अंक : 90
चर्चाकार : डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
ज़ाल-जगत के सभी हिन्दी-चिट्ठाकारों को डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" का सादर अभिवादन! आज की "चर्चा हिन्दी चिट्ठों की" का प्रारम्भ करता हूँ- यदि मैं चाहूँ तो सभी चिट्ठाकारों की प्रविष्टियों पर टीका-टिप्पणी कर सकता हूँ। परन्तु इससे चर्चा का आनन्द समाप्त हो जायेगा। क्योंकि यह टीका-टिप्पणी नही है अपितु "चर्चा हिन्दी चिट्ठों की" की है। यह अधिकार तो अपका ही है कि आप चिट्ठाकार की पोस्ट पर जायें और अपने मन की टिप्पणी दें। एक भीख मांगता बच्चा एक सप्ताह के अवकाश के बाद आज पुनः एक कविता प्रस्तुत है. धुप में झुलसता हुआ रेत की आग में जलता हुआ एक भीख मांगता बच्चा... पढ़े लिखे भी होते हैं अधविश्वास का शिकार? - जी हाँ, सिर्फ जाहिल और गंवार ही नहीं पढ़े लिखे भी होते हैं अधविश्वास का शिकार। कैसे? तो यह बताने से पहले मैं अपने जीवन का एक अनुभव आप सबके साथ बांटना चाहूँग... ज़ख्म कैसे करूँ नमन ---------२६/११ - शहीदों को नमन किया श्रद्धांजलि अर्पित की और हो गया कर्तव्य पूरा ए मेरे देशवासियों किस हाल में है मेरे घर के वासी कभी जाकर पूछना हाल उनका बेटे की आंखों में ठह... मेरी रचनाएँ !!!!!!!!!!!!!!!!! मेरी जंग: वक़्त का सबसे बड़ा झूठ... - * * जब मैं खोया हुआ रहता हूँ, एकटक छत को घूरता रहता हूँ अपने आसपास से अनजान और काटता रहता हूँ दांतों से नाखून. नहीं सुनाई देती है कोई भी आवाज़ कोई मुझे थक ... Rhythm of words... २६/११ ...एक संकल्प ! - ये वक्त की पुकार है इस पर क्यूँ ,किसी का गौर नही । कह रहा है वक्त ,ये चीख कर अब २६/११ और नही ।। ना याद कर आँसू बहाओ ना और ख़ुद को पीर दो । हो सके तो बुलंद... गत्यात्मक ज्योतिष ज्योतिष का सहारा लेकर क्या भवितब्यता टाली भी जा सकती है - 4 ?? - ज्योतिष की सहायता से होनी टाली जा सकती है या नहीं , इस बारे में मेरे आलेखों की श्रृंखला चल रही है , आप जैसे जागरूक पाठकों की उपस्थिति मुझे आगे बढने में बह... घुघूतीबासूती और वह फिर जी उठा - हम कभी भी यह मानकर नहीं चल सकते कि हम अन्तिम सच जानते हैं। यहाँ तक कि विज्ञान भी यह दावा नहीं कर सकता। जिसे हम आज सच मानते हैं वह कल झूठ साबित हो सकता है। फि... ताऊ डॉट इन दिल्ली ब्लागर सम्मेलन के बाद ताऊ ने रिपोर्टिंग से तौबा की - अभी पिछले सप्ताह ही दिल्ली में ब्लागर सम्मेलन हुआ. अजयकुमार झा जी ने समभाव से सबको खुला निमंत्रण दिया कि जो आये उसका स्वागत और ना आये तो अपनी राधा को खिलाय... अंधड़ ! क्या आपका खून नही खौलता ? - आप इस बच्ची को देख रहे हो न, इस मासूम का दोष सिर्फ इतना था कि इसने आप और हम जैसे के देश में जन्म लिया ! 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कार्टूनप्यार से फिर क्यों डरता है दिलप्यार शब्द इतना प्यारा है कि इसके आकर्षण से कोई भी अछूता नहीं रह सकता। वैसे तो मानव जीवन भर आकर्षित रहता है प्यार से, किन्तु इसका आकर्षण किशोर अवस्था और युवावस्था के वयःसन्धि याने कि सोलह से पच्चीस वर्ष तक के उम्र मे अपनी चरमसीमा में रहता है। उम्र का ये सोलह से पच्चीस वर्ष का अन्तराल गधा-पचीसी कहलाता है और इस काल में प्रायः लोग आकर्षण को ही प्रेम समझने की भूल कर जाते हैं। विपरीत लिंग वालों का एक दूसरे के प्रति आकर्षित होना प्राणीमात्र का ईश्वर प्रदत्त स्वभाव है। आप चाहे पुरुष हों या महिला, किन्तु आप में से कोई भी ऐसा नहीं होगा जिसे जीवन में कभी न कभी किसी विपरीत लिंग वाले ने आकर्षित न किया हो.... तुम्हारी हंसी दिन के कोलाहल में जब खो जाता है मेरा वजूद, धमनियों की धौंकनीहो जाती है पस्त समंदर सी, इच्छाओं का विराट आकाश सिमट जाता है पुराने बटुए में तब भी सिक्कों की तरह कहीं बजती है तुम्हारी हंसी...... ख़ुद को ही भूल जाऊँ। मैं तो भूली ही कब तुमको, और न किया कब याद।.......... मतलब......................मतलब पर मत लव को खोल। हो सकता है सब कुछ गोल। मतलब पूरे तो मिठास संग, लव खोलो, मत लब लब बोल।। "हिन्दी भारत" वेद और विटामिन डी - जीवन और जीवन विज्ञान आधुनिक विज्ञान और धारोष्ण गोदुग्ध (भारतवर्ष के संदर्भ में ) सुबोध कुमार (महर्षि दयानन्द गो संवर्धन केन्द्ग, दिल्ली -96) कृत्र... ज़िंदगी के मेले मेरी दिल्ली यात्रा: पहली बार राजीव तनेजा, खुशदीप, इरफ़ान, विनीत से रुबरू होने का रोमांच -बेशक विनीत कुमार के मोबाईल नम्बर पर हुए वार्तालाप के बाद मुझे कुछ असहजता सी लगी हो, किन्तु अगले दिन ब्लॉगर साथियों से रूबरू होने का ख्याल मुझे रोमांचित कर ... शिक्षा और समाजआज के युग में जब शिक्षा का बहुत अधिक महत्त्व है तो भी भारत में शिक्षा पर खर्च किए जाने वाले पैसे पर कोई भी ध्यान नहीं देना चाहता है। देश में मध्याह्न भोजन एक ऐसी योजना थी जिसके माध्यम से सारे देश को साक्षर किया जा सकता था पर आज यदि इस योजना की प्रगति पर नज़र डालें तो शायद यह अपने हिस्से के ४० % काम को भी नहीं कर पाई होगी। बहरहाल सरकारी आंकडें कुछ भी कहें कुछ हद तक साक्षरता दर में बढ़ोत्तरी तो हुई है पर जिस स्तर पर यह होना चाहिए था वह नहीं हो पाया है।.......... समीर जी का मेसज कल जब इतने दिनों बाद मैंने ब्लॉग में कुछ लिखा और आज यानि अगले दिन चेक किया तो उसमे एक कमेन्ट हमारी प्रतीक्षा कर रहा था …वो कमेन्ट किसी और का नहीं बल्कि एक ब्लॉगर समीर लाल जी का था …मेरा उनसे कोई परिचय नहीं मगर जब उन्होंने लिखा “अब से नियमित लिखिये…बड़ा इन्तजार लग जाता है. बस, शिकायत नहीं कर पाते आपके बाकी दोस्तों की तरह!!”… भारतीय महिला हॉकी में अभी जान है बाकी नीता डुमरे छत्तीसगढ़ की पहली अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी के साथ अंतरराष्ट्रीय निर्णायक भी हैं। बैंकाक में इसी माह खेले गए सीनियर एशिया कप में वह निर्णायक की भूमिका निभाकर लौटी हैं। वहां पर भारतीय टीम ने फाइनल में पहुंचकर विश्व कप में खेलने की भी पात्रता प्राप्त की है। यह इस बात का सबूत है कि महिला हॉकी में अभी बहुत जान बाकी है। दूसरी तरफ पुरुष हॉकी को विश्व कप में मेजबान होने के कारण खेलने की पात्रता मिल पाई है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी के साथ छत्तीसगढ़ की हॉकी पर उनसे हुई बातचीत के अंश प्रस्तुत हैं।....... शब्दों का सफर बेअक्ल, बेवक़ूफ़, बावला, अहमक़!!!! - [image: feldstein] बुद्धिहीन व्यक्ति के लिए हिन्दी में कई तरह की व्यंजनाएं हैं। मूढ़, मूढ़मति, मूर्ख, बुद्धू जैसे शब्दों के साथ ही अरबी-फारसी मूल के भी कई ... लिखता हूँ प्रिय गीत तुम्हारेपरिभाषित जो हुआ नहीं है, शब्दों में ढल भाव ह्रदय का, मैं उसमे ही डूबा डूबा लिखता हूँ प्रिय गीत तुम्हारे। ढलती हुई निशा ने बन कर कुन्तल की इक अल्हड़ सी लट........ मिलावटी दूध बनाने व बेचने पर मिली दो लोगों को मौत की सजा चीन ने खराब दूध पाउडर घोटाले के मामले में संलिप्तता को लेकर 24 नवम्बर को दो लोगों को मौत की सजा सुनायी। इस कांड में कम से कम छह बच्चों की मौत हो गयी थी और तीन लाख से अधिक बच्चे बीमार हो गये थे।........ नया ठौर मुफ़लिसी में हंसी - *पवन के कार्टून का मुरीद रहा हूं... रेखाचित्रों से ज्यादा उनके कार्टून का सब्जेक्ट जोरदार रहा है। कार्टून पर जाकर क्लिक कीजिये और आप भी मजा लीजियेः संजीव* आज के लिए बस इतना ही...........! |
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14 comments:
nice
बेहतरीन चर्चा । आभार ।
कई अच्छे लिंक मिले .. आभार !!
बेहतरीन चर्चा
शानदार...विस्तृत चर्चा!!!
सुंदर और विस्तृत चर्चा।
लाजवाब चर्चा है
सुन्दर विस्तृत चर्चा शास्त्री जी !
bahut badhiya chittha charcha..dhanywaad
sadak -------ek umda prastuti..........baki charcha to uttam hoti hi hai hamesha.
बेहतरीन चर्चा. शुभकामनाएं.
रामराम.
सार्थक चर्चा , धन्यवाद
शास्त्री जी की एक बेहतर और प्रशंसनीय कोशिश।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
वाह शास्त्री जी चर्चा दिनोंदिन निखरती जा रही है और हम भी इसके आदी होते जा रहे हैं ..
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