Friday, November 13, 2009

"मायूसी ही मायूसी" (चर्चा हिन्दी चिट्ठों की)


अंक : 76

चर्चाकार : डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" 
ज़ाल-जगत के सभी हिन्दी-चिट्ठाकारों को डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" का सादर अभिवादन! 
आज की   "चर्चा हिन्दी चिट्ठों की " का आगाज करता हूँ- 

अंधड़ ! 
मायूसी ही मायूसी ! बन्द करो! काना फूसी!
Hindi Blog Tips 
कृपया राय दीजिए, मुझे क्या करना चाहिए? - सोच-समझकर रास्ता तय करना चाहिए!
नुक्कड़ 
मुंबई की अस्मिता से खिलवाड़ - बन्द करना होगा भाषा-प्रान्त का जुगाड़!
bhartimayank "आँवले का ताजा अचार" खाने के साथ बढ़िया उपहार!
नवोत्पल साहित्यिक मं 
मै हमेशा सोचता हूँ कि ब्लॉग से लोगों की - चर्चा कैसी लगी?
यशस्वी 
नैनीताल का पहला फिल्म उत्सव - ऐतिहासिक था यह महोत्सव!
संवेदना संसार 
महत्तम - विवेक !!! -   आपका आभार, बहुत उत्तम!
बुरा भला 
दिमाग को चुस्त बनाती है हिंदी !!  मुम्बई मे सुस्त है हिन्दी!
GULDASTE - E - SHAYARI - 
तुमसे कुछ पाया नहीं तो कुछ खोया भी नहीं --दर्द सह कर भी मन रोया नही!
एक प्रयास 
यादों के झरोखों से .............. प्रफुल्लित हो गये खुशियों के झोंको से!
गीत-ग़ज़ल 
हर हिस्से की धूप तय है -  शब्द गरिमामय हैं!
आदित्य (Aaditya) 
मैकेनिक.. -मैकेनिक नही इंजीनियर!
उड़न तश्तरी .... 
क्या पता-कल हो न हो!!-एक लघु कथा -  कल उज्जवल तो हो मगर, कल-कल न हो! 
शब्दों का सफर 
मियांगीरी मत करो मियां - शब्दों के अभियन्ता हो मियाँ !
मुक्ताकाश.... 
कुछ तल्ख़ अहसास... - आपके तेवरों का है आभास!
कार्टून :- ये है सहनशीलता की हद... आपकी फरमाइश का रखा गया है ध्यान!




आज के लिए इतना ही! 
अंत  में इतना ही कहूँगा ...आज का अंक आपको कैसा लगा? 
 अपनी राय बेबाक टिप्पणियों में दीजिये......
कल फिर आपकी सेवा में हमारे कोई साथी कुछ और चिट्ठों की चर्चाएँ लेकर उपस्थित होंगे.............................................धन्यवाद! नमस्कार !!




29 comments:

Dr. Shreesh K. Pathak said...

क्या चर्चा बेमन से की जा रही है..?

संक्षिप्त भी और कुछ-कुछ खाना-पूर्ति जैसी...

Himanshu Pandey said...

चर्चा बेहतर है । आभार ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

श्रीश पाठक 'प्रखर'जी!
शायद आपको यह इंस्टेण्ट आइडिया पसंद नही आया।
चर्चा संक्षिप्त नही है, आप लिंक खोल कर पढिए तो।
आप लोगों की पूरी पोस्ट चर्चा में ही पढ़ना चाहते हैं क्या?

Urmi said...

वाह बहुत ही बढ़िया लगा चर्चा! मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए धन्यवाद!

दीपक 'मशाल' said...
This comment has been removed by the author.
दीपक 'मशाल' said...

Sach hi kaha aapne hum to is baar bhi maayoos hi hue, maayoosi hi maayoosi hai :) lekin koi gall nain ji kabhi to apni upasthiti ka ahsaas karayenge hi blog jagat me...
sundar charcha..
Jai Hind...

Dr. Shreesh K. Pathak said...

जी भाषा भावावेश में आ गयी है मेरी टिप्पणी की..क्षमा चाहूँगा..प्रविष्टियों की एक संक्षिप्त चर्चा तो अभीष्ट है ही...जैसा की ब्लॉग का नाम भी है..मेरी expectation ज्यादा हो सकती है..शायद...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

Dipak 'Mashal' जी!
सही कहा आपने!
आज की चर्चा का तो शीर्षक ही
"मायूसी ही मायूसी" है!
पूरे 21 चिट्ठों की तो चर्चा है।
आप मायूस न हों आपका नम्बर भी
कतार में लगा दिया है।
इन्तजार कीजिए!

संगीता पुरी said...

चिट्ठा चर्चा में कम चिट्ठों को पाकर मायूसी तो हो ही गयी .. वैसे इतना कर लेना भी आसान नहीं !!

Randhir Singh Suman said...

nice

अनूप शुक्ल said...

शास्त्रीजी, पोस्टों के साथ जो आपने अपने कमेंट लिखे हैं वे उसके साथ लगायें(नीचे नहीं) तो अच्छा लगे शायद।

Unknown said...

waah shastriji waah !

bahut khoob.........

anand aa gaya !

Udan Tashtari said...

बेह्तरीन चर्चा..नियमित रखिये!!

मनोज कुमार said...

bahut achchhi charcha.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अनूप शुक्ल जी!
अब सुधार कर दिया गया है।
दिशा-निर्देश देने के लिए आभार!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

वाह बहुत ही बढ़िया लगा शास्त्री जी ! आपका शुक्रिया !

रश्मि प्रभा... said...

aaj kee charcha mast cool cool hai

vandana gupta said...

charcha honi chahiye beshak kam ho magar ho jaroor.........kam se kam padhne ko to mil hi jati hain.

रंजन (Ranjan) said...

:) मुस्करा दिये.. आभार..

शिवम् मिश्रा said...

बहेतरीन चर्चा हनेशा की तरह !
मेरा ब्लॉग को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!

अजित गुप्ता का कोना said...

मायूसी ही मायूसी से हमें लगा कि आज मायूसी हाथ लगेगी लेकिन कार्टून के गुदगुदा दिया। सच है लेडीज टेलर में जितना धैर्य होता है उतना किसी में नहीं। कड़ी मेहनत करने के लिए धन्‍यवाद।

Kusum Thakur said...

आज के अंक के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!!

स्वप्न मञ्जूषा said...

charcha acchi hai..

समयचक्र said...

बेह्तरीन चर्चा

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर लगा जी

निर्मला कपिला said...

श्रीश पाठक जी से सहमत हूँ धन्यवाद्

निर्मला कपिला said...

श्रीश पाठक जी से सहमत हूँ धन्यवाद्

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

एक लाइना के समतुल्य :)

दिगम्बर नासवा said...

Achhe link hain ..... sundar charcha hai ..

पसंद आया ? तो दबाईये ना !

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नमस्कार , अगर आपको लगता है कि आपका चिट्ठा चर्चा में शामिल होने से छूट रहा है तो कृपया अपने चिट्ठे का नाम मुझे मेल कर दीजिये , इस पते पर hindicharcha@googlemail.com . धन्यवाद
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