अंक : 80 आलोक स्तम्भ कालकूट विष भी गले का आभूषण बन गया - अनुचित वस्तु बड़ों को उचित हो जाती है और उचित वस्तु नीचों को दूषित हो जाती है । जैसे अमृत से राहू की मृत्यु हुई और विषपान से भगवान् शंकर क... तसुव्वरात में लाऊँ तेरा सलोना बदन कहो मै कैसे भुलाऊँ तेरा सलोना बदन मगन यूँ होके तुझे मैं निहारूँ, मेरे बलम पलक-झपक मैं छुपाऊँ तेरा सलोना बदन... उड़न तश्तरी .... काश!! आशा पर आकाश के बदले देश टिका होता!! - काश!! आशा पर आकाश के बदले देश टिका होता!! वैसे सही मायने में, टिका तो आशा पर ही है. जिन्दगी की दृष्टावलि उतनी हसीन नहीं होती जितनी फिल्मों में दिखती है. ... .सीएम ओलंपिक संघ के अध्यक्ष ! प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने आज अचानक प्रदेश ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव रखा गया जिसे मुख्यमंत्री ने एक तरह से स्वीकार कर लिया है और ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही उनको ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बना दिया जाएगा ताकि छत्तीसगढ़ में २०१३ में होने वाले राष्ट्रीय खेल उनकी अगुवाई में हो। इसके पहले कल ही श्रीमती वीणा सिंह को वालीबॉल संघ का अध्यक्ष बनाने के साथ ओलंपिक संघ का भी अध्यक्ष बनाए जाने की बात खेल संघों से जुड़े...... और इस तरह राजा को भी विश्वास हो गया कि भूत होते हैं !! एक गांव में दो गरीब पति पत्नी रहा करते थे , किसी तरह दो जून का रूखा सूखा खाना जुटा पाते। पर्व त्यौहारों में भी पकवान बना पाना मुश्किल होता। अगल बगल के घरों से कभी कुछ मिल जाता तो खाकर संतोष कर लेते थे। पर एक दिन किसी के घर से मिले पुए को खाकर उनका लालच काफी बढ गया, इसलिए उन्होने घर पर ही पुए बनाने की सोंची। सामग्री की व्यवस्था में कई दिनों तक दोनो ने पूरी ताकत झोंकी , मिलते रहिये मिलाते रहिये लोगों से बतियाते रहिये शायद बात कोई बन जाये ! देखते रहिये दिखाते रहिये सपनों को चमकाते रहिये शायद कोई सच हो जाये ! सालिम अली-बर्ड मैन ऑफ इंडिया 10 साल का एक बालक दिन रात चिडियों को निहारा करता और उनकी गतिविधियों को नोट करता। एक दिन उस बालक ने एक अनोखी रंगीन गौरैया को देख... एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए उससे उनकी राजनीतिक अवसरवादिता का ही पता चलता है। अब इसमे... आपातकालीन गर्भनिरोधक क्या कोई आपदा तो नहीं लाएगा? - गर्भनिरोधक की हर खोज ने स्त्री को कुछ और मुक्ति दी है, कुछ और विकल्प दिए हैं। जीवन जीने की शैली का चुनाव, बच्चे हों या न हों, हों तो कितने व कब, यह सब चुनाव ... ज़िन्दगी---ज़िन्दगी के रंग कैसे- कैसे - उजासों की कतरन सांसों की धड़कन लम्हों की सिहरन अरमानों की थिरकन भोर की गुनगुन ज़िन्दगी को जीवंत करती सांझ का पतझड़ रात का खंडहर अहसासों का अकाल चेहरों का बांझ.. विरेन डंगवाल जी के नये कविता संग्रह `स्याही ताल´ का लोकापर्ण नैनीताल फिल्म फैस्टविल में हुआ था। प्रस्तुत है उसी संग्रह से एक कविता *प्रेम के **बारे **में... Alag sa दादा जी, अब भाग लो (: - बहुत बार ऐसा हुआ है कि अकेले बैठे यादों की जुगाली करते अचानक कोई बात याद आ जाती है और बरबस हंसी फूट पड़ती है। ऐसा ही एक वाक्या है जो याद आते ही हंसी ला देता.. बगीची जब चूहे बोलेंगे खूब राज खोलेंगे (अविनाश वाचस्पति) - चूहे ने कंप्यूटर के आविष्कार के साथ ही माउस के नाम से कंप्यूटर नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। इस पर इनका कब्जा अब भी बरकरार है। इस क्षेत्र में उनकी थोड़ी-स... Bikhare sitare...! adhyaay 2..chhoot gayaa wo angnaa... - ( पिछली कड़ी: मेरा..मतलब पूजा तमन्ना का ब्याह गौरव के साथ हो गया....बेलगाम के छोटा से गाँव से निकाल मै लखनऊ पहुँच गयी...अभी गुह प्रवेश ही हो रहा था ,क... अंधड़ ! सोच का दायरा ! - *आप लोगो ने भी अकसर यह सुना होगा कि फलां-फलां महत्वपूर्ण प्रोजक्ट मे तकनीकी जटिलताओ के कारण फलां फलां देश ने चीन, जापान, अमेरिका और युरोप के इन्जीनियरों की... हाय….आंटीज..अंकल्स एंड दीदी लोग..या..दिस इज मी..रामप्यारी.. आज के इस खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी मे रामप्यारी और डाक्टर झटका आपका हार्दिक स्वागत करते है. और ... रचनाकारमहावीर सरन जैन का आलेख : कबीर की साधना - [image: clip_image002] मध्य युग ने मोक्ष का अतिक्रमण कर, भक्ति की स्थापना की। भक्ति का प्रमाण एवं प्रतिमान बना - समस्त प्राणियों के साथ तादात्मय। ज... 17 नवम्बर 2009 को राजस्थान पत्रिका, जयपुर संस्करण के नियमित स्तंभ ’ब्लौग चंक’ में आरम्भ की एक पोस्ट जाने क्यों जैसे-जैसे अपनी सरजमीं पर, छुट्टियों के लिए ही सही, वापस आने के दिन नज़दीक आ रहे हैं.... अपनी मिट्टी की याद उतनी ही दिल में गहरे तक उतरती जा .....
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Wednesday, November 18, 2009
"कालकूट विष भी गले का आभूषण बन गया" (चर्चा हिन्दी चिट्ठों की)
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20 comments:
बहुत अच्छी चर्चा
शास्त्री जी, पीली पृष्ठभूमि, सुन्दर चित्र, रंगबिरंगी पंक्तियों और खूबसूरत चर्चा ने आज की पोस्ट को और भी जानदार बना दिया है.. आप की कल्पना की सराहना करनी होगी.. मसि-कागद को जगह देने के लिए शुक्रिया भी..
जय हिंद...
बहुत अच्छी चर्चा रही शास्त्री जी !
अभिनन्दन !
बहुत अच्छी चर्चा
विस्तृत शानदार चर्चा, शास्त्री जी!!
विस्तार से सुंदर चर्चा .. अच्छे अच्छे बहुत सारे लिंक्स मिले !!
बहुत अच्छी चर्चा लगी यह शास्त्री जी ..कम जगह मे अधिक ब्लॉग्स का समावेश किया है आपने ।
खूबसूरत चर्चा । सराहनीय़ । आभार ।
शाश्त्रीजी, बडी ही लाजवाब चर्चा है. शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत अच्छी चर्चा लगी यह शास्त्री जी ..कम जगह मे अधिक ब्लॉग्स का समावेश किया है आपने ।
सम्यक चर्चा....
Adarniya Pankaj ji evm Dr. saa'b Idhar kuch dino se office ka net 'restricted' hone aur vyarth ki vyastata honme ke karan nahi aa pa raha tha...
...niyamat ab bhi nahi ho paaonga...
Asha hai kshama kareinge.
links abhi nahi dekhe.
fursat milte hi dekhta hoon....
Aapka
Darpan Sah 'Darshan'
चर्चा के बहाने गागर में सागर भर दिया है। बधाई।
hamesha ki tarah sargarbhit aur shandar charcha rahi hai...........badhayi
अच्छी चर्चा रही शास्त्री जी .......
शास्त्री जी,विस्तृत शानदार चर्चा !!
एक बार फिर मेरे ब्लॉग कों चर्चा में स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
सुन्दर संकलन !
बहुत अच्छी चर्चा,चर्चा में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद...
शास्त्री जी आज की चर्चा बहुत चंगी लगी जी, बहुत सुंदर.
धन्यवाद
acchi charcha.. kai naye blog tak pahuncha..
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