मैं सर्किट भाई चर्चा हिन्दी चिट्ठो की !!! पर आप का स्वागत कर रयेला है. आज मैं इदर दरिया किनारे हवा खाने कू आयेला था कि मेरे कू पंकज भाई मिल गयेला और बडॆ प्यार से हमकू बोला कि सर्किट भाई आज तुम हमारे एरिया मे आयेले हो तो चाय पीकेई जाना पडेंगा ना भाई.. तो हम इदरईच चाय पीने के वास्ते रुक गयेले थे.
तबी इदर मुन्ना भाई का फ़ोन आगयेला कि सर्किट मेरे कू अबी की अबी ब्लाग चर्चा सुनने का है…मैं बोला अबी आता ना भाई मैं… तो पंकज भाई बोला कि – सर्किट भाई..आप काहे कू टेंशन ले रयेला है?..आप इदरईच से मुन्ना भाई को चर्चा सुना डालने का…
मैं पूछा …पंकज भाई ये क्या बोल रयेला है तुम? इतनी दूर से कैसे सुनायेंगा हम चर्चा? तो पंकज भाई बोला – अरे सर्किट भाई..टेण्शन नईं लेने का..आप ये मेरा लेपटोप पकडो..इसपर पढो और ये मोबाईल कान मे डालने का…और इससे चर्चा सुना डालने का मुन्ना भाई को…वाह बीडू क्या झकास आईडिया निकाल दियेला है बाप…अब ईदरईच से चर्चा शुरु कर रयेला है…हैल्लो मुन्ना भाई…अबी चर्चा मोबाईल को कान मे डालकर सुनने का भाई..और टेंशन नईं लेने का…तो आज मैं शुरु कर रयेला है…आकांक्षा जी शब्द-शिखर पर बता रयेली हैं..
क्रिसमस से नव-वर्ष के दौरान बंद रहेंगे याहू, एडोब व एप्पल जैसी कंपनियों के दफ्तर
सुनने में अजीब लगता है पर यह सच है. खर्चो में कटौती की योजना के तहत तमाम कम्पनियाँ एक सप्ताह के लिए अपने दफ्तर बंद कर रही है। इस दौरान इन कार्यालयों में सिर्फ अनिवार्य काम होगा। वस्तुत: बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अब मंदी के दौर में खर्चों में कटौती के नए उपाय तलाश रही हैं और इसी क्रम में ये कदम उठाये जा रहे हैं. वित्तीय वर्ष का अंत भी मार्च में हो जायेगा, उससे पहले इन नामचीन कंपनियों को अपने को लाभ में दिखने के लिए तमाम पापड़ बेलने पड़ रहे हैं.
एम. वर्मा जी जज़्बात शिनाख़्त करो खुद की ~ कविता पढवा रयेले हैं…
शहर के इन रेंगते वाहनों के बीच
शिनाख़्त करो खुद की
जीजिविषा से परे
हर पल डरे-डरे
मुट्ठी में रेत लिये
क्या तुम खुद ही के ख़िलाफ़
योगेन्द्र मौदगिल चर्चा पान की दुकान पर …पर म्हारा ताऊ ...... का किस्सा सुना रयेले हैं.
भाटिया जी का वहीं रहण का इरादा देख कै ताई बोली, रे बीजमरे, यो तेरा भाटिया जी तो न्यू लाग्गै अक कुणबे नै लेकै अड़ैई सोवेगा.......... अर म्हारै फालतू खाट कोनी.......... ईब के करैं..........ताऊ बोल्या.......... ताई बणगी अर अकल रिवाड़ी छोड़ यायी........... इस म्हं चिंता के........... यहां पड़ौस मैं नीरज जी रहवैं सैं उनकै तै खाट मांग ल्यावांगें............ मैं ईब गया अर ईब आया
न्यू कहकै ताऊ नीरज जी कै चाल पडया
नीरज जी नै दरवज्जे की घंटी सुणी अर दरवाजा खोलते ही ताऊ नै देख कै खुसी तै चिल्लाया.............. वैलकम.. स्वागतम.. वैलकम.. स्वागतम..
घुघूतीबासूती जी काश, बिना दुर्घटना के सीट बेल्ट पहनना सीख लिया होता !…मिसफिट बिल्लोरे भाई हास्य-व्यंग्य सुना रयेले हैं…डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर रायटोक्रेट कुमारेन्द्र बता रयेले हैं पढ़ के तो देखो - गद्य और पद्य का अद्भुत साम्य है नयी कविता और देशनामा पर मिलिए मल्लू आंटी से...खुशदीप मिलवा रयेले हैं…
उत्साही आंटी ने कुछ पल के लिए सोचा...फिर जवाब दिया...मैंने फोन की रिंग सुनी...ग्रीन, ग्रीन, ग्रीन...उसके बाद मैंने फोन पिंक किया...मैंने कहा यैलो...ब्लू इज़ दैट..व्हाईट डिड यू से...डोंट डिस्टर्ब परपर्ली एंड डोंट कॉल मी ब्लैक...
मैनेजर ने इतना सुना और गश खाकर गिर गया...
(अगर आपने इस मल्लू आंटी से मिलना है तो मेरे अंग्रेज़ी ब्लॉग Mr Laughter पर आइए...)
अनिल पूसदकर अमीर धरती गरीब लोग पर पूछ रयेले हैं…अभिव्यक्ति?कैसी अभिव्यक्ति?किसकि अभिव्यक्ति? इसके बाद मे दूसरे अनिल भाई यानि कि अनिल्कांत भाई मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति पर ज़िक्र (एक प्रेम कहानी)-अंतिम भाग पढवा रयेले हैं…और डूबे जी के कार्टून दिखवा रयेले हैं गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल' जबलपुर-ब्रिगेड पर…बी एस पाबला हिंदी ब्लॉगरों के जनमदिन पर बता रयेले हैं..आज प्रणय शर्मा का जनमदिन है ,,
अरे सर्कीट बधाई दे डालने का..प्रणय शर्मा जी..को अबी का अबी…
अरे भाई..आप काहे कू टेंशन लेते? मैं दिया ना अबी बधाई उनको…आप तो अब आगे चर्चा सुनने का….इसका बाद मे भाई ताऊ डॉट इन पर ताऊ शेर, ताऊ और न्याय सियार का वाला एपीसोड पढवा रयेले हैं..
शेर पर ताऊ की बातों का कुछ असर हुआ. और हो भी क्यों ना? आप किसी को जबरदस्ती चने के झाड पर चढादें और कहें कि वाह तुम तो नारियल के पेड पर चढ गये उस्ताद...आप जितना धुरंधर तो इस पूरे ब्लाग जगत में कोई नही है. ..और ऐसे पेड पर चढाने का काम तो ब्लाग जगत मे हम रोज ही करते हैं. जहां झाड छोडकर झाड का बीज भी ना हो वहां पर सौ फ़ीट का झाड बता कर उस पर चढाने मे माहिर हैं तो भला शेर की ताऊ के सामने क्या औकात? आखिर ताऊ भी खेटे खा खाकर इन चढाने उतारने के धंधों मे माहिर हो चुका था.
'अदा' जी काव्य मंजूषा पर महिलाओं में गाली, शराब और सिगरेट....!!! के बारे मे बहुत दमदार आलेक लिखेली हैं…
महिलाएं भी गालियाँ देतीं हैं...लेकिन ज्यादातर....या तो वो बहुत हाई क्लास औरतें होतीं हैं जो हाई क्लास गलियाँ देतीं हैं....अंग्रेजी में......या फिर नीचे तबके कि महिलाओं को सुना है चीख-पुकार मचाते....मध्यमवर्ग कि महिलाएं यहाँ भी मार खा जातीं हैं....न तो वो उगल पातीं हैं न हीं निगल पातीं हैं फलस्वरुप...idiot , गधे से काम चला लेतीं हैं....हाँ idiot , गधे का प्रयोग ही हम भी करते हैं....और बाकि जो भी 'अभीष्ट' गालियाँ हैं....उनमें कोई रूचि नहीं है...
महिलाओं का शराब पीना, सिगरेट पीना ...चरित्रहीनता के लक्षण बताये गए हैं .....
यहाँ इसपर कुछ कहना चाहूंगी...
तीसरा खंबा पर वकील साहब मद्रास फ्रांसिसियों के कब्जे में और न्यायालय की स्वायत्तता का अंत भारत में विधि का इतिहास-25 बता रयेले हैं…वाणी गीत जी ज्ञानवाणी पर विषकन्या के बारे मे बता रयेली हैं…
विषकन्या वे कन्याएं होती थी जिन्हे मौर्य शासन काल((321–185 B.C.E.)) में अभेद्य सुरक्षा से घिरे दुश्मन राजा अथवा महत्वपूर्ण पदों पर आसन्न शासन प्रबंधकों की हत्या के लिए चुना जाता था ....सुना है मौर्य सम्राट.
श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी आश्रम पर आज स्वामी महफूज़ानंद महाराज जी आश्रम के अर्थ-प्रबंधक घोषित कर दिये गयेले हैं भाई..
बहुत हर्ष का विषय है कि आज श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी के शिष्य बाबा स्वामी महफूज़ानंद महाराज जी को बाबा समीरानन्द आश्रम का अर्थ-प्रबंधक घोषित किया जाता है.
बाबा स्वामी महफूज़ानंद महाराज जी अपने ज्ञान, लगन, अर्थ-प्रबंधकीय अनुभव और आस्था के आधार पर इस महत्वपूर्ण पद को प्राप्त हुए हैं.
श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी का उन्हें विशिष्ट स्नेह प्राप्त है.
बाबा स्वामी महफूज़ानंद महाराज जी अति अनुभवी एवं ज्ञानी हैं. उनका अध्ययन एवं अर्थ प्रबंधकीय अनुभव सभी को लाभांवित करेगा, ऐसा श्री श्री १००८ बाबा समीरानन्द जी का विश्वास है.
आप सब उनका स्नेह एवं आशीष प्राप्त करें.
राजकुमार ग्वालानी राजतन्त्र पर बता रयेले हैं राज पिछले जन्म का-दर्शक बेवकूफ जन्म-जन्म का और राज भाटिय़ा मुझे शिकायत हे. Mujhe Sikayaat Hay. पर राज !! अगले जन्म का?? भाग २ बता रयेले हैं…ताऊजी डॉट कॉम पर रामप्यारी फ़िर से ताऊ की चोपाल मे : दिमागी कसरत – 25 करवा रयेली है….निर्मला कपिला जी वीर बहुटी पर कविता पढवा रयेली हैं…कल्पतरु पर सूर्यपुत्र महारथी दानवीर कर्ण की अद्भुत जीवन गाथा “मृत्युंजय” शिवाजी सावन्त का कालजयी उपन्यास से कुछ अंश – ३५ [युवराजों के कारनामे बताता कर्ण…] पढवा रयेले हैं…ललित शर्मा जी शिल्पकार के मुख से पर अरि दल बल थर्रा उठता था!!
अरि दल बल थर्रा उठता था सुनकर जिनकी हुंकारों को
योद्धा रण छोड़ भाग जाते थे लख जिनकी तलवारों को
वो करना सीखी सहन नही द्रोही के अत्याचारों को
पतिव्रता धर्म पर अटल रही हंस कर चूमा अंगारों को
वो भी श्रृंगार बनाती थी पर कमर कटारी कसी हुयी
ईश्वर की पावन भक्ति थी जिनकी रग-रग में बसी हुयी
उनकी संताने अरे आज कितनी फैशन में फंसी हुयी
अथवा विलासिता के कीचड़ में बुरी तरह से धंसी हुयी
वो क्या से क्या हो गई आज जब उनकी ओर लखाता हूँ
मैं तब व्याकुल हो जाता हूँ.
.डा. रूपचन्द्र जी शास्त्री मयंक चर्चा मंच पर चर्चा कर रयेले हैं "शेर, ताऊ और न्याय सियार का " (चर्चा मंच) ….काजल कुमार भाई कार्टून:- आओ, आज मुझसे मिलो…मिलवा रयेले हैं…
और आज की फ़र्रुखाबादी विजेता (151) : रेखा प्रहलाद बन गयेली हैं…
और श्यामल सुमन जी मनोरमा पर ये कविता पढवा रयेले हैं..
मन को मीत मिला न मन-सा।
भाव-जगत में हूँ निर्धन-सा।।
कहने को होते कुछ अपना।
लेकिन सच अपनापन सपना।
समझौता लाखों कर लें पर,
रहता जीवन में अनबन-सा।
मन को मीत मिला न मन-सा।
भाव-जगत में हूँ निर्धन-सा।।
पं.डी.के.शर्मा"वत्स" ज्योतिष की सार्थकता पर ग्रहों का हमारे शरीर पर पडने वाला प्रभाव और रोगों से बचाव के बारे में बता रयेले हैं…
ग्रह,नक्षत्र,तारे,वनस्पतियाँ,नदी,पर्वत,समस्त जीव जन्तु इत्यादि इन्ही पंचभूतों से निर्मित हुए हैं। वैदिक ज्योतिष की बात की जाए तो इसके आधार में "यथा पिंण्डे तथा ब्राह्मंडे" का यही एक सूत्र काम करता है। इसी आधार पर ग्रहों एवं नक्षत्रों से पृ्थ्वी पर उपस्थित प्राणियों के साथ आन्तरिक संबंध निरूपित होते हैं। अन्य पिण्डों के सापेक्ष सौरमंडल के पिण्डों का आपस में इतने निकट का सम्बंध है , जिस प्रकार से की एक मोहल्ले में बने हुए घरों का परस्पर सम्बंध एवं प्रभाव होता है।
उल्लास: मीनू खरे का ब्लॉग पर मीनू जी पूछ रयेली हैं..क्या पंकज सुबीर जी मदद करेंगे मेरी ?
बात दरअसल यह है कि आजकल मैं राष्ट्रीय एकता पर आधारित एक रेडियो डॉक्यूमेंटरी के निर्माण कार्य में लगी हुई हूँ जिसका शीर्षक है "हर धड़कन वतन के लिए." आज के समय में जब हर तरफ़ धार्मिक वैमनस्यता फैली हुई है और तुच्छ निजी स्वार्थ देश हित से बड़े लगने लगे हैं, जब धार्मिक कट्टरता का ज़हर देश की एकता और अखण्डता के लिए खतरा बनता जा रहा है,आरोप-प्रत्यारोपों के बीच जब सहिष्णुता एक मज़ाक सी लगने लगी है,जब संकीर्णता इतनी बढ़्ती जा रही है कि देश का सम्मान और देश की छवि भी दाँव पर लगने लगी है ऐसे में पूर्वांचल के कुछ मदरसे राष्ट्रवादी शिक्षा के दीपक से धार्मिक कलुषता के इस अन्धेरे को दूर भगाने का महान कार्य कर रहे हैं.
डॉ महेश सिन्हा संस्कृति पर बोल रयेले हैं.. हम रहते कहीं और हैं और हमारा मतदान कहीं और ? पी.सी.गोदियाल जी अंधड़ ! पर
यूँ तो बेवजह सुर्ख़ियों में आने का कभी शौक नहीं रहा, मगर जैसे कि शायद आप लोग भी जानते होंगे कि मेरे एक लेख की वजह से ब्लॉगजगत पर आजकल मेरी टी.आर.पी काफी ऊपर जाकर बैठी हुई है, इसलिए मैं फिलहाल कोई टुच्चा-मुच्चा लेख अथवा कविता लिखकर उसको नीचे नहीं लाना चाहता :) सन २००९ में मैं इस ब्लॉगजगत पर लगभग हर दिन उपस्थिति दर्ज करवाई , इसलिए सोचा कि चलो, जो साल जाने वाला है उसकी कुछ जो कविताये अथवा गजल मैं पढ़ पाया और मुझे अच्छी लगी, मैं यहाँ प्रस्तुत करू, ताकि अन्य ब्लॉगर मित्र जोकि उन्हें पढने से किसी वजह से वाचित रह गए हो, वे भी एक बार फिर से उन्हें पढ़ सके ! तो लीजिये प्रस्तुत है सब २००९ का काव्य लेखा-जोखा : यहाँ सिर्फ भिन्न-भिन्न रचनाकारों की मैं कविता या गजल के कुछ चुनिन्दा अंश ही प्रस्तुत कर रहा हूँ,साथ ही उस कविता या गजल का लिंक भी मैंने यहाँ पर दिया है, विस्तृत तौर पर आप उसे उस ब्लॉग पर जाकर पढ़ सकते है, और मुझे उम्मीद है कि इसपर किसी ब्लॉगरमित्र / रचनाकार को कोई आपति नहीं होगी !
रश्मि रविजा जी मन का पाखी पर मुस्कुराते चेहरों के पीछे का दर्द बता रयेली हैं…
अमेरिका के 1950 के दौर की कहानी है और बिलकुल हम से मिलती जुलती.(दुःख होता है,हम 60 साल पीछे चल रहें हैं)मिस वाटसन(जूलिया रॉबर्ट्स) की नियुक्ति लड़कियों के एक कॉलेज में होती हैं.वे पाती हैं,लडकियां बहुत मेधावी हैं,स्मार्ट हैं पर उनकी सोच एक परंपरा की शिकार है.जो कुछ सिलेबस में है,वे उसे तोते की तरह रट जाती हैं.उनकी अपनी कोई सोच नहीं है.लडकियां कॉलेज को टाईम पास की तरह लेती हैं, जबतक उनकी शादी नहीं हो जाती.(कुछ अपने यहाँ की कहानी जैसी नहीं लगती?)
खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (152) : आयोजक उडनतश्तरी ने आज ये तस्वी दिखाकर पहेली पूछेली है जिस पर ये चर्चा लिखे जाने तक 616 टिप्पणियां टपक गयेली थी और वहीं पर आज ताऊजी डाट काम पर १०,००० हजार से उपर टोटल कमेंट हो गयेले हैं…
चित्र देखिये और बताईये कि रामप्यारी मैम के पीछे कौन सी हिरोइन है और फ़िल्म कौन सी है?
और अब आखिर में स्मार्ट इंडियन An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय पर हम नहीं सुधरेंगे - बीबीसी हिन्दी सेवा बता रयेले हैं अनुराग शर्मा जी..
छः मास हुए, मैंने एक पोस्ट में बीबीसी हिन्दी सेवा के हिन्दी समाचारों में हर तरफ़ इफरात में बिखरी वर्तनी, व्याकरण, प्रूफ़-रीडिंग आदि की गलतियों की और ध्यान दिलाने का प्रयास किया था. आज के समाचार पढने एक बार फिर गलती से वहां चला गया तो वे फिर से हिन्दी की कहावत ढाक ते तीन पात का मतलब चरितार्थ करते हुए नज़र आये
और समीर जी आप शरीर से जितने भारी लगते हो आपकी आवाज उतनी ही पतली है ये बोल रयेले हैं पंकज मिश्रा भाई...
नही समझे अरे भईया बादशाह है ही कितने अपने समीर लाल “समीर” जी की बात कर रहा हु …..ह तो अपने ब्लागजगत के बादशाह श्री मान समीर लाल जी का फ़ोन आया हमारे पास ….मै तो नम्बर देख कर ही समझ गया कि यह भारत मे तो कही से नही नम्बर है क्युकि यहा से लगभग सारे नम्बर का पहला दुसरा तो मालूम ही रहता है .
अच्छा भाई अब अपुन फ़ोन बंद कर रयेला है…अबी पंकज भाई के यहां से खाना खा के और पानी पी के निकल रयेला है भाई…दुपहर तक मुंबई पहुंच के आपके पास आ रयेला है भाई…और साथ मे ठनठन गोपाल बुंदेलखंडी भाई बी आ रयेले हैं…अब सबकू सलाम नमस्ते…..
30 comments:
सर्किट की भाषा सहित चर्चा लगी नवीन।
मेरी कामना आप हों चर्चाकार प्रवीण।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
सभी शानदार चर्चाओं का एक भंडार आज सुबह की यह चिट्ठा चर्चा...बहुत अच्छा लगा..बढ़िया अंदाज ..बढ़िया चिट्ठा चर्चा..बधाई
वाह क्या शानदार जानदार चर्चा भयेली है !
आईला इधरिच भी सर्केश्वर आयेला है...
वाह बिडू पुरकस डिमांड है भाई....
अबी तुमको अपना रेट बढ़ाने का... क्या...!!
हा हा हा..
मस्त चर्चा कियेला है.....
आक्खा ब्लॉग जगत में....सोलिड नाम कियेला है बाप...
अबी तुमको अपुन चर्चेश्वर बोलेंगा तो कैसा होएंगा ???
हा हा हा..
सर्किट जी!
बढ़िया चर्चा है!
मेरे नाम के आगे डॉ. नही लगाया ठीक ही किया!
कल्चर ही ऐसी है!
आजकल तो चाचा को भी चाचा जी नही!
रूपचन्द अंकल ही कहा जायेगा ना!
हम तो भइया आदत से मजबूर हैं!
इसीलिए छोटों को भी आदर से जी लिखते हैं।
बहुत सुंदर चरचा, सर्किट बधाई
अदा जी का विशेषण ’चर्चेश्वर’ तो जम रहा है भई ! यही चलेगा ।
बेहतरीन चर्चेश्वर-चर्चा । आभार ।
मस्त चर्चा कियेला है भीड़ू
बी एस पाबला
nice
वाह जी वाह...बहुत जगह यहीं से पहुँचे..कितना आभार?? बहुत सारा,
क्या रास्चिक चर्चा करेले हैं मुन्ना भाई ....चर्चा में शामिल करने का बहुत शुक्रिया ...!!
वाह सर्किट भाई आप तो फ़्री लांसर चर्चेश्वर हो गयेले हैं. आनंद आता है आपकी चर्चा में.
रामराम.
ऊँ चर्चेश्वर महादेव की जय !
@ डॉ. रूपचन्द्र जी शास्त्री मयंक,
डाक्टर साहब अपुन आपसे बिन शर्त माफ़ी मांग रयेला है. अपुन अपने सिस्टम पर नही था इसलिये मिस्टेक से मिस्टेक हो गयेला है. आप तो अपुन का प्यारा चच्चा है. अपुन आपके चर्चा मंच का बी बहुत बडा एक्जास्ट फ़ैन है. अपुन उदर से बी चर्चा करने कू मंगता है. तो अपुन के प्यारे प्यारे शाश्त्री चच्चा जी इस भतिजे को माफ़ करने का और अपना आशिर्वाद बनाये रखने का...क्या?
@ डॉ. रूपचन्द्र जी शास्त्री मयंक
अबी आपका नाम मैं इदर ठीक कर दियेला हूं और अपुन को sarkitcharcha@gmail.com पर संपर्क करने का...क्या?
आज तो बिंदास चर्चा करेले हैं सर्किट भाई!
जय हो चर्चेश्वर महाराज की...
नया शब्द कॉयन करने के लिए अदा जी का आभार...
जय हिंद...
acchi charcha rahi badhai .
नया अंदाज निराला है...
एक और धमाकेदार चर्चा, बहुत खूब !
Dhaansu charcha.
--------
2009 के श्रेष्ठ ब्लागर्स सम्मान!
अंग्रेज़ी का तिलिस्म तोड़ने की माया।
ारे सर्किट आप चर्चा कमाल के करेला है धन्यवाद्
अच्छा, सर्किटाचार्य भी चिठ्ठाचर्चक होगये हैं। ये तो फिल्म के पात्र हुआ करते थे। फिल्म-विल्म कम चल रही हैं क्या?! :-)
अरे! सर्कटानन्द यहाँ भी पहुँच गये :)
एकदम बढिया चर्चा !
भाई ये भी अंदाज़ बहुत पसंद आया चर्चा का ...........
बहुत सुंदर सर्कीट भाई
अच्छा है, इत्ता सारा माल एक इ पन्ने पे
बढिया चर्चा ।
मुन्नाभाई! ने आपको याद कियेला है.
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