नमस्कार! मै पंकज मिश्रा आपके साथ.
सबसे पहले आप सब मेरे तथा मेरे परिवार की तरफ़ से दीवाली की शुभकामनाये स्वीकार किजिये..और इस दीपवली पर कम से कम पटाखे जलाईये प्रदुषण बचाइये, यह तो मै कह दिया बाकी आप जैसा सोचे करे..
अचानक प्रकट हुआ देखकर हैरान है आप सब ना? मै भी हैरान हु कि मुझे समय ने इतना मजबूर क्यु कर दिया है कि मै आप सबसे दूर रहने पर मजबूर हु, खैर चलिये ये अब बातें तो होती रहेगी आप सब चर्चा पर ध्यान दिजिये.
शुरुआत हमेशा की तरह आज भी गुरुदेव समीर लाल जी से ही होवेगी..समीर जी ने दीपवली के शुभ अवसर पर लिखा है कि-
और साथ मे है शुभम मिश्रा जी ब्लाग फ़ार वार्ता के लिये
जीवन की कड़वाहट हर ले | * छोटे बच्चों को स्वयं पटाखे जलाने को न दें। उनके साथ किसी वयस्क को अवश्य रहना चाहिए। * पटाखों को कभी भी जेब में न रखें। * पटाखों पर झुककर उन्हें नहीं चलाना चाहिए। पटाखों को कभी भी टिन के डिब्बे या कांच की बोतल में रख कर न जलाएं। |
मन में जो उजियारा कर दे | तमन्ना- ए- चराग़- ए- दीवाली - हर आँगन बिखरे आलोक - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा |
अब आगे चलते है श्रीमान डा. अरविन्द मिश्रा जी के ब्लाग पर.
मिश्रा जी ने बताया है कि
बीन बैग्स पर बैठ कर बिग बास देखने का मजा ही कुछ और है!
वैसे हम सभी देखते है ऐसी वस्तुये लेकिन जानने की जागरुकता नही होती लेकिन आप इस लेख के माध्यम से जान सकते है कि-
बीन बैग एक पोर्टेबल सोफा है जिसे आप अपनी सुविधानुसार किसी भी तरह का आकार प्रकार दे सकते हैं ,वजन में फूल की तरह हल्का ,बस विक्रम वैताल स्टाईल में कंधे पर टांग लीजिये और जहां भी चाहिए धर दीजिये और पसर जाईये ...इसमें जो कथित "बीन" है वह दरअसल इसे ठोस आधार देने के लिए इसमें भरा जाने वाला कृत्रिम बीन-सेम या राजमा के बीज जैसी पी वी सी या पालीस्टिरीन पेलेट होती हैं जो बेहद हल्की होती हैं! वैसे तो बीन बैग्स के बड़े उपयोग है मगर हम यहाँ इसके बैठने के कुर्सीनुमा ,सोफे के रूपों की चर्चा कर रहे हैं .हो सकता है कि इस तरह के बैग नुमा मोढ़े के आदि स्वरुप में सचमुच सेम या अन्य बीन की फलियाँ ही स्थायित्व के लिए कभी भरी गयी हों मगर अपने अपने हल्के फुल्के रूप ये पाली यूरीथीन फोम जैसे हल्के पदार्थ के बीन -बीज/दाने नुमा संरचनाओं से भरी हुई १९६० -७० के दशक में अवतरित हुईं -मगर ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुईं ...और लम्बे अरसे के बाद फिर १९९० के दशक और फिर अब जाकर तो इनका तेजी से क्रेज बढ़ा है .
अब बात चल रही है बिग बास की तो चलिये बिग बांस के ब्लाग पर अर्थात ताऊ जी के ब्लाग पर.
आज बिग बास ने दिया है दीपवली की शुभकामनाये !
ब्लागर्स बिग बास की तरफ़ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और साथ मे लिखते है कि-
भूलियेगा मत !
ब्लागर्स बिग बास
लौट रहे हैं
दीपावली की छुट्टियों के बाद ।
तो
मिलते हैं दीपावली की छुट्टियों क बाद
पराया देश पर राज भाटिया जी राम रतन धन का वीडियो लगाया है आप भी देख और सुन सकते है यहा क्लिक करके-
पर्व है त्योहार का तो खाने-पीने की बात भी होनी चहिये-शाही कोफ्ता बनाना सिखा रही है ममता जी मेरा ब्लाग पर.
आलू को उबाल कर छील लें। किशमिश के डंठल तोड़कर धो लें और काजू के 5-6 टुकड़े कर लें। मावा और पनीर एक बर्तन में निकाल कर उसमें उबले हुये आलू तोड़ कर डाल लें और कार्न फ्लोर डाल कर अच्छे से मैश कर लें,ताकि मिश्रण चिकने आटे की तरह नजर आने लगे, अदरक का पेस्ट बना कर मिला दें. ये मिश्रण कोफ्ता बनाने के लिये तैयार है। नानस्टिक कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कर लें। कोफ्तो के आटे से थोड़ा थोड़ा आटा निकाल लें, हथेली पर रखकर चपटा कर लें। सभी गोले तैयार होने के बाद गरम तेल में डालकर तल लें। कोफ्तो को धीमी आग पर ब्राउन होने तक तल लें। इसके बाद ग्रेवी बना ले। बाकी विधी और सामग्री की जानकारी ममता जी के ब्लोग पर जाकर प्राप्त करे.
जानकारी से भरा वेबसाईट धुधवा लाईव जिसकी चर्चा विविध भारती जैसे रेडियो प्रसारण पर हो चुकी है,,लेखक के के मिश्रा जी है और बता रहे है आज एक नयी जानकारी
आनुवंशिक कुरूपता !भैंस ने जन्मा विचित्र बच्चालोग इसे कुदरत का करिश्मा मान सकते हैं। मेरे गांव और आसपास के तमाम लोगों ने इसे इसी नजर से देखा भी। कई अशिक्षित लोग उसको दैवीय चमत्कार मानकर प्रणाम तक करने लगे। था भी वह कुछ अनोखा ही। लखीमपुर-खीरी जनपद के मेरे कस्बे के पड़ोस के एक गांव कृपाकुण्ड में एक भैंस ने अजीबोगरीब से बच्चे को जन्म दिया। मंगरे लाल नामक ग्रामीण की भैंस...
ऐ बेटा, तनी डोरवा तो बंद कर दो...तनी राइस्वा तो लीजिये—काव्य मन्जुषा पर.
हम बस इसी ठसक में जीते रहते हैं कि हम सोने की चिड़िया वाले देश के हैं....हमारी संस्कृति के आगे किसी की संस्कृति नहीं है.....लेकिन पारिवारिक मूल्य बहुत से देशों में, बहुत मज़बूत है...मसलन कनाडा, इटली, फ़्रांस, मक्सिको, ethiopia वैगेरह वैगेरह ...दरअसल इन मूल्यों को दरकिनार किया ही नहीं जा सकता ..कारण स्पष्ट है 'मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है'...
इन देशों में भी अपने बच्चों के प्रति माता-पिता का बहुत प्रेम देखने को मिलता है ...हाँ हमलोगों की तरह अँधा प्रेम नहीं होता है...आखिर हर किसी को अपना जीवन जीना ही पड़ता है तो फिर समय से उसे जीवन की सच्चाई से दो-चार करा देने में बुराई क्या है...और यही यहाँ के माँ-बाप करते हैं...१८ वर्ष का जब बच्चा हो जाता है, उसे दुनिया में संघर्ष करने के लिए प्रेरित करते हैं..
मीनू खरे जी ने लिखी है -आओ दिया जला दें
इस दीवाली पर दीपों के बन्दनवार सजा दें
हर सूने मन के आंगन में आओ दिया जला दें.
सूनी गलियाँ सूनी सडकें सूने गलियारे हैं
सूना जीवन सूनी मांगें कितने अंधियारे हैं
आओ मिल इन अंधियारों को उजियारों का पता दें
हर सूने मन के आंगन में आओ दिया जला दें.
सुधि की तंग सुरंगों में चलो झांक हम आएँ
भूले बिछड़े संगी साथी सबको आज बुलाएँ
एक साथ सब मिल कर खाएं लड्डू खील बताशे
हर सूने मन के आंगन में आओ दिया जला दें.
काव्य मंजूषा पर से आज का दीपवली शुभकामना गीत…
तन का मंगल, मन का मंगल
विकल प्राण जीवन का मंगल
आकुल जन-तन के अंतर में
जीवन ज्योत जले
मंगल दीप जले
विष का पंक ह्रदय से धो ले
मानव पहले मानव हो ले
दर्प की छाया मानवता को
और ना व्यर्थ छले
मंगल दीप जले
आज अहम् तू तज दे प्राणी
झूठा मान तेरा अभिमानी
आत्मा तेरी अमर हो जाए
काया धूल मिले
मंगल दीप जले
आज बस इतना ही अगर आप सबका प्यार मुझे मिलेगा तो मै फ़िर हाजीर होऊगा॒!
आप सभी को एक बार फ़िर दीपवली की शुभकामनाये.
………. महाराज आपको भी भाई
चर्चा हिन्दी चिट्ठो की तरफ़ से आप सभी को दीपावली की शुभकामनाये!- पंकज मिश्रा
13 comments:
भये प्रकट कृपाला...दीन दयाला!!
जय हो!!
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं
दीप पर्व की हार्दिक बधाई
एक अर्से के बाद चर्च सजाई
बहुत धन्यवाद पंकज . दीवाली पर आपका आना बहुत अच्छा लगा. शुभकामनाएं.
भये प्रकट कृपाला...दीन दयाला!!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
इस सुंदर चर्चा के लिए..... धन्यवाद
दीपावली की मंगलकामनाएँ.....
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
आप दिखे...आनन्द आया ! हम सब इकट्ठे ही गायब हो गये थे !
अब ठीक है !
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
दिवाली पर्व है खुशियों का, उजालो का, लक्ष्मी का! यह दिवाली आपकी ज़िन्दगी खुशियों से भरी हो, दुनिया उजालो से रोशन हो, घर पर माँ लक्ष्मी का आगमन हो!
शुभ दीपावली!
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
बहुत सुन्दर चर्चा है!
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प्रेम से करना "गजानन-लक्ष्मी" आराधना।
आज होनी चाहिए "माँ शारदे" की साधना।।
अपने मन में इक दिया नन्हा जलाना ज्ञान का।
उर से सारा तम हटाना, आज सब अज्ञान का।।
आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
दीपावली के पावन अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं....
'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ' यानी कि असत्य की ओर नहीं सत्य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो ।
दीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका - अशोक बजाज रायपुर
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