पंकज मिश्रा आप के समक्ष आपकी चिट्ठो की चर्चा लेकर . आप हमें अपना आर्शीवाद देकर हमारा मनोबल बढाते है इसके लिए शुक्रिया , और इस आशा के साथ की आगे भी इसी तरह हमें आर्शीवाद प्रदान करते रहेगे . मै तो एक अदना सा बालक हु .
करवा चौथ के इस व्रत में सबसे पहले बात करते है इससे सम्बंधित एक लेख का . आज सुबह जब मै जागा और अपना लैपटॉप चालू किया तो सबसे पहले निगाह पढी एक ऐसे चिट्ठे पर जिसे पढ़कर मै मुस्कराने लगा और मोहतरमा भी जोर जोर से हसने लगी . पोस्ट है नारद मुनी जी की . आप खुद पढ़ लीजिये और दावा है बिना मुस्कराए नहीं रह पायेगे .
करवा चौथ का
रखा व्रत,
कई सौ रूपये
कर दिए खर्च,
श्रृंगार में
उलझी रही,
घर से भूखा
चला गया मर्द।
प्राइमरी का मास्टर पर प्रवीण त्रिवेदी जी लिखते है गांधी जयंती पर लेख किंचित कारण पोस्ट पब्लिश होने में देरी हुई है लेकिन है जानदार
कुछ तो उस दंडधारी शख्स में है जो सत्य और अहिंसा की बातें करते हुए आम
आदमी की हद से आगे बढ़ता हुआ चला जाता है | बाकी असहमति भी कई मुद्दों पर
होने के बावजूद हमेशा से उस शख्स के बारे में जानने की उत्कंठा बनी रहे |
यही प्रार्थना है !
अब आगे आज एक रिकार्ड कायमकिया है अजय झा जी ने . १०० पोस्ट की बिस्तृत चर्चा करके . अजय जी बधाई आपको हमारी तरफ से
इस ब्लोग पर पोस्ट ने मार दिया शतक ..नहीं झेली होगी. इत्ती लंबी चर्चा अबतक
और आज से एक नया प्रयोग,
मुझसे श्रीमद्भगवतगीता क्या कहती है-
महामंत्री तस्लीम जी बता रहे है एक दर्दनाक सच उत्तर प्रदेश का पढ़ लीजये .
लखीमपुर खीरी में एक किसान द्वारा अपनी संतान की भलाई के लिए पड़ोस की लड़की
की बलि चढ़ाने का मामला, गाँव पूरे कुर्मिन, मजरे सेमरी रनापुर, थाना
ऊंचाहार, रायबरेली, उ0प्र0 में एक तांत्रिक के कहने पर जिन्न उतारने के
नाम पर एक युवक द्वारा अपनी सगी भागी को पटक-पटक कर मार डालने की घटनाएं
भी अभी हमारे दिमाग में गूँज रही हैं। इसके अलावा इसी सप्ताह में लखनऊ की
मोहनलालगंज तहसील के गौरा गाँव में फैले दिमागी बुखार को ठीक कराने के लिए
झाड़ फूँक का सहारा लिये जाने की घटना भी पढ़ने सुनने में आ ही रही हैं,
जबकि वहाँ पर दिमागी बुखार के कारण पहले ही दो औरतों की मृत्यु हो चुकी है।
आइये आप को पढ़वाते है एक ऐसी रूहानी खबर जो आप को यकीनन सोच में डाल देगी. विस्फोट डाट काम की खबर है
इस संबंध में आनंद गोस्वामी बताता है कि उसकी पैसों के लिए ही पूर्व जन्म
में गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। पूर्व जन्म की बातों को विज्ञान बेशक न
माने परंतु यह बात आनंद के दिल में घर कर गई है। वह कहता है कि इस जन्म
में पैसों से मोह कर वह अपनी जान नहीं देना चाहता है। उससे जब पूर्व जन्म
की और बातों के बारे में पूछा जाए तो वह कहने लगता है कि इसके अलावा उसे
पूर्व जन्म को अन्य कोई वृतांत याद नहीं है। हमने उसके सामने रुपए रखे और
उन रुपयों को हाथ से छुलवाने का प्रयास करवाया परंतु हम भी किसी प्रकार
कामयाब नहीं हो सके।
मीनू खरे जी
एक कमसिन सी लड्की को उसकी माँ किसी पीर के पास दुआ के वास्ते ले गई .पीर
ने ग़ज़ल का एक दीवान लड्की के हाथ में देकर कोई एक पन्ना खोलने को कहा साथ
ही यह भविष्यवाणी भी किया कि जो भी पन्ना खुलेगा उस पर लिखी ग़ज़ल गाकर
लड्की बहुत नाम और यश पाएगी. लड्की पन्ना खोलती है, वहाँ लिखा है-----
“ दीवाना बनाना है तो दीवाना बना दे, वरना कहीं तक़दीर तमाशा न बना दे...”
बचपन में मामा,
और जवानी में सनम नजर आता है !!
समीर लाल, राज भाटिया, ताऊ और बादशाह अकबर
अब ताऊ का हाल चाल तो आपको मालूम ही है. चोरी, लूट, ठगी, डकैती और बेईमानी
के धंधो मे इतना नाम कमा लिया कि कोई पास मे फ़टकने भी नही देता. अब खाली
नाम से क्या होता है? पापी पेट को पालने के लिये रोकडा आजकल घणे जरुरी
हैं. फ़िर ताऊ का कुणबा भी घणा ज्यादा बडा है ताई, रामप्यारी, सैम, बीनू
फ़िरंगी, चंपाकली, अनारकली, हीरामन (हीरु) और पीटर (पीरु)...और इन सबके
दोस्त रिश्तेदार अलग से.
अदा जी की रचना
फूल शोलों को आँधी को बया कहते हैं
फूल शोलों को आँधी को बया कहते हैं
हमसे दीवाने, दीवानगी को अदा कहते हैं
देख ले ली है ख़ुदा ने तो जहाँ से रुख़सत
अब हम बन्दों को सरे-आम ख़ुदा कहते हैं
घर जला भाई का भाई से बुझाया न गया
सानी फितरत का भी कोई जवाब
नहीं. जब, जिस हाल में रहे, उस समय,काल और हाल की शिकायत किए बिना रहा
नहीं जाता. अब आप आज की हालत देखें. मुझ जैसे उम्र-रसीदा लोग नए ज़माने के
नए माहौल,नए दौर की ऐसे धज्जियां उड़ाने को तुले रहते हैं कि बस अल्लाह रहम
करे
संवेदनहीनता
उससे खर्च हो जाने हैं.
हेतु,
एक चाय,
और बासी बंद.
"सलामत रहो साजना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
कर रही हूँ प्रभू से यही प्रार्थना।*
*जिन्दगी भर सलामत रहो साजना।।*
चन्द्रमा की कला की तरह तुम बढ़ो,
*उन्नति की सदा सीढ़ियाँ तुम चढ़ो,*
*आपकी सहचरी की यही कामना।*
जिन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
मैं..
मैं, बेचैन सी सोच के आशियाने में थी
नही मालूम,कौन सी हसरत इस कदर बह जाने में थी ?
चुस्कियां लेती जा रही थी,गर्माहट देती जा रही थी
मगर कोशिश पूरी, सूरज को डूबाने में थी ।
मैं बरसों में भी इतनी तन्हा न हुई थी...
उस फ्लाई ओवर से,
गुज़र जाता हूँ.
हम तुम्हें गाली दें, तुम हमारे मुँह पे थूको
खबरदार! खबरदार!! खबरदार!!!
अभी तक अगर सावधान नहीं हुए हो तो अब हो जाओ।
हिन्दी ब्लोग जगत में एक खतरनाक पागल खुल्ला घूम रहा है।
इस पागल को अपने मुँह पर थुकवाने का शौक है इसलिए वह लोगों को गाली देते फिरता ......
ये क्या हो रहा है?
18 comments:
sundar विवरण
thanx
mumbai tiger
करवा-चौथ मय रही चर्चा । दूसरे उल्लेख भी अच्छे हैं । आभार ।
बहुत उम्दा चर्चा. विस्तार पसंद आया.
बढिया चिट्ठाचर्चा...
बहुत सारे अच्छे लिंक पढ़े आपकी इस चर्चा के माध्यम से ...
चर्चा में हमारा भी नाम आया ...बहुत आभार ...!!
बहुत सुंदर चर्चा मिश्राजी, बधाई.
रामराम.
बहुत ही सुंदर चिट्ठा चर्चा...बधाई पंकज जी
sundar chrcha
अच्छी लगी चिठा चर्चा धन्यवाद्
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, चिट्ठा चर्चा में ।
श्री पंकज मिश्र जी!
आज ब्लॉगर मित्र शरद कोकास जी की माँग पर
कल की पोस्ट का प्रत्युत्तर लिखा है।
करवाचौथ पर आधारित आज की चर्चा सुन्दर रही।
आपके श्रम की सराहना करता हूँ!
बहुत-बहुत बधाई!
बहुत सुन्दर चर्चा । सारे लिंक्स अच्छे थे ।
चर्चा में करवा चौथ की फोटो बहुत अच्छी जोड़े आपने, हार्दिक धन्यवाद !
पंकज जी बहुत खूब मजा आ रहा है..हमारे साथ सभी ब्लोग्गर भाईयों को भी ..जारी रखिये इसे..मुझे खुशी है कि अब ब्लोग्गर्स के पास चर्चा पढने के लिये कई विकल्प मिल रहे हैं...काम मुश्किल है...मगर मजेदार है..शुभकामनायें..
बहुत ही सुन्दर चिठ्ठा चर्चा.....खुबसूरत!
धन्यवाद. कई और भी बहुत अच्छे लिंक्स आपके कारण मिले.
पंकज बाबू इतने चिट्ठे कहाँ से धर-पकड़ कर लाते हो
और हमारे लिए कितने करीने से इनको सजाते हो
@झाजी आप भी न बस नॉन-पॉलिटिकल हो जाते हो
सिर्फ भाइयों की बात करते हो बहिनों को भुलाते हो
बहुत बढ़िया रही जी चिटठा-चर्चा ...
सुन्दर चर्चा!!!
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