अंक –50 प्रस्तुत कर्ता -दर्पण शाह "दर्शन "
चर्चा परिवार के सदस्य---
नमस्कार ,चर्चा हिन्दी चिट्ठो के इस पचासवे अंक और इस मंच पर अपने पहले अंक में .
आज दीपावली के दिन का चर्चा मेरे नाम है तो मै सोचा क्यों न कुछ नया आयाम पेश किया जाय .....तो लीजिये प्रस्तुत है ब्लाग जगत की मधुशाला .....आपको पसंद आयेगी ऐसी आशा है ..
आप सभी को मेरे और पूरे चर्चा मंच की तरफ से दीपावली की शुभकामना ..
खुशी के बात यह है के हमारे और शास्त्री जी के बाद दो और हमारे ब्लागजगत के गंभीर लेखक श्री हिमांशु जी और श्री हेमत कुमार जी भी इस परिवार से जुड़ गए है .... जल्द ही सब अपने नियत समय के अनुसार चर्चा करेगे ......
धन्यवाद
//भागवत कथा बन मुरली आई साथ लिए कर में एकोहम,
जिनमें वह छलकाती लाई दिल की बात , कुछ मेरी कलम ।
अर्जुन के संग कर संगत उसके सारथी कहलाए,
देखो कैसे नाच नचाता समय चक्र -अगड़म बगड़म //1//
//ब्लॉग पथ में चलता हूँ मैं अनवरत, निरंतर,
किस पथ से जाऊं असमंजस में हूँ मैं दफ़ातन ,
अलग अलग राज बतलाते सब,प्राची के पार जो जाना है,
पाल ले एक रोग नादां ,पा जायेगा मानसिक हलचल//2//
//लाल सुरा की धार लपट सी आँखों में हैं स्वप्न मेरे ,
फेनिल मदिरा है मत इसको कहना बिन पिए चलें ।
दर्द अदा है, इस मदिरा का चिट्ठा चर्चा साक्षी है,
पीडा में आनंद अगर है तो चलो व्योम के पार चलें//3//
//धर्मग्रन्थ सब जला चुकी है, जिसके अंतर का झोखा,
मंदिर, मसजिद, गिरिजे, गर लगते हैं तुमको धोखा।
पंडित, मोमिन, पादिरयों के ऊपर भड़ास निकाल चुके,
कर सकती है आज तुम्हारा स्वागत मेरा ' झरोखा//4//
//बने पुजारी प्रेमी साकी, गंगाजल पावन पिया,
रहे जलता अविरत गति से मधु के प्यालों का ये दिया ।
'और लिखे जा, और पढ़े जा, इसी मंत्र का जाप करे,
मैं उन्मुक्त आवाज़ बन बैठूं, मंदिर हो यह फुरसतिया//5//
//सब मिट जाएँ, bani rahegi प्राइमरी का मास्टर की paath -salla ,
सूखें सब रस, बने रहेंगे, किन्तु, हलाहल औ' रांची हल्ला
धूमधाम औ' चहल पहल के स्थान सभी सुनसान बनें,
झगा करेगा अविरत महाशक्ति, जगा रहे क़स्बा - मोहल्ला//6//
//हरा भरा रहता हिन्द युग्म जग पर पड़ जाए पाला,
वहाँ मुहर्रम का तम छाए, यहाँ रचनाकार की ज्वाला।
स्वर्ग लोक से सीधी उतरी वसुधा पर, दुख क्या जाने,
पढ़े मर्सिया दुनिया सारी, ईद मनाती चोखेर बाला//7//
//बहुतों के सिर चार दिनों तक चढ़कर उतर गई हाला,
बहुतों के हाथों में दो दिन छलक झलक रीता प्याला ।
पर बढ़ती तासीर सुरा की,मेरे अस्तित्व के,आरम्भ से ही,
और पुरानी होकर मेरी और नशीली मधुशाला //8//
//स्वयं नहीं करता , औरों को, किन्तु दे देता tricks,
स्वयं नहीं छूता, औरों को, पर पकड़ा देता mouse clicks ।
यही कई अच्छे चिट्ठों से मैंने यहाँ पे सीखा है,
स्वयं नहीं लिखता , औरों को पर देता हिंदी blog tips //9//
//बड़े-बड़े नाज़ों से मैंने पाली है साकीबाला,
किलत परिकल्पना का ही इसने सदा उठाया है प्याला ।
सच शरणं ही रखना इस मेरी ज़िन्दगी को,
'अर्श' , तुम्हारे हाथों में अब सौंप रहा हूँ कबाड़खाना//10//
//'मय' का करके मंथन दिया अब नाम गया उसको, 'मसिजीवी' ,
'मीना' को 'मनु-उवाच' दिया 'सागर' को नाम गया ' उड़नतश्तरी ' ।
क्यों न मौलवी चौंकें, बिचकें वीर बहुटी पंडित जी,
'मय-महिफल' अब अपना ली है मैंने करके घुघूती बासूती//11//
//एक बरस में, एक बार ही जगती होली की ज्वाला,
एक बार ही लगती बाज़ी, जलती दीपों की माला ।
दुनियावालों, किन्तु, कोई मेरे दिल से पूछो
दिन को होली, रात दिवाली, रोज़ मनाता नौ दो गयारह //12//
सुन, कलकल़ , छलछल़ प्रखर दैनन्दिन गिरती प्यालों में हाला,
सुन,ताऊ मेरे चल वितरण करती मधु साकीबाला,
दुर नहीं शब्दों का दंगल, चार कदम अब चलना है,
चहक रही, मेरी रचनाएँ !, महक रही, ले, मधुशाला।।13।
मेंहदी रंजित मृदुल हथेली पर माणिक मधु का प्याला,
अंगूरी GULDASTE - E - SHAYARI डाले स्वर्ण वर्ण साकीबाला,
क्वचिदन्यतोअपि, जामा नीला डाट डटे पीनेवाले,
मुम्बई टाईगर से होड़ लगाती आज रंगीली मधुशाला।।14।
//अल्पना वर्मा कलम पकड़ कर , व्योम के पार चली
सेहर जी है कह रही कलम परम मित्र, प्रिय सखी मेरी..
सीमा गुप्ता बता रही है , भावनाए समझाने वाला
लाइन है अंतिम यह, कैसी है हमारी मधुशाला //15
ब्लागत में आज सभी ब्लॉगर ने दीपावली के इस शुभ अवसर पर अलग -अलग तरीके से शुभकामनाये पेश की है ....
कुछ लिक्स पंकज जी ने भेजा है ,मै नीचे दे दे रहा हु ........
अब दीजिये इजाजत फिर मिलेगे अगले चर्चा में कल के चर्चा हमारे दुसरे साथी द्वारा किया जाएगा ...
एक बार पुनः आप सभी को दीपावली की शुभकामना .........
दर्पण शाह :दर्शन :
32 comments:
बिलकुल मदहोश कर देने वाली इस चर्चा की मधुशाला में दर्पण भाई की कलम का जादू भी चल रहा है ।
चर्चा का आभार ।
दर्शन भाई ।
चर्चा स्वस्थ रही ।
चल पड़े जिधर पग डग में
चल पड़े कोटिजन उसी ओर...।
शुभ दीपावली ।
nice.........nice.......nice...........
जबरदस्त एवं सटीक चर्चा...गजब कर दिया महाराज!!
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
सादर
-समीर लाल 'समीर'
बढ़िया रचना..दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
दीपावली पर सुंदर उपहार दिया है आप ने।
बहुत बहुत शुभकामनाएँ! दीपावली सब के हृदय प्रकाशित करे!
achhi charcha hai...swarg na sahi dhra ko dhra to bnaye..deep etne jlayein ki andhera kahi na tik paye..is diwali in parindo ke liye ptaake na chalayein.....happy diwali......
बहुत सुन्दर चर्चा . आपकी चर्चा नित नए आयाम कायम करें . प्रिय एक बात और कहना चाहूँगा की इसमें सभी ब्लागर नए पुराने की जरुर चर्चा करे . अभी तक मैंने महसूस किया है की लोग सिर्फ अपनों की चर्चा करते है . आपकी चर्चा में सभी को स्थान दिया जा रहा है यह बात स्वागत योग्य है . दीपावली की अनेको शुभकामनाओ के साथ .
महेन्द्र मिश्र जबलपुर.
वाह..लाजवाब चर्चा की है दर्पण जी आप्ने. पहली बार किसी ने ब्लाग चर्चा का मधुशाला संस्करण पेश किया. बहुत शुभकामनाएं आपको इस नूतन प्रयोग के लिये. आगे भी ऐसा सुंदर प्रयास करते रहें.
आपको और आपके पाठकों को दिपावली की बहुत बधाई और शुभकामनाएं.
रामराम.
मधुशाला शहद से भरी है। दीपावली की बधाई।
दीपोत्सव का यह पावन पर्व आप सभी के जीवन को धन-धान्य-सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करे!!!
बहुत खूब। और लोगों के जुड़ने से चर्चा में विविधता आयेगी। अच्छा लगा ये चर्चा बांचकर। बधाई।
सभी को दीपावली की बधाई!
Himanshu ji ke shamil hone se chittha charcha jo naye aayam choone wala hai, us baat ko soch kar hi koi bhi sahitya premi (blog premi nahi kahoonga) Ullasit hoga hi hoga.
Punahasc aapka sawagat.
दर्पण भाई शानदार चर्चा .. बधाई
सही कहा आपने हिमांशु जी के साहित्य का सबको इंतज़ार रहता है ...यहाँ भी वे अपने लेखनी से हम सबको प्रभावित करेगे .....
आपको सबको दीपावली की शुभकामनाये
बढ़िया रचना..दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
acchi charcha..
deepawali ki shubhkamanayein...
साल की सबसे अंधेरी रात में
दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी
कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
झटकें सभी तकरार ज्यों आयी-गयी
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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चर्चा अब छंदमय हो गयी...अंदाज निराला, वाह रे मधुशाला...
सुंदर चर्चा ..
पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
दर्पण शाह का चर्चा समर्पण मन को भाया
सब को मंगलमय दीपावली पर मिले माया।
जबरदस्त अंदाज से चर्चा है ............. आज तो मज़ा आ गया पढ़ कर ........
आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की शुभकामनाएं ..............
अनूठा प्रयोग.. शानदार चर्चा...
दीपावली पर्व की ढेरों मंगलकामनाएँ!
इस चर्चा रूपी मधु को पीकर हम तो मस्त हो गये । मान गये हम आपकी पारखी नजर और आपकी चर्चा का असर :) । दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनायें ।
मान्यवर चिठ्ठाचर्चा के सभी गुणी जनो को मेरा दिपावली का प्रणाम!
आज की चर्चा मधुशाला को भी पिछे छोड दिया....... अति सुन्दर, दिल खुश कर दिया आप लोगो ने यह दिपावली की शोगात हमे कबुल है जी.
सुख, समृद्धि और शान्ति का आगमन हो
जीवन प्रकाश से आलोकित हो !
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
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ताऊ किसी दूसरे पर तोहमत नही लगाता-
रामपुरियाजी
हमारे सहवर्ती हिन्दी ब्लोग पर
मुम्बई-टाईगर
ताऊ की भुमिका का बेखुबी से निर्वाह कर रहे श्री पी.सी.रामपुरिया जी (मुदगल)
जो किसी परिचय के मोहताज नही हैं,
ने हमको एक छोटी सी बातचीत का समय दिया।
दिपावली के शुभ अवसर पर आपको भी ताऊ से रुबरू करवाते हैं।
पढना ना भूले। आज सुबह 4 बजे.
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
हेपी दिवाली मना रहा हू ताऊ के संग
मुम्बई-टाईगर
द फोटू गैलेरी
महाप्रेम
माई ब्लोग
SELECTION & COLLECTION
समझे थे हमतो यहाँ हैं सब 'नीट' ही पीयेंगे
पर दर्पण दे डाला है चर्चों का मसाला
पीने की हमको तो आदत नहीं है
और दर्पण ने हम पर भी कृपा कर डाला
टल्ली होकर झूमे रहे हैं जाने का करेंगे अब गड़बड़ घोटाला
दर्पण बचवा....रंग जमा दिया है रे...!!!
पंकज बाबू !
आपने दर्पण को बुला के कोई गलती नहीं की.......
यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
युग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
Happy Dipawali
बहुत ही श्रम से लिखी गयी चर्चा ..मधुशाला के जैसी..
बधाई!प्रशंसनीय कृति..इतना सब पढ़ना फिर उनके शीर्षक पर सब के लिंक देना...बहुत मेहनत की है!
आप की टीम को शुभकामनायें.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए!
मस्त हो गये हम,वाह रे मधुशाला...दीपावली की शुभकामनाएं !
वाह बड़ा रस आया इस मधुशाला चर्चा में।
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