अंक : 57
प्रस्तुतकर्ता : पंकज मिश्रा
नमस्कार , "चर्चाहिंदी चिट्ठो" के इस अंक के साथ मै पंकज मिश्रा .......
ब्लागजगत में एक नया इतिहास बन गया है ...आप सबने देखा पर ध्यान नहीं दिया होगा .. ये इतिहास बनायी है हमारी आपकी सबकी प्यारी , हमेशा ताऊ पहेली में हिंट देने वाली मिस रामप्यारी ने ...और रिकार्ड तोड़ दिया है कमेन्ट का , रामप्यारी के पहेली नंबर ९० में खबर लिखे जाने तक 311 कमेन्ट आ गए थे और यह किसी भी हिन्दी ब्लॉग पर अब तक सबसे ज्यादा कमेन्ट प्राप्त में पहले स्र्थान पर है ...बधाई रामप्यारी ..आपने तो यही पर सेमिनार लगवा दिया ...
....टिप्पणी की बरसात से हैरान गूगल वालो ने टिप्पणी में दो पेज जोड़ा
सबसे खाश बात यह है कि आज तक जहां पर भी कमेन्ट ज्यादा आते है वो पोस्ट निश्चित तुरत पर विवाद ग्रस्त रहता है लेकिन यहाँ सभी टिप्पणीकर्ता एक दुसरे से प्रेमभाव के साथ टिप्पणी वार्ता किये है ........यह हमारे ब्लॉग जगत की एक नयी कामयाबी रामप्यारी के द्बारा ......
ये है शेर महाराज जिनकी पुछ पर सवाल किया गया था
नीचे कमेन्ट करने वाले महानुभावो के चित्र ......संबोधन रामप्यारी ने की है
शुभम भैया की ४२ टिप्पणी,
मुरारी अंकल की ३४ टिप्पणी,
समीर अंकल की २१ टिप्पणी,
अल्पना आंटी की ११ टिप्पणी,
स्वनिल अंकल की १० टिप्पणी,
सुनिता शानू आंटी की १० टिप्पणी,
दीपक तिवारी अंकल की १० टिप्पणी,
मकरंद अंक्ल की १० टिप्पणी,
पंकज मिश्रा अंकल की १० टिप्पणी,
संजय तिवारी संजू अंकल की ४ टिप्पणी,
संगीता पुरी आंटी की ३ टिप्पणी,
प.डी.के.शर्मा “वत्स” अंकल की ३ टिप्पणी
डा.रुपचन्द्र शाश्त्री अंकल -1
संगीता पुरी आंटी ने बाद में १२ टिप्पणीया करके २०० का आंकडा पार करवाया. धन्यवाद.
आगे दो पोस्ट ,एकदम से यहाँ पर भी प्रेमभाव और सामंजस्य झलक रहा है ...... आगे दो पोस्ट ,एकदम से यहाँ पर भी प्रेमभाव और सामंजस्य झलक रहा है ...... खुशदीप भाई जय हिंद |
क्या मुझे भी घर छोड़ कर जाना पड़ेगा...?
अभी कुछ ही दिन पहले मम्मा जब मुझे पढ़ा रहे थे तो हमेशा की तरह मन पढ़ाई में कम और दूसरी बातों की ओर ज्यादा था। मन कुछ उदास हो गया । मम्मा से पूछा , 'मम्मा, जब मैं बड़ी हो जाऊँगी तो क्या मुझे भी यह घर छोड़ कर जाना पड़ेगा। ' मम्मा ने पूछा , 'क्यों बेटा ? ' ...' मम्मा, नानीमाँ तो जोधपुर ही है और आप हमें लेकर इस घर में आ गए। और मम्मा, नानीमाँ के मम्मी-पापा कहाँ रहते हैं ? नानीमाँ उनके पास से इतनी दूर जोधपुर कैसे आए? बताओ ना मम्मा........ और बताओ ना क्या मुझे भी इस घर से जाना पड़ेगा? '..... मम्मा ने पूछा , ' तुझे जाना है बेटा?' मम्मा का ये पूछना था और बस....
अपने अविनाश वाचस्पति जी एक पत्र प्रस्तुत किये है ......महात्मा गांधी जी ने पत्र लिखा है, आप भी पढि़ए
एक भगत तो चेतन है । यह जानकर अच्छा लगा और इतना चेतन कि उसने मुझे ई मेल के इस क्रांतिकारी दौर में चिट्ठी लिखकर नि:संदेह एक क्रांतिकारी कार्य ही किया है। यह भारत की चेतनता है। भगत भी हो और चेतन भी हो – ऐसा अपवाद ही होता है और इसी अपवाद के कारण ई मेल के दौर में पत्र लिखने का साहस किया है।
लो जी अब हमारे साथ है पं.डी.के.शर्मा"वत्स" और बता रहे है -राहूकाल का हौव्वा..................
रूपचंद शास्त्री जी के मामा जीका निधन हो गया था बतौर शास्त्री जी उनके मामा जी कट्टर आर्य-समाजी थे..........पढिये आर्य समाज के अंतिम संस्कार विधी.......
""अन्तिम संस्कार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")"
स्नातक जी ने आगे कहा- "वेद कहता है- "भस्मान्तम् शरीरम्" अर्थात् शरीर के भस्म हो जाने के बाद कुछ भी क्रिया शेष नही रहती। जब शरीर पञ्च तत्वों में विलीन हो गया तो किसके लिए यह सब ढोंग-ढकोसला?"
स्नातक जी की बात का उन पर इतना प्रभाव हुआ कि उन्होंने भी अपने ताऊ जी की बाद की सारी क्रियाओं को यज्ञ के साथ ही वैदिक रीति से सम्पन्न कराया।
अब हमारी दैनिक कालम अतीत के झरोखे से
अतीत के झरोखे में आज प्रस्तुत है समीर लाल "समीर " के पोस्ट जो समीर जी ने अपने भारत आगमन पर लिखे थे
मेरी माँ लुटेरी थी-याद आया बिखरे मोती के अंतरिम विमोचन मेंमेरी माँ लुटेरी थी... |
ललित शर्मा जी की प्रस्तुति ---चित्रगुप्त हा घेरी-बेरी जोजियावत हे, यम के भंइसा अब ब्लाग बनावत हे.
हा कोरट जाये बर तेयार होगे, चित्र गुप्त ला पुछिस सब तेयार हे ,चित्र गुप्त किहिस हा महाराज, जा एक बार अऊ देख के आबे कहिके पठोईस,चित्रगुप्त कोठा मा गिस ते जम्मो नौकर मन मुह ला लमाय रहय,पुछिस-का होगे मेहतरू मुह ला कैसे ओदारे हव, मेहतरू किहिस महाराज मुंधरहाच ले बने भैंसा ला खवा पिया के मांज धो के तेयार करके रखे रेहेवं,तभे रानी बाई के पानी भरे के बुल्ल्वा आगे ता उहाँ चल देवं आके देखेवं ता भैंसा हा नई ये,सबे पहटिया मन ला खोजे ला भेजे हवं,कईसे करना चाही तीही बता, बडे महाराज कहिबे ता नरक मा भेज दिही तहां होगे हमर बुता हा, जाओ जल्दी खोज के लाओ तुमन भैंसा ला तलघस ले महाराज के गुस्सा ला मै मडहाय के उदिम करत हवं, जम्मो नौकर मन भैंसा ला खोजे ला धरिस.खेत-खार बारी-बखरी,गावं-खोर ला उत्ता धुर्रा खोजे ला भिडे रहय,जम्मो हा हलाकान होगे, ऍती महाराज हा घेरी-बेरी चित्रगुप्त ला पूछे -का होगे गा मोर सवारी नई आ
स्वास्थ्य
मुहं के छाले
छालो का कारण --1)खाना खाते समय या बात करते समय अचानक मुहं के अंदर कट जाना
2) मंजन करते समय brush से चोट लग जाए
3) vitamin बी 12 या आयरन की कमी से
4) बहुत ज्यादा नमक से
होम्योपैथिक दवाए-
· NAT-MUR --बुखार के बाद छाले ,होंठ और मुहं के कोनो पर रूखापन, नीचे के होंठ पर सूजन व छाले जो जलन करते है ,जीभ पर बाल होने जैसा लगता है
· ARG -NIT -- गले में ,मुहं में ,और जीभ की नोक पर छाले ,गले में लालपन ,पेट में छाले ,जलन ,मसूडों से खून व सूजन
कविता
निशक्तों को समर्पित
आँखे नहीं रही तो क्या गम |
बेचारा बचपनबहुत देर एकटक देखती रही सोचा ये भी एक जीवन है संघर्षमय !!!! कर्मण्ये वाधिकारस्ते को सार्थक करता हुआ चाय समाप्त हो चुकी थी मेरे इशारे पर वो कप लेने आया सहानुभूतिवश मैंने एक नोट बढ़ाया बचपन... वो बेचारा बचपन |
पी.सी. गोदियाल ऐसा अद्भुत देश है मेरा !हमारे देश की इस पावन धरती ने भी, | क्यों धूप क्यों !धूप ! |
ये लीजिये पढ़ लीजिये चर्चा पान की दुकान पर
पान ठेले पर छदामीरामजी मुझसे टकरा गए और देखते ही बोल पड़े, 'हे-हे..अरे, आप तो आजकल दिखते ही नहीं!'' मुझे हंसी आ गई, उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।
वे फौरन बोल पड़े, 'आपकी ये हँसी ही मेरी ताकत है। मैं इस देश की जनता का सदैव हँसता हुअ नूरानी चेहरा देखना चाहता हूँ। इस बार भी आपका वोट हमें ही मिलेगा, ऐसा भरोसा है!
मोहल्ला"हत्याओं के बीच तुम्हारी हत्या"
आवेश तिवारी-प्रमिला के पेट पर पुलिस की लाठियों की चोट अब एक बड़ा घाव बन गयी है ,डॉक्टर कहते हैं कि अब वो जीवन में कभी दुबारा माँ नहीं बन सकेगी,पुलिस ने प्रमिला के साथ साथ उसके पांच साल के बेटे के हाथों को भी पीट-पीट कर लहू लुहान कर दिया था |रामसकल अब सपने देखने से डरता है,उसे डर है कि अब अगर उसने सपने में भी वो वाकया देखा तो वो मर जायेगा लगभग ५ साल पहले अरबपति आदित्य बिडला के अतिथिगृह में आलोक सिंह नाम के उत्तर प्रदेश के एक नामचीन आई.पी,एस ने उसे छत से उल्टा लटकाकर पहले ४ घंटे तक बेरहमी से पीटा फिर उसके कनपटी पर रिवाल्वर लगाकर उससे फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए
.
कल रात मेरी गली में एक कुत्ता रोया था और उस वक़्त आशंकाओं से त्रस्त सब अपने हाथों में लेकर खड़े थे अन्धविश्वास के पत्थर कुत्ते को मारने के लिये तत्पर किसी अज्ञात आशंका से सब भयभीत थे डर के कारण सबके चेहरे पीत थे |
नयी पौध की नीम के पेड़ पर अर्द्धनारीश्वर चर्चा-श्रीश पाठक 'प्रखर'
अंतरतम से और सर्वत्र से संवाद अल्केमिस्ट में वृद्ध पाउलो कोएलो भी चाहते हैं और जवान चेतन भगत भी. one night @call centre में चेतन भगत inner call की बात करते हैं. सरल इंग्लिश में लिखी गयी किताब, प्रवाहमयी. पर ९०% किताब, व्यक्ति के भौतिक विलासों पर है तो अचानक अंतिम १०% भाग में लेखक को inner call की याद आ जाती है. शायद लेखक कहना चाहता है, कि इस inner call को ignore करके कुछ भी संभव नहीं है, कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता. पर ये इतना अचानक घटता है उपन्यास में कि नाटकीय लगने लगता है. वैसे विषयवस्तु की दृष्टि से पुरी किताब साधारण लग रही होती है कि वह नाटकीय मोड़ आता है और पढ़ना निष्फल नहीं जाता.
आज महेंद्र मिश्रा जी की २००वी पोस्ट है -दो सौ वी पोस्ट : सज्जनता नम्रता उदारता सेवा आदि सदगुण और मानवीय प्रखरता
अब " नजर-ए-इनायत "
गोरखपुर में मज़दूरों की जुझारू एकजुटता और भारी जनदबाव ने ज़िला प्रशासन को झुकने के लिए बाध्य किया ----- और देखें 22 एवं 23 अक्टूबर की आन्दोलन की तस्वीरें फ़ुर्सत के पल-पलाश के दहकते फूल जब मेरी हथेली पर गिरते हैं, फिसलते हुए ये जलते सूरज मेरे मन में परिक्रमा करते हैं । ------------- परिधि के घेरे में आ बैठे हैं, कुछ चिन्ह नियुक्त कर बैठे हैं, चिन्हों से जूझते हुए परिधि में खुद को खो बैठे हैं। कैकेयी द्वारा वरों की प्राप्ति - अयोध्याकाण्ड (4)-उल्लासित महाराज दशरथ ने शीघ्रातिशीघ्र राजकार्यों को निवृत किया और राम के राजतिलक का शुभ समाचार सुनाने के लिये अपनी सबसे प्रिय रानी कैकेयी के के प्रासाद में पहुँचे। कैकेयी को अपने महल में न पाकर राजा दशरथ ने उसके विषय में एक दासी से पूछा। डेज़ी नहीं रही पाबला जी !!-फिर कांग्रेस की ध्वजा लहराई | महंगाई बढने के आसार | लोन अब सस्ते होंगे | सरकारी दफ्तरों में छापा । इस हफ्ते रिलीज़ फिल्म सुपर हिट । बाबा के प्रवचन में हज़ारों की भीड़ । आजमा ले कभी-किस दिन आखिर मैं तेरे काम आऊंगा जिंदा हूं तो आजमा ले कभी कोशिश करूंगा के आखिरी साँस लूँ तेरे लिए -आमीन जैविक खेती की मुख्य आवश्यकता"केंचुआ खाद"-हम देखते हैं कि बरसात में केंचुए निकलते हैं. ये मल को खाकर मिटटी बनाते हैं. जब हम गाँव में रहते थे थे तो बच्चे बहुत सारे केंचुए पकड़ कर उसे कांटे में लगा कर मत्स्याखेट करते थे, गांवों में केंचुओं को मछली पकड़ने के लिए कांटे में लगा कर महिलाओं का मेरे प्रति आकर्षण-पार्ट-2-आज वो बैंक भी बदल गया और मेरा बैंक खाता भी। वो बैंक अब एचडीएफसी हो गया जो कभी बैंक ऑफ पंजाब हुआ करता था, मेरा खाता भी अब इस बैंक में आ गया। वो वाला नहीं नया बैंक खाता, वो तो बहुत पहले ही बंद हो गया था, लेकिन वो पहला बैंक खाता मुझे आज भी याद है पहली नजर की मोहब्बत के बारे में क्या सोचते हैं आप-आज अचानक हमें ये बातें इसलिए याद आ गईं क्योंकि दीपावली मिलन में जब अनिल पुसदकर जी की मंडली एक मित्र के घर पर जुटी और इस मंडली के बीच में जिस तरह से प्यार को लेकर बातें हुईं, उसी ने हमें भी याद दिलाया
उस दृश्य में मुस्कुराते हुए जिनके घर में छह लठा, सो अंच गिने न पंच-इक राम हते इक रावना हौसला टूटा भी नहीं है-गले से ग़म को लगाने का इरादा भी नहीं है खुल के जी लो ये ज़िन्दगी ज्यादा भी नहीं है जो मेरे नाम के चिराग़ बुझाते में लगे हैं उनसे कह दो कि अभी हौसला टूटा भी नहीं है ये और बात कि तन्हाई पसन्द है मुझको दुनिया की तरह दिल मेरा तन्हा भी नहीं है |
आज से एक नयी शुरुआत दो नए ब्लॉग को शामिल करने का
ब्लागजगत में नए चिट्ठे
पांडे जी का तड़का ब्लॉग .....
बीते दिनों मैं एक बारात में शामिल हो गया,
देर रात तक नाचा और अंत में थक कर सो गया,
जैसे ही सोया की मुझे सपना आया
और मैंने अपने आप को फिर से उसी बारात में पाया,
वही बैंड वही बाराती ये सब देख कर मैं भौचक्का था
अंतर बस इतना रहा की इस बार दुल्हे की जगह सेहरा मैंने सजा रखा था,
खैर, हम पहुँच चुके थे लड़की वालों के द्वार
जहाँ खूब हुआ हमारा स्वागत सत्कार,
अनसुनी आवाज
विश्वास नहीं होता इन आंकडों पर
अन्नू आनंद
दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक हो गई है। सरकार के मुताबिक दिल्ली में लड़कियों के अनुपात का आंकड़ा 1004 यानी 1000 लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या 1004 हो गई है। जबकि वर्ष 2007 में यह संख्या 848 थी। महज एक साल के भीतर आंकडों में आए इस ‘चमत्कारी’ बदलाव को भुनाने की सरकार पूरी कोशिश कर रही है। इसके लिए दिल्ली सरकार के विभिन्न मंत्री अपनी पीठ थपथपाते हुए इसका श्रेय सरकार द्वारा शुरू की गई बहुप्रचारित ‘लाडली’ योजना को दे रहे हैं। लड़कियों के स्तर में सुधार लाने के लिए मार्च 2008 में सरकार ने लाडली योजना शुरू की थी। योजना के मुताबिक एक लाख रूपए तक की वार्षिक आमदन वाले परिवारों को जनवरी 2008 के बाद पैदा होने वाली लड़कियों की शिक्षा में मदद के लिए सरकार 18 वर्ष तक की आयु तक एक लाख रूपए की आर्थिक मदद देगी। लेकिन महज एक साल के अंतराल में योजना शहर के लैंगिक अनुपात में ऐसा सकारात्मक बदलाव लाएगी इसकी कल्पना योजना निर्माताओं ने भी नहीं की होगी।
चर्चा का ये अंक समाप्त करने के दीजिए इजाजत , धन्यवाद
नमस्कार
30 comments:
अरे, अन्नू आनंद नई ब्लागर हैं?
भरोसा नहीं होता, हम तो इनके ब्लाग तो 2008 से पढ रहे हैं, इन्हें आप इनके ब्लाग को नया ब्लाग किस आधार पर कह रहे हैं?
बढ़िया चर्चा | रामप्यारी को बधाई |
वाह.... पंकज मिश्र जी!
आज की चर्चाएँ तो बहुत जोरदार रहीं।
"ब्लागजगत में नए चिट्ठे-आज से एक नयी शुरुआत दो नए ब्लॉग को शामिल करने का"
आइडिया बहत अच्छा लगा।
अनवरत रूप से "चर्चा हिन्दी चिट्ठो की" के प्रकाशन के लिए
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
रामप्यारी को बधाई ....
बहुत प्रभावी रही चर्चा ...!!
जबरदस्त से भी जबरदस्त!!
रामप्यारी तो है ही इतनी प्यारी...सबकी दुलारी...चॉकलेट की लालची लग जाती है बस...:) क्या कमेंट बटोरे सबके प्यारे प्यारे...अब तो समीर अंकल उसे और चॉकलेट लाकर देंगे..बोल गये हैं पहले ही और नई फ्राक भी दिलावेंगे.
अतीत के झरोखे में मेरी दिली रचना ने रुला दिया...रोते रोते लिखी थी..आज रोते रोते पढ़ी..मेरी संवेदनाओं की कद्र इस कदर देख आपके लिए बस आभार निकला..आप ने मुझे समझा...मैं शुक्रगुजार हुआ.
बहुत उम्दा चर्चा...इश्वर बनाये रखे..दिल से कामना है.
@F7oX81YdjMgf4p6BcXqKMHN0M2ZNSFY-
प्रिय यह नवीन लिखने का आधार चिट्ठाजगत का रजिस्ट्रेशन तारीख से है यह ब्लॉग कल ही चिट्ठजगत में रजिस्टर हुआ है........
मुझे भी आपका प्रोफाइल देखने से लग रहा है कि आप बहुत दिन से ब्लॉग पढ़ रहे है,,,,,,,:) कृपया अपना प्रोफाइल सही कर ले इसमे लिख कर आ रहा है पेज नाट फाउंड.....
हमारे यहाँ नए लिखने का कारण चिट्ठाजगत का रजिस्ट्रेशन तारीख से है .......................अच्छा लगा आपको अपने ब्लाग पर देखकर श्रीमान ...
आशा है आपको उत्तर मिल गया होगा कि मै किस आधार पर कह रहा हु .......................
सादर
पंकज
रामप्यारी को बहुत बहुत बधाई... हमें तो पता ही ना था की रामप्यारी एक रिकॉर्ड अपने नाम करने जा रही है, वरना हम भी ३०० के आंकडे में अपना नाम जोड़ लेते :(
समीर सर की रचना भावुक कर देने वाली है..
राम प्यारी को बहुत-बहुत बधाई...
चिट्ठा चर्चा बढिया रही
वीरेंद्र सहवाग के बाद पहली ट्रिपल सेंचुरी बनाने के लिए राम प्यारी को हार्दिक बधाई...
और पंकज भाई, चाहे अदा जी का करम ही सही, आपके चिट्ठा-चर्चा में अपना खाता तो खुला...बराहे करम, मेहरबानी, शुक्रिया...
जय हिंद...
रामप्यारी को हमारी बधाई- चलो आपके इस रिकार्ड बनाने मे हम भी सहभागी बने,आपने घणी-घणी बधाई, आज तो गुगल वालों ने दो पेज़ जोड़े हैं कल इनको पुरा रेल रैक जोड़ना पडे, पंकज जी चर्चा बहुत जानदार रही,आपको शुभकामनाएं
पंकज जी कितने नायाब आइडियाज रखते हैं आप...इस चर्चा में कुछ नए तरीकों के बहाने ढेरों प्रविष्टियाँ शामिल हो गयीं..यही तो उद्देश्य था.....बधाई हो बधाई....
जोरदार चर्चा की है आपने हुजूर
हर नजरे पढऩे को होगी मजबूर
आशा है आपको उत्तर मिल गया होगा कि मै किस आधार पर कह रहा हु ......................
सादर
पंकज....
:) ;)
Pankaj bahi aajkal to post se acchi tippaniya lag rahi hain !!
Tippu chahcha ka kaam badha rahe ho?
khair main bhi ja raha hoon apse rampyari ke paas ....
kya pata hamare uppar bhi nazre inayat ho jaiye? aajkal likh to kuch pa nahi raha hoon na?
बहुत सुंदर चर्चा की आपने .. ऐसी ही मनभावन चर्चा करते रहें .. शुभकामनाएं !!
उड़नतश्तरी की इतनी अच्छी रचना से हम अभी तक मरहूम थे पर आज आपने पढ़वा दिया और पढ़े तो हमारी आँखें नम हो गईं, कैसे लिखी होगी समीर भाई ने यह रचना....
यह चर्चा नहीं मानसिक खुराक स्थल है
इसके बिना तो हिंदी जगत मरूस्थल है
SAMEER JI KI RACHNA PADHKA RTO AANKHEIN NAM HO GAYIN ..........RACHNA HRIDAY KO DRAVIT KAR GAYI.
@darpan
:)
rampyari ko badhai!!!
AAJ TO KAMAAL KI CHARCHA HAI BHAI ... MAZAA AA GAYA ..
rampyaari ki kismat buland hai........dhero badhaai, aur bhi anya charchayen mann ko hain bhai
जब भी ब्लागजगत का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें रामप्यारी का नाम सबसे ऊपर होगा :)
इस कारनामे के बाद तो अब रामप्यारी "वरिष्ठ" ब्लागर्ज की कैटेगरी में शामिल हो चुकी है :)
बहुत ही बढिया रही आज की ये चर्चा.....
आभार्!
पंकज जी
आज ताऊ जी ने खबर दी ..आपने मेरी पोस्ट को भी स्थान दिया
बहुत शुक्रिया !!
रामप्यारी का तो जवाब नहीं है जी..!!
आज पहली बार इधर आना हुआ..लेकिन आना सार्थक हो गया..
बहुत creative है
Bahut धन्यवाद !!
अरे राम प्यारी हम रोज ऐसे ही टिप्पनी करते हैं जा फिर कुट्टी अपने बताये ही नहीम कितने कमेन्ट हुये? अच्छी चर्चा है
रामप्यारी को बहुत बधाइयां ..
वाकई अब रामप्यारी से सम्मान से पेश आना पड़ेगा..वरिष्ट ब्लॉगर हो गई है न!!
विविधताओं को समेटे हुए आज की यह चिठ्ठा चर्चा अत्यंत प्रभावशाली है । रामप्यारी को बधाई और दोनो नवागंतुकों अन्नू जी व पाण्डे जी को शुभकामनायें - शरद
क्षमा करें "रामप्यारी ने तोड़ी रिकार्ड " को रामप्यारी ने तोड़ा रिकार्ड " कर लें .. रामप्यारी स्त्री लिंग है तो क्या हुआ रिकार्ड तो पुल्लिंग है.. यह ससुरा हिन्दी का कवि अन्दर बैठा है ना ..यही कह रहा है। और टिप्पणी भी हुई..हुई.. ।
यह भी रामप्यारी की महिमा ही है दिन भर में दो बार तोडा तोडी में उलझ गया , शरदजी बताने के लिए धन्यवाद ...सुधार लिया गया है
Pankaj Babu,
aaj hui hai galati bahut bhaari
tipanni kare mein deri kar daari
Rampyari hai gazab mahtaari
Tipanni ki recardve tod daari...??
Jhakaas dhurpataas charcha hai tumahri
Dekhan mein bhi chittha lage pyari....
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