग्राफी मेरा शौक है लेकिन इस विधा में मैं पारंगत नहीं हूँ. मेरे ख्याल से फोटोग्राफी में जो सबसे अहम् बात है वो है आपकी आँख. आप किस वक्त क्या, कैसे देखते हैं, ये बहुत महत्वपूर्ण है . उसके बाद कैमरे की गुणवत्ता और आपके हुनर का नंबर आता है.
और अन्त मे समीर लाल जी का कविता पाठ विडियो…
नमस्कार….कल की चर्चा शाश्त्री जी करेगे …
19 comments:
वाह बहुत बढ़िया लगा! विस्तारित रूप से लिखा गया है और साथ में काफी चीज़ों की जानकारी भी हुई! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई!
बेहतर लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा । आभार ।
पंकज जी
मन कह रहा है
चलो पंकज जी के पास।
बतलायें आप
कब पहुंचे हम।
हमेशा की तरह आज भी बेहतरीन चिट्ठों की बेहतरीन चर्चा |
बेहतरीन चर्चा ...!!
bahut badhiya.
आनन्द आ गया, पंकज...लौटॆ, बेहतरीन लगा!! ऐसे बेहतरीन लिंक्स के लिए आभार.
सुंदर चर्चा, बधाई!
बढिया सुंदर चर्चा-आभार
इस बेहतरीन चर्चा के लिये पंकज जी को धन्यवाद!
आज भी बेहतरीन चर्चा !
बेहतरीन चर्चा.. धन्यवाद
भाई जी चर्चा तो चका चक रही।
अच्छा ही हुआ कि चर्चा देखने के लिए इधर आ गया!
नही तो कल की पोस्ट की गैरहाजिरी हो जाती!
सुंदर चर्चा ........... आभार .......
बहुत चकाचक चर्चा.
रामराम.
बहुत ही बढिया रही ये चर्चा.....
ई चिट्ठा चर्चा बढ़िया हैं बधाई
nice
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