अंक : 76
चर्चाकार : डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
ज़ाल-जगत के सभी हिन्दी-चिट्ठाकारों को डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" का सादर अभिवादन!
आज की "चर्चा हिन्दी चिट्ठों की " का आगाज करता हूँ-
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bhartimayank "आँवले का ताजा अचार" खाने के साथ बढ़िया उपहार!
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मै हमेशा सोचता हूँ कि ब्लॉग से लोगों की - चर्चा कैसी लगी?
यशस्वी
नैनीताल का पहला फिल्म उत्सव - ऐतिहासिक था यह महोत्सव!
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अमर उजाला में 'बीबीसी हिंदी ब्लॉग' तथा 'चोंच में आकाश' - महानता का हो रहा है हमें आभास!
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कार्टून :- ये है सहनशीलता की हद... आपकी फरमाइश का रखा गया है ध्यान!
आज के लिए इतना ही! अंत में इतना ही कहूँगा ...आज का अंक आपको कैसा लगा? अपनी राय बेबाक टिप्पणियों में दीजिये...... कल फिर आपकी सेवा में हमारे कोई साथी कुछ और चिट्ठों की चर्चाएँ लेकर उपस्थित होंगे.............................................धन्यवाद! नमस्कार !! |
29 comments:
क्या चर्चा बेमन से की जा रही है..?
संक्षिप्त भी और कुछ-कुछ खाना-पूर्ति जैसी...
चर्चा बेहतर है । आभार ।
श्रीश पाठक 'प्रखर'जी!
शायद आपको यह इंस्टेण्ट आइडिया पसंद नही आया।
चर्चा संक्षिप्त नही है, आप लिंक खोल कर पढिए तो।
आप लोगों की पूरी पोस्ट चर्चा में ही पढ़ना चाहते हैं क्या?
वाह बहुत ही बढ़िया लगा चर्चा! मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए धन्यवाद!
Sach hi kaha aapne hum to is baar bhi maayoos hi hue, maayoosi hi maayoosi hai :) lekin koi gall nain ji kabhi to apni upasthiti ka ahsaas karayenge hi blog jagat me...
sundar charcha..
Jai Hind...
जी भाषा भावावेश में आ गयी है मेरी टिप्पणी की..क्षमा चाहूँगा..प्रविष्टियों की एक संक्षिप्त चर्चा तो अभीष्ट है ही...जैसा की ब्लॉग का नाम भी है..मेरी expectation ज्यादा हो सकती है..शायद...
Dipak 'Mashal' जी!
सही कहा आपने!
आज की चर्चा का तो शीर्षक ही
"मायूसी ही मायूसी" है!
पूरे 21 चिट्ठों की तो चर्चा है।
आप मायूस न हों आपका नम्बर भी
कतार में लगा दिया है।
इन्तजार कीजिए!
चिट्ठा चर्चा में कम चिट्ठों को पाकर मायूसी तो हो ही गयी .. वैसे इतना कर लेना भी आसान नहीं !!
nice
शास्त्रीजी, पोस्टों के साथ जो आपने अपने कमेंट लिखे हैं वे उसके साथ लगायें(नीचे नहीं) तो अच्छा लगे शायद।
waah shastriji waah !
bahut khoob.........
anand aa gaya !
बेह्तरीन चर्चा..नियमित रखिये!!
bahut achchhi charcha.
अनूप शुक्ल जी!
अब सुधार कर दिया गया है।
दिशा-निर्देश देने के लिए आभार!
वाह बहुत ही बढ़िया लगा शास्त्री जी ! आपका शुक्रिया !
aaj kee charcha mast cool cool hai
charcha honi chahiye beshak kam ho magar ho jaroor.........kam se kam padhne ko to mil hi jati hain.
:) मुस्करा दिये.. आभार..
बहेतरीन चर्चा हनेशा की तरह !
मेरा ब्लॉग को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
मायूसी ही मायूसी से हमें लगा कि आज मायूसी हाथ लगेगी लेकिन कार्टून के गुदगुदा दिया। सच है लेडीज टेलर में जितना धैर्य होता है उतना किसी में नहीं। कड़ी मेहनत करने के लिए धन्यवाद।
आज के अंक के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!!
charcha acchi hai..
बेह्तरीन चर्चा
बहुत सुंदर लगा जी
श्रीश पाठक जी से सहमत हूँ धन्यवाद्
श्रीश पाठक जी से सहमत हूँ धन्यवाद्
एक लाइना के समतुल्य :)
Achhe link hain ..... sundar charcha hai ..
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