-अंक 51 प्रस्तुतकर्ता- पंकज मिश्र
नमस्कार , चर्चा हिंदी चिट्ठो के इस अंक में मै पंकज कुमार मिश्रा आप सब का स्वागत करता हु ...
अब चलते है अपने चर्चा के पहले चिट्ठे की तरफ ....ये है श्री मान महावीर बी सेमलानी "भारती" .....सेमलानी जी ने प्रस्तुत किया है ताऊ व्यक्तित्व और लिखा है -----
ताऊ वस्तुतः ताऊ है क्यो कि उनका अस्तित्व इन सारे रहस्यो का समवाय है। ताऊ एक विचार धारा है, पर उनके रुप अनेक है कभी वे विचारो को यूगीन भाषा मे प्रतुति देते नजर आते है, कभी वे मग्गा बाबा के रुप मे भाष्यकार बनकर उभरते है, कभी उन मे से हरियाणवी भाषा मुखरित होती है, तो कभी वे हिन्दी भाषा के वाग्मी सन्त बन जाते है। कभी एक अर्थशाश्त्री के बतौर नजर आते हैं। कभी ताऊ अपनी मेड-इन-जर्मन लठ की हुल्ल पट्टी देते हुऍ दिखाई देते है, कभी नटवरलाल तो कभी चाणक्य रुप, कभी महात्मा बाबा तो कभी लुटायत, बाप रे बाप ताऊ है या फैन्टम, स्पाईडर मैन है या चाचा चोधरी।
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सेमलानी जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद ......ताऊ का साक्षात्कार प्रकाशित करने का , आज तक तो ताउजी ही सबका साक्षात्कार लेते थे अब आपने उनका भी ले लिया :)
आगे चलते है दीपावली स्पेसल ब्लॉग पर-
कितने घट जो अब भी हैं रीते-अंधियारे अज्ञान-पाश में फँसकर खुद से भी हारे उनकी सूनी चौखट को रौशन करने को, आओ हम सप्त-सुरों के ज्योति-गीत बने सुधीर | ओ री आत्मा कर तू पुकार निज स्वामी का कभी न बिसार राम नाम का हो संचार जग में सारे जहान कर तू कर्म सदा निष्काम ध्यान लगा तू प्रभु के नाम राम नाम हो हर परिणाम जग में सारे जहान अदा | मैं तम से भरा अज्ञानी मां एक दीप जला दो जीवन में मां मन के कपाट मेरे बन्द है मां मेरी राह प्रकाशित कर दो मां । चंदन कुमार झा |
बी एस पाबला जी का ब्लॉग " प्रिंट मीडिया पर ब्लॉग चर्चा " पर आज ५०० पोस्ट प्रकाशित हो चुकी है इस सन्दर्भ में पाबला जी कहा -
इसी वर्ष 4 अप्रैल को प्रारंभ किए गए प्रिंट मीडिया पर ब्लॉग चर्चा ने आज 17 अक्टूबर को दीपावली पर्व पर, लगभग 6 माह में, 500 पोस्ट्स का आंकड़ा छू लिया है तथा लगभग 1200 टिप्पणियों सहित इसके पाठकों की संख्या 16,000 पार हो चुकी है। इस उपलब्धि के लिए आप सभी साथी बधाई के पात्र हैं। इसके प्रारम्भ होने के 100 घंटे के भीतर ही 1000 हिट्स , 25 जून 2009 को 200 पोस्ट , 2 सितम्बर 2009 को 1000 टिप्पणियाँ के आंकड़े भी उल्लेखनीय है। आपके बिना यह संभव नहीं था। |
अलबेला खत्री जी का हास्य -व्यंग ब्लॉग--
हुआ यूं कि नशे में धुत्त वह नेता लड़खड़ाता हुआ सड़क पर चल रहा था। फुटपाथ पर एक बुज़ुर्ग कुत्ता सोया हुआ था, नेता को पता नहीं क्या सूझी, सोये हुए कुत्ते पर ज़ोर से एक लात चला दी, बेचारा नींद का मारा कुत्ता रोता हुआ वहां से भागा । ये देख कर मुझे गुस्सा तो बहुत आया लेकिन मैंने नेता से कुछ नहीं कहा, पीड़ित कुत्ते के पास गया और प्यार से पूछा कि उस नेता ने अकारण ही तुझे लात मार दी |
पैतृक गाँव आया हूँ जौनपुर -दीपावली मनाने ! यहाँ मान्यता है कि दीवाली की रात जिसका जो काम हो वह उसे अवश्य करे .मतलब जो भी काम जो करता हो उसे दुहराए -कर दिखाए -नहीं तो आगामी पूरे साल उस काम की लय ताल बिगड़ जायेगी .समझ लीजिये यह कुछ टोटका सरीखा ही है -मतलब विद्यार्थी अपनी किताबों पर नजरे फिरा लें ,व्यवसायी अपने काम को साध ले और अखबारों के हाऊस अपने अखबारों के संस्करण निकाल ले -पत्रकार बंधुओं की आज छुट्टी नहीं रहती -कल अल्ल सुबह तभी आप को अखबार दिख जायेगें ! इसे ही दीवाली जगाना कहते हैं आदरणीय सुधी स्नेही जन, आप सभी को दिवाली मंगलमय हो -मैं जल्द ही आपके बीच लौटता हूँ- माँ पलायनम का संकल्प है जो मेरा (सादर ,मनोज ) |
दीपावली की तैयारी में जुटे बड़े बूढ़े और बच्चे खुशी से सबका मन भर दे शुभ दीपावली न्यारी। कहीं पे फ़ूटे बम बताशे कहीं अनार कहीं फ़ुलझड़ी उछल कूद कर नाचें बच्चे जब नाचती घूम के चकरी। पूनम श्रीवास्तव | जो कहीं-ना-कहीं बसा है, हर किसी के हृदय में, क्यों ना उन दीयों को साथ यूँ सजाएँ हम , ना अँधेरा रहे कहीं दूर-दूर तक कुछ इस तरह से दीवाली मनाएँ हम ।
| जिन्दगी एक फूल है ,जो कभी खिलता है तो कभी मुरझाता है । जिन्दगी एक झरना है जो कभी बहता है तो कभी सूख जाता है ....जिंदगी ..... |
श्री रूपचंद शास्त्री जी के मामा जी का आकस्मिक निधन हो गया , इस अवसर पर शास्त्री जी ने अपने मामा जी को श्रृद्धांजलि अर्पित किया है कुछ इस तरह --
मेरे मामा तुम थे मेरी माँ के प्यारे भाई। तुम थे ऋषि दयानन्द के सच्चे अनुयायी।। अस्सी वर्षों तक दुनिया में, पुष्प कुंज बनकर चमके तुम। दीवाली पर नील-गगन में, ज्योति पुंज बनकर दमके तुम। मेरे मामा तुम थे मेरी माँ के प्यारे भाई। तुम थे ऋषि दयानन्द के सच्चे अनुयायी।। कुप्रथाओं से लड़ने में ही, जीवन भर संलग्न रहे तुम। सबको शिक्षित करने में ही, अपनी धुन में मग्न रहे तुम। मेरे मामा तुम थे मेरी माँ के प्यारे भाई। तुम थे ऋषि दयानन्द के सच्चे अनुयायी। |
दीप जलते रहे झील मिलाते रहे । ![[66666.bmp]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgq9A5PBtpIhkb2k4SjuBISASTQ46OYiNWKQsR7drCldzuRrD8ZRZg3L9H6VK9yQIBDcNXZXazvUO2hzduvdkufxwDap6cgZptHJSiXBsz1HOWgQpZG0iKzJ6ykNvtEX3J5QH8BVxAA3e0/s220/66666.bmp) हम आजाबों से इनको बचाते रहे ॥ वो हमें इस तरह आजमाते रहे शर्त हमसे लगा, हार जाते रहे । उंगलियाँ इसलिए खुबसूरत हुई प्यार का नाम लिखते मिटाते रहे । मिल गया है उन्हें पैर में घाव लो फूल कदमों तले जो दबाते रहे । हम बहुत दूर तक लो कदम से कदम फासले दुश्मनी के मिटाते रहे । अर्श" | मंगलमय हो दीपावली सबकी ब्लॉगिंग की जी इस ब्लॉगिंग की दीपावली को स्वर्णिम बनाना। न पटाखे जलाना, न बम फोडना , राकेट छोड़ना बने बनाये प्रदूषणकारी ढर्रे को अवश्य तोड़ना। अविनाश वाचस्पति | यह दीपावली आपके पूरे परिवार के लिए ढेर सारी खुशियां और समृद्धि लाए। तरक्की के नए रास्ते खोले और सपनों को सच करने की एक नई शुरुआत बने। यह दीपावली हमारे ब्लॉगर परिवार के लिए भी नया दौर लेकर आए। इस दीपावली आप अपने परिवार को पूरा समय दें और बच्चों को ढेर सारा दुलार। प्रवीण जाखड़ |
बाहर लोग दीपावली और नए सालकी खुशिया मना रहे है और मै अन्दर बैठकर लैपटॉप पर टिपिया रहा हु ...आज पोस्ट तो बहुत हुई है लेकिन मुझे भी फुलझडी छुडाने का मन हो रहा है तो मै आज अपनी चर्चा को संक्षिप्त कहकर यही विराम दे रहा हु .....माफ़ करिएगा ........
आपका दिन शुभ हो
21 comments:
कुछ लिखते हैं दिल से, कुछ लिखते दिमाग से।
लता-पुष्प को चुनकर लाते, सभी बाग से।।
हिन्दी-चिट्टाकारी का सबने ही रूप सँवारा है।
ज़ाल-जगत पर सभी ब्लॉगरों से छाया उजियारा है।।
ज्ञान का पावन दिया, जलता रहेगा।
युग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
ताऊ के साक्षात्कार की सूचना मिली ...और भी अच्छे ब्लॉग पढने को मिले ...
आभार ...शुभ दीपावली ...!!
दीवाली की अनगिन शुभकामनायें....चुनिन्दा ब्लोगर्स को बधाई...
Pankaj Babu,
Jaaiye Jaaiye foojhadi chalaiye
are kaahe ghabraate hain
Chhota charcha par zabardast hai
ab ham tipiyaate hain...
shaandaar...
चर्चा छोटी लेकिन ज़ोरदार रही
आपने दीपावली को भी चर्चा कर ही डाली. यानि निरंतरता बनाये रखी, यह समर्पण भाव ही आगे ले जाता है. बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
Kya maar hi daaloge?
hahahaha
;)
hamesha ki tarah behterin charcha...
...naye bloggers ke upar tavazzon diye jane ka aapka prayas sarahniya hai !!
अच्छी चर्चा!
त्योहार की तमाम व्यस्तताओं के बावजूद चर्चा की यह निरंतरता प्रशंसनीय है पंकज जी. शुभकामनाएँ.
मैं सदा ही इस चर्चा के प्रति आपकी प्रतिबद्धता की कद्र करता रहा हूँ । चर्चा अच्छी है । आभार ।
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
ham bhi kal ghumte rahe.. tipiyaye nahi... ab baithe hain... acchi charcha...
लघु किन्तु फिर भी बढिया रही चर्चा...
आपका चर्चा करने का अंदाज़ अलग है...अच्छा लगा...
शुक्रिया...शुभकामनाएं....
बढिया चर्चा।
बहुत सुंदर जी .
धन्यवाद
पकजजी, आपकी चिठठा चर्चा तो हमारे जगत कि आवश्यक वस्तु बन गई है.
आप भी ताऊ बनने की राह पर निकल पडे है, पकजजी, आपकी चर्चा भी लाजवाब....
हम तो आपके मुरीद हो गऎ है.जी
मुम्बई टाईगर को चर्चा मे स्थान मिला मे चिठठाचर्चा के सम्पादक मण्डल का आभार व्यक्त कर रहा हू.
सुख, समृद्धि और शान्ति का आगमन हो
जीवन प्रकाश से आलोकित हो !
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
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ताऊ किसी दूसरे पर तोहमत नही लगाता-
रामपुरियाजी
हमारे सहवर्ती हिन्दी ब्लोग पर
मुम्बई-टाईगर
ताऊ की भुमिका का बेखुबी से निर्वाह कर रहे श्री पी.सी.रामपुरिया जी (मुदगल)
जो किसी परिचय के मोहताज नही हैं,
ने हमको एक छोटी सी बातचीत का समय दिया।
दिपावली के शुभ अवसर पर आपको भी ताऊ से रुबरू करवाते हैं।
पढना ना भूले। आज सुबह 4 बजे.
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
हेपी दिवाली मना रहा हू ताऊ के संग
मै तो चला टाइगर भैया के वहा, ताऊजी के संग मनाने दिवाली- संपत
ताऊ किसी दूसरे पर तोहमत नही लगाता-
रामपुरियाजी
बधाई,चिट्ठी चर्चा बहुत पसंद आई
आभार .. सुन्दर चर्चा है .......... ..
ये दीपावली आपके जीवन में नयी नयी खुशियाँ ले कर आये .........
बहुत बहुत मंगल कामनाएं .........
यह चिट्ठा चर्चा पसंद आई । धन्यवाद !
दीपावली की शुभकामनाएँ !
इतनी फुलझड़ियाँ तो आपने छुड़ा ली फिरभी मन नही भरा ..।
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