अंक : 61
प्रस्तुतकर्ता : पंकज मिश्रा
नमस्कार ," चर्चा हिन्दी चिट्ठो" में मै पंकज कुमार मिश्रा आप सब से मुखातिब हु ...आज बारी थी हमारे बड़े भाई हिमांशु जी की लेकिन भारतीय संचार निगम लिमिटेड में तकनीकी खराबी के चलते वो आज चर्चा करने में असमर्थ थे ....तो मै सोचा कि चलो मै ही आज की भी चर्चा कर दू .......तो लीजिये आप के सामने प्रस्तुत है चिटठा जो कि आपने ही लिखा है ......चलिए शुरू करते है ........
श्री दिनेश राय द्विवेदी जी की पोस्ट नाबालिग लड़की को भगाकर शादी करना सजा को न्यौता देना है। भाई अगर कोई ब्लॉगर के दिमाग में ऐसी कोई बात हो तो त्याग दे वकील साहब की बात माने…..
अगर कोई युवक किसी नाबालिग लड़की से प्यार करता हो और वह लड़की भी उसे प्यार करती हो, दोनों घर छोड़ कर भाग जाएँ और विवाह कर लें। उस के बाद परिवार वाले उन्हें पकड़ लें और लड़के पर बलात्कार और अपहरण का मुकदमा कर दें। लड़की भी युवक के खिलाफ बयान दे दे। ऐसी स्थिति में यह बताएँ कि लड़के के पास बचाव का क्या उपाय है?
आप के प्रश्न में लड़की नाबालिग है। नाबालिग लड़की को यह तय करने का अधिकार नहीं कि वह किस के साथ रहेगी या न रहेगी। ऐसी अवस्था में उस की सहमति हो तो भी वह वैध नहीं है। ऐसी अवस्था में किया गया विवाह भी जबरन किया गया बाल विवाह होगा। जब कि लड़की खुद युवक के विरुद्ध बयान दे रही है। लड़के के विरुद्ध अपहरण (धारा-366) और (धारा-376) दोनों ही अपराध तो साबित होंगे ही बाल-विवाह का अपराध साथ में और साबित होगा।
इलाहाबाद से 'इ' गायब - अंतिम भाग
गरिया रहे हो सरकारी टैक्स पेयर का पैसा फिजूल में उड़ाए गए। इस देश में और कहाँ कहाँ ऐसे कुकर्म होते हैं? जरा बताइए तो! नहीं होते न !बस ब्लॉगरी ही भ्रष्ट है।... क्या कहा? ऐसी बात नहीं लेकिन ब्लॉगरी को इन दोषों से बचना/बचाना चाहिए। अच्छा, पवित्र गैया की बड़ी चिंता है आप को ! बड़ा आत्मविश्वास है अपने उपर! जमाने को अपनी मुठ्ठी में बन्द रखेंगे! दुर्भाग्य(या सौभाग्य) से बहुत लोग ऐसे नहीं हैं। भ्रष्ट हैं न ! सुविधाजीवी प्रलापी। .. |
अयोध्या नाम तो आप सभी जानते है ..प्रभु श्री राम चन्द्र का जन्मभूमी ......आज आप लोग पढ़ लीजिये और भी कुछ बाते इतिहास ब्लॉग पर ....
रंजना सिंह जी का लेख क्षमादान !!!
कि बन जाये आत्मानिरंतर, निर्विरोध और तीव्र वेग लिये कि बन जाये आत्मा एक नदी चंचल और मिटा दे अपना अस्तित्व मिलकर अपने इष्ट से । |
हो तुम मेरा यथार्थ | खूब है मासूम सी अदा |
आज के मैच के बारे में जानिए सगीता पूरी के साथ
दुनिया अजब गजब
कभी पार्क की | मृत्यु-कामना . (कविता)
किसी दिन, |
खबरों की खबर पर अजय कुमार झा जी है…
खबर :- बिग बास ने कमाल खान को बाहर निकाला । नज़र :- गलत किया बिग बास ने, और बिग बास ने ये किया ही क्यों.... काहे से कि जब बिग बास कुछ करबे नहीं करते हैं, अरे जौन कर रहे हैं या तो वहां घुसे हुए मेहमान खुद कर रहे हैं ....नहीं तो हमको छोड कर कुछ लोग जो एसएमएस करते हैं ..ऊ लोग कर रहे हैं.....वैसे हमको शक है कि कौनो एसएमएस करता भी है ...खैर छोडिये ई बात को..बात तो असली ई है कि बिग बास गलत किये कमाल खाल को बाहर निकाल के। देखिये जी ई माना कि ऊ देश द्रोही रहे हैं ....तो का हुआ ..अरे असली में थोडे हैं जी ....फ़िर सबसे जरूरी बात तो ये थी कि इस बात कि पक्की खबर थी कि अबकी जो कमाल खान थोडे दिन और बिग बास के घर में रह जाते .....तो अगला नोबेल उनको ही मिलना था पकिया था जी .....ई रोहितवा और राजू भाई गडबडा दिये सब ..एक ठो और नोबेल छूट गया ..चलिये का किजीयेगा सब्र किजीये।
अब बारी अतीत के झरोखे की
आज की प्रस्तुती है दीपक भारतदीप की ई-पत्रिका ब्लॉग से
‘सविता भाभी’ से मस्त राम पीछे- व्यंग्य आलेख
इंटरनेट पर पोर्न वेबसाईटों का जाल कभी खत्म नहीं हो सकता। देश के अधिकतर प्रयोक्ता ऐसा वैसा देखने के लिये ही अधिक उत्सुक हैं और उनकी यही इच्छा संचार बाजार का यह एक बहुत बड़ा आधार बनी हुई हैं।
एक मजे की बात है कि हमेशा ही नारी स्वतंत्रता और और विकास के पक्षधर सार्वजनिक रूप से अश्लीलता रोकने का स्वतंत्रता के नाम पर तो विरोध करते हैं पर अंतर्जाल पर ‘सविता भाभी’ की रोक पर कोई सामने नहीं आया। लगभग यही स्थिति उनकी है जो परंपरावादी हैं और अश्लीलता रोकने का समर्थन करते हैं वह भी इसके समर्थन में आगे नहीं आये।
इधर अनेक अंतर्जाल लेखकों ने यह बता दिया है कि ‘सविता भाभी’ पर कैसे पहुंचा जा सकता है। हमने यह वेबसाईट देखने का प्रयास नहीं किया मगर इस पर लगा प्रतिबंध हमारे लिये कौतुक और जिज्ञासा का विषय है। इधर हमारे एक पाठ ने जमकर हिट पाये तो वह जिज्ञासा बढ़ गयी।
हम भी लगे गुणा भाग करने। पाया कि मस्तराम उसके मुकाबले एकदम फ्लाप है।
अपने खुशदीप साहब की सुनिए और बताइये कि आपके बच्चों का रोल मॉडल कौन...है
अब " नजर-ए-इनायत "
वर्ष-2009 : हिन्दी ब्लॉग विश्लेषण श्रृंखला (क्रम-5)-वर्ष -२००९ में जो कुछ भी हुआ उसे ब्लॉग की दुनिया ने किसी भी माध्यम की तुलना में बेहतर ढंग से नोटिस लेने की पूरी कोशिश की है। चाहे बिहार में बाढ़ हो या सुखा या फ़िर मुम्बई के आतंकवादी हमलों के बाद की परिस्थितियां दोहरे मापदंड...-आज सुबह के अखबार में ख़बर पढ़ी कि कैसे एक उत्तर-पूर्वी लड़की की एक लड़के ने हत्या कर दी। हर अख़बार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वो लड़का एक सभ्रांत परिवार का था और ख़ुद भी बहुत पढ़ा लिखा था। वे--दोस्तों ने कहानी का एहतराम तो किया पर साथ ही इसरार भी कि इस ब्लाग को कविता के लिये ही आरक्षित रखा जाय…तो अब कवितायें ही रहेंगी यहां…लीजिये प्रस्तुत है कोई दस साल पहले लिखी यह कविता जो बाद में साखी मे छपी) वे सबसे ऊंची आवाज़ में नारे लगाकर भर देते हैं तेरी रुसवाई से, मेरी बेवफाई का इल्जाम अच्छा है--यह मेरे दर्द का फ़साना, कुछ झूठा कुछ सच्चा है शब-ए-हिज्र की हैं बातें, तुम ही सुनते तो अच्छा है कहकर तो देखो कभी, परियों की बातें उनसे हर संजीदा दिल में, सहमता हुआ एक बच्चा है इसी बहाने पहचान हो गई दोस्त दुश्मनों की नानक वाणी में प्रेमिका हैं प्रभु !!--गुरु नानक का जन्म रावी नदी के तटवर्ती गांव तलवंडी में वर्ष 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। बाद में यह स्थान ' ननकाना साहब ' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। नानक की बड़ी बहन नानकी के नाम का अनुकरण करते हुए पिता कालू मेहता ने अपने बेटे का नाम नानक रखा अश्लील कौन : मकबूल फिदा हुसैन, बिहारी लाल, प्रेमचंद या कि हममैं ने कई बार कई जगहों पर पढ़ा और सुना है कि मकबूल फिदा हुसैन ने हिंदू देवी-देवताओं की कई अश्लील पेंटिंग बनाई थी। इसी कड़ी में सरस्वती की तस्वीर भी थी। गर एम. एफ. हुसैन का विरोध इसी मुद्दे पर हिंदू कर रहे हैं तो मुझे लगता है कि मकबूल फिदा हुसैन वाकई नवदुनिया में 'चोखेर बाली'भोपाल से प्रकाशित नवदुनिया में 26 अक्टूबर 2009 को चोखेर बाली की एक पोस्ट "नाम के कुत्ते - काम के वफादार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")स्वामीभक्ति की जीती-जागती मिसाल - नाम के कुत्ते - काम के वफादार, बिन झोली के भिखारी रोटी के चन्द टुकड़ों के लिए - स्वामी पर जान न्योछावर करने वाले- इन सदस्यों के हवाले आज घर की पूरी रखवाली सौंपकर दिल्ली जा रहा हूँ। राखी सावंत की रंगरेलियां, अभिभावक परेशानराखी और कंट्रोवर्सी का तो चोली-दामन का साथ है। वैसे भी रियालिटी शो पति, पत्नी और वो के चलते राखी कई बार चर्चा में आ चुकी हैं। लेकिन इस बार राखी के साथ उनके मंगेतर इलेश भी सुर्खियों में हैं। ताना न मारो मोहे तीर लागे .... आज और इस क्षण मन कर रहा है कि एक पसंदीदा गीत को साझा किया जाय। कुछ सुना जाय , कुछ बुना जाय !अब कि ऐसे समय में जब चारो तरफ लगभग भुस - सा भरा हुआ है और जिसे देखिए वही अपने ही भीतर के हाहाकार से हलकान है और दोष बाहर के दबावों , प्रलोभनों , उठापटक को दिए |
अब दीजिये इजाजत कल फिर मिलेगे
नमस्कार
21 comments:
itihaas ko bhi janne ka mauka mila aur jhaji ko bhi.. aur bhai dwivedi ji ne sachet bhi kar diya!!!
kul milakar bahut acchi charcha...
nice
बढ़िया चर्चा :)
बहुत मेहनत से की गयी चर्चा .. कई लिंक मिले .. धन्यवाद !!
पंकज जी आप के बारे मे जितना सुना था उससे अधिक पाया ।
बहतरीन चर्चा।
बहुत उत्कृष्ट।
आज की चर्चा बहुत पसन्द आई. बेहतरीन लिंक्स प्राप्त हुए. धन्यवाद.
बेहतरीन भाई...
ाज आपकी चर्चा से ही कई पोस्ट पढी कल कहीं जा नहीं पाई धन्यवाद अच्छी चर्चा है
खूबसूरत चर्चा है भाई ............... नए नए लोगों से मिलने का अवसर मिल जाता है आपके बहाने ..........
bahut hi zabardast charcha rahi......ek se badhkar ek rahi .
मिश्रा जी,
चर्चा में शामिल करने का बहुत बहुत धन्यवाद !
यु ही जारी रहे, शुभकामनाएं !
झक्कास
Bade Gande ho Pankaj Ji aap....
Meri subah subah 5 baje utkhaar aakhbaar padhne ki aadat churwa di na aapne?
:)
वाह बहुत ही सुंदर चर्चा लगी.
रामराम.
बहुत ही बढिया रही चर्चा....
धन्यवाद्!!
हमें तो शीर्षक में ही जगह दे दिए। क्या कहूँ - शर्माय रहे हैं।
आप की चर्चा पर की गई मेहनत ही तो देखकर हम अपना 'आलसी' बैज हटा नहीं पा रहे हैं। ...नए चिठ्ठों को अलग से स्थान दीजिए न!... मुझे पता है कि बहुत श्रम का काम है लेकिन भार तो समर्थ की ही ओर जाता है।
बहुत सुन्दर चर्चा । मुझे शामिल करने के लिये धन्यवाद
पंकज जी आज बधाई चर्चा के लिये नहीं दे रहा हूं ....आप शीर्षक भी कमाल का लगा रहे हैं...यानि सोने पर सुहागा...बहुत खूब जी...सच मायने में तो अब विकल्प की भूख थोडी शांत हुई है..आभार और शुभकामनायें...आपको और आपकी पूरी टीम को भी...
दिन प्रतिदिन चर्चों की तादात बढ़ती जा रही है और हम पढ़ रहे है बेहतरीन चिट्ठा चर्चाएँ आपके ब्लॉग पर आपके एस सराहनीय प्रयास के ज़रिए..बहुत बढ़िया प्रस्तुति..धन्यवाद!!!
बहुत उम्दा चर्चा...गहराई से छांट कर लाये नगीने!!
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