ज़ाल-जगत के सभी हिन्दी-चिट्ठाकारों को डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"" का सादर अभिवादन!
अब "चर्चा हिन्दी चिट्ठों की" का प्रारम्भ करता हूँ-
ताऊ पहेली के गोल्डन जुबली के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाऎ - ताऊ पहेली आज 50 वा सप्ताह में प्रवेश करने जा रही है. *"गोल्डन -जुबली*" तो हम सभी दिल खोल के ताऊ डाट ईन की इस उपलब्धी पर गर्व करते हुए हार्दिक शुभका...
ताऊ गोल्डन पहेली - 50 - प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम. ताऊ पहेली *अंक 50 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका ...
प्रेम का दरिया दिसंबर के एक सर्द सफर की याद लेखकों के साथ यूं तो बहुत-सी यात्राएं की हैं, लेकिन दिसंबर की कड़ाके की ठण्ड में किये गए दो लंबे सफर यादगार हैं। पहली याद दिसंबर 2005 की है, जब हम 25 लेख...
मुक्ताकाश.... बर्फीली घाटियों का क्लेश... - [ताड़-पत्र से ली गई एक और पुरानी कविता] मैं विवश हूँ सोचने पर मान्यताओं और आस्थाओं का ज्वार कब और क्यों भावनाओं के तट से टकराता है, एक साथ कई शून्य कब मस्ति...
मानसी श्रीकांत आचार्य- आमार शाराटा दीन - बँगला गानों की शृंखला में, ये एक अत्यंत मधुर गीत आज, श्रीकांत आचार्य की आवाज़ में। मैंने इस गीत को पहली बार कुछ दिनों पहले ही, बंगाल से एक दोस्त के भेंट करन...
मुक्ताकाश.... बर्फीली घाटियों का क्लेश... - [ताड़-पत्र से ली गई एक और पुरानी कविता] मैं विवश हूँ सोचने पर मान्यताओं और आस्थाओं का ज्वार कब और क्यों भावनाओं के तट से टकराता है, एक साथ कई शून्य कब मस्ति...
मानसी श्रीकांत आचार्य- आमार शाराटा दीन - बँगला गानों की शृंखला में, ये एक अत्यंत मधुर गीत आज, श्रीकांत आचार्य की आवाज़ में। मैंने इस गीत को पहली बार कुछ दिनों पहले ही, बंगाल से एक दोस्त के भेंट करन...
वीर बहुटी - गज़ल ये गज़ल भी प्राण भाई साहिब के आशीर्वाद और संवारने से कहने लायक बनी है। हौसला दिल में जगाना साथिया देश दुश्मन से बचाना साथिया जो करे बस सोच कर करना अभी फि...
सबद... इयुजेनियो मोन्ताले : १ : इयुजेनियो मोन्ताले -*वैचारिक प्रतिबद्धता आवश्यक और पर्याप्त शर्त नहीं है* *नया *मनुष्य बहुत बूढा पैदा हुआ है. वह नई दुनिया को झेल नहीं सकता.जीवन की मौजूदा स्थितियों ने अब तक अ...
Films & Feni: Star Gazing - STAR GAZING NOV 28, 2009 – A FILM FESTIVAL ISN’T EXACTLY THE PLACE you’d trawl for stars, so it was a refreshing change-of-pace to slip into Manoel de Oliv...
अंधड़ ! सांख्यिकी और संभाव्यता ! - *ठुमकते हुए चलते, तुम्हारे पैरो के तलवों की सरगम * *और तुम्हारे नुपुर की मणियों की धड़कन से, दिल की गहराइयों में छुपे मेरे भावो को , गूढ़ शब्द-रूपी काव्यता ...
अंधड़ ! सांख्यिकी और संभाव्यता ! - *ठुमकते हुए चलते, तुम्हारे पैरो के तलवों की सरगम * *और तुम्हारे नुपुर की मणियों की धड़कन से, दिल की गहराइयों में छुपे मेरे भावो को , गूढ़ शब्द-रूपी काव्यता ...
कबाड़खाना एक हिमालयी यात्रा: चौथा हिस्सा - (पिछली किस्त से जारी)कैम्प का कमान्डैन्ट उत्तर भारतीय नौजवान है. उसकी यूनिट में दर्ज़न भर सिपाही हैं. शुरुआती जांच पड़ताल के बाद हमारे साथ उसका सुलूक दोस्ताना ...
खेती-बाड़ी चीन में जीएम चावल को मंजूरी, दो-तीन सालों में होने लगेगी वाणिज्यिक खेती - कृषि से संबंधित एक बड़ी खबर यह है कि चीन ने अपने यहां स्थानीय तौर पर विकसित किए गए आनुवांशिक रूप से संवर्धित (Genetically Modified Rice) चावल को मंजूरी द...
अनवरत वादा पूरा न होने तक प्रमुख की कुर्सी पर नहीं बैठेगी ममता - यात्रा की बात बीच में अधूरी छोड़ इधर राजस्थान में स्थानीय निकायों के चुनाव परिणाम की बात करते हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत से कुछ स्थान कम मिल...
अनुनाद तुम्हारा नाम रेचल कोरी है - फ़ातिमा नावूत की एक कविता - ** *भारतभूषण तिवारी द्वारा लगायी पिछली पोस्ट की एक कविता "दास्ताने -रेचल कोरी" के क्रम में प्रस्तुत एक और महत्त्वपूर्ण कविता...... * *अनुवाद एवं प्रस्तुति ...
नारी १९७७ - १९७८ - १९७७ आल इंडिया इंस्टिट्यूट के डॉ क्वाटर्स डॉ पाठक का निर्जीव शरीर कारण दिल का दौरा उम्र ५६ साल cardiolojist हाथ मे फ़ोन का चोगा एक पेपर स्लिप मुझे लगता हैं ...
अंतर्मंथन पीया मैं जांगी मेले में ---गोरी तू मत जा मेले में --- -२१ वीं सदी के पहले दशक के नौवें साल के ग्यारहवें महीने का आज २८ वां दिन है। नए मिलेनियम की इस अवधि में मैंने इतने मुकाम हासिल किये, की कभी कभी ख़ुद को ख़ुद...
क्वचिदन्यतोअपि..........! एक और व्यथित नायिका है -विप्रलब्धा!(नायिका भेद-१०) - अनूढ़ा और परकीया के अधीन ही एक और व्यथित नायिका है -विप्रलब्धा !नायक को पूर्व निश्चित किये गए समय पर संकेत स्थल पर न पाने वाली व्यथित नायिका ही विप्रलब्ध...
समाजवादी जनपरिषद आर.एस.एस , भाजपा को कुम्हला देने वाले आरोप , लेकिन कार्यवाही की सिफारिश – सिफ़र ! – सिद्धार्थ वरदराजन , डेप्युटी एडिटर – द हिन्दू द्वारा समाचार विश्लेषण - हिन्दुस्तानी में कहावत है – खोदा पहाड़ निकली चुहिया – लम्बे तथा कठिन रियाज के बाद जब नतीजा अपेक्षतया बहुत कम निकलता है – उन हालात में इस मुहावरे का इस्तेमाल...
ज्ञान दर्पण बैंक खाते को मेलावेयर व हैकिंग से बचाने के लिए लिनक्स लाइव सी डी का इस्तेमाल करें - आजकल नेट बेंकिंग व ऑनलाइन खरीददारी करने का चलन बढ़ता जा रहा है जब एक क्लिक पर घर बैठे कंप्यूटर से बैंक खाता संचालित किया जा सकता है तो हम बैंक जाकर वहां क्..
देशनामा क्या आप सिविल वॉर के लिए तैयार हैं...खुशदीप -पोस्ट का शीर्षक पढ़ कर चौंकिए मत...लेकिन आने वाले वक्त में ये हक़ीक़त बन सकता है...ये मैं नहीं कह रहा, ये स्टडी है यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के एक स्टडी ...
मेरे मन की मुझे भी बहुत गुस्सा आता है उन पर .......................इसलिए.......क्या कोई मेरा सन्देश उन तक पहुँचायेगा ? ? ? .. - अरे कायर है ये आतंकी, खुद तो जीते नही है, दूसरो को भी नही जीने देते, तभी तो हमेशा अकेले मरने से डरते है, और मासूम लोगों का साथ चुनते हैं, अगर हिम्मत है -तो ...
कर्मनाशा
मधुशाला' के रचयिता के जन्मदिन पर 'मधुशाला' -आज अपनी कैसेटॊ के कबाड़ में से एक कैसेट निकाली गई है और उसकी गर्द पोंछकर उस दिन / उन दिनों को याद किया गया है जब उसे खरीदा गया था। कैसेट पर तारीख पड़ी है :..
मधुशाला' के रचयिता के जन्मदिन पर 'मधुशाला' -आज अपनी कैसेटॊ के कबाड़ में से एक कैसेट निकाली गई है और उसकी गर्द पोंछकर उस दिन / उन दिनों को याद किया गया है जब उसे खरीदा गया था। कैसेट पर तारीख पड़ी है :..
राजू बिन्दास! कुछ जज्बात जंगली से! - *कुछ जज्बात जंगली से! चलिए आज आपको सच का सामना कराते हैं झूठ की स्टाइल में. मैं आज आप से एक शर्त लगाता हूं. आपने अब तक कम से कम एक हजार बार झूठ जरूर बोला ...
तीसरा खंबा कौटिल्य का अर्थशास्त्र और दीवानी विधियाँ : भारत में विधि का इतिहास-5 - विधि और न्याय राज्य के महत्वपूर्ण अंग हैं। उन्हें राज्य से कभी पृथक नहीं किया जा सका है। इस कारण से जब भी राज्य नीति की चर्चा होगी। विधि और न्याय उस का महत...
उन्मुक्तवकीलों की सबसे बेहतरीन जीवनी - कोर्टरूम -सैमुएल लाइबोविट्ज़, २०वीं शताब्दी के दूसरे चतुर्थांश में अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध वकील थे। 'बुलबुल मारने पर दोष लगता है' श्रृंखला की इस चिट्ठी में, उनके जी...
बर्ग वार्ता - Burgh Vaartaa कुछ पल - टाइम मशीन में - बड़े भाई से लम्बी बातचीत करने के बाद काफी देर तक छोटे भाई से भी फ़ोन पर बात होती है. यह दोनों भाई जम्मू में हमारे मकान मालिक के बेटे हैं. इन्टरनेट पर मेरे बच...
ज़िन्दगी निशा का दर्द - रवि और निशा कभी न मिल पाए संध्या माध्यम भी बनी मगर रवि ने तो सिर्फ़ संध्या को चाहा उसे ही अपना बनाया अपना स्वरुप उसमें ही डुबाया और निशा अपने दर्द को समेटे ह...
गुलमोहर का फूल प्रेत - विक्षिप्त सा जीता हूँ[image: DSC01467] एक ठण्डी सी जिन्दगी और मर जाता हूँ चुपचाप । होता है इतना सघन अँधेरा कि भटकती रहती है मेरी आत्मा तुम्हारी त..
रचनाकार शाहुल हमीद की कविता – हाय री दुनिया - ** *[image: art10] * *हाय री दुनिया*** ** दिखने में जैसे दिखती मगर वैसी नहीं है - दुनिया । हँसाने के बाद रूलाती है - दुनिया । सच्चाई नही, झूठ पसन्द...Fulbagiya
दाने चुन चुन खाना रे - चिड़िया के दो बच्चे थे।पिंकू और चिंकू। आज वे उड़ने के लिये पहली बार घोसले से बाहर निकले थे। मां उनके पीछे थी।दोनों ने पेड़ से नीचे झांका। “ऊं—हूं मैं नहीं उड़ूं..
अब आज्ञा दीजिए!
नमस्कार!!
15 comments:
संहत संकलन -ताऊ गोल्डेन पर सहस्र शुभकामनाएँ !
nice
बेहतरीन चर्चा | ताऊ गोल्डन पहेली पर ताऊ जी ढेरों बधाइयाँ |
गोल्डन पहेली पर ताऊ जी को राम-राम, चर्चा के लिए शास्त्री जी आभार
बहुत सुंदर संकंलन शास्त्री जी
अजय कुमार झा
nice
सुंदर चर्चा! आप ने बहुत कुछ समेटा है इस में।
बेहतर चर्चा । काफी कुछ इकट्ठा कर दिया है आपने । आभार ।
tau ji ka bahut shubhkamnayein aur aapka lekh to hamesha ki tarah ati sundar.
बेहतरीन चर्चा | ताऊ गोल्डन पहेली पर ताऊ जी ढेरों बधाइयाँ |
बहुत सुंदर चर्चा
बढ़िया चर्चा ।
अच्छी चर्चा.. शुभकामनाओ के साथ बधाई
सुन्दर संकलन। बधाई!
बेहतरीन चर्चा !
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