Wednesday, February 17, 2010

“विशेष ब्लागर सम्मान पुरस्कार - 2010 की घोषणा.” (चर्चाकारः शास्त्री “मयंक”)

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अंक : 144
चर्चाकार : डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
ज़ाल-जगत के सभी हिन्दी-चिट्ठाकारों को डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
का सादर अभिवादन!

आइए “चर्चा हिन्दी चिट्ठों की” में कुछ महत्वपूर्ण चिट्ठों की ओर
आपको ले चलता हूँ!

ताऊ डॉट इन में देखिए सम्मानों की फेहरिश्त-
हो सकता है कि इनमें से कोई आपके काम का हो-
ताऊ डॉट इन

विशेष ब्लागर सम्मान पुरस्कार - 2010 की घोषणा. - बडे हर्ष का विषय है कि अबकी बार होली के परम पुनीत अवसर पर हम कुछ विशेष पुरस्कार देने जारहे हैं. जिनमे निम्न श्रेणी के पुरस्कार होंगे. सर्वोच्च पुरस्कार श्र...
अंधड़ !

1411- बाघ वनों की शान है ! - (चित्र गूगल से साभार ) * बस्ती में जंगल-राज चल रहा, अरे तू कैसा इंसान है ! हे व्याध ! बाघ को बचा के रख, बाघ वनों की शान है !! आग लगा के बाघ के वन में,...
आदित्य (Aaditya)

पद्मनाभपुरम... - शनिवार को सुबह स्वीमिंग पूल में मस्ती के बाद हमने दिन में घूमने का कार्यक्रम बनाया.. प्लान था की विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाया जाए...तो हम नागरकोविल से कन्य...
बुरा भला

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के जन्म दिवस पर खास - .....कोई इनकी सोई हुई दुम हिला दे इस नई पोस्ट में आज उर्दू अदब की अज़ीम-ओ -शान शख्सियात फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का ज़िक्र करने जा रहा हूँ.पिछले तीन सालों से में फ़...
Albelakhatri.com

माय नेम इज..... पहचान कौन ? - दोस्तों ! अक्सर टी वी पर नज़र आने वाले इस चेहरे को ध्यान से देख कर बताइये कि ये सुकन्या कौन है और इनका नाम क्या है ? सबसे पहले सही नाम बताने वाल...
Science Bloggers' Association

जुगाड़ से जब देश की सरकार चल सकती है, तो फिर धरती माँ का आँचल भी झुलसने से बचाया जा सकता है। - एक पुराना चुटकुला है। जब मा0 अटल बिहारी जी भारत के प्रधानमंत्री थे, तो बिल क्लिंटन जी ने उनको फोन किया और पूछा- 'ये 'जुगाड़' कौन सी टेक्नालॉजी है? सुना है ये...
शब्द-शिखर

प्रकृति प्रेमियों का स्‍वर्ग : अंडमान-निकोबार - फ़िलहाल अंडमान-निकोबार में हूँ, सो यहाँ की बहुत सी चीजें समझने की कोशिश भी कर रही हूँ. अंडमान निकोबार द्वीप प्रकृति प्रेमियों का स्‍वर्ग और गार्डन ऑफ इडन कह...
युवा दखल

क्या आपके पास नक्सलवादी साहित्य है? - कोई दो साल पहले महाराष्ट्र में कहीं एक पुस्तक मेले से एक महिला कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि वह नक्सलवादी साहित्य बेच रही थीं। जिन ...
नन्हा मन

पापा.. सण्डे याद रखना - पापा पापा ये सण्डे भी गया पापा वो सण्डे भी चला गया था आप कित्ता काम करते हो? रोज रात को लेट करते हो। फिर भी कुछ नया लाते नहीं। पूछो तो बताते तक नहीं.. पापा ...
Gyan Darpan ज्ञान दर्पण

वह राम ही था - जिस पुरुषोतम ने अजन्मा होकर भी महाभाग दशरथ के यहाँ जन्म लिया - जिसकी सेवा के लिए स्वर्ग के सुख भोगकर अनेक देवता इस पृथ्वी पर मनुष्य के रूप में अवतरित हुए थे..
नवगीत की पाठशाला

उदासी के पाखी - आज उदासी के पाखी लो लौट कहाँ से फिर आये । लगता जैसे कहीं मयूरी ने फागुन को याद किया, या चकवी ने तानपुरे पर अश्रु भरा आलाप लिया, प्रीत रंग में रंगी चुनरिया ...
जीवन के पदचिन्ह

कैसे सरेआम कर दूं तेरे कांधे के बोसे को - हैं कई इल्जाम मुझ पर यूँ तो चुप रहने को कैसे सरेआम कर दूं तेरे कांधे के बोसे को कुछ तो बरकत मिली होगी भूखे पेट सोने से वैसे तो मोमिन कहता है, कई रोज...
Hasyakavi Albela Khatri

ये है एक कलाकार का दर्द.......कोई समझेगा ? - आज बड़ा ख़ास दिन था मेरे लिए भी, मेरे बड़े भाई के लिए भी और मेरे परिवार के लिए भी...........क्योंकि आज इस कवि- सम्मेलनीय श्रंखला का आखरी प्रोग्राम करके म...
bhartimayank

“रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-20 का उत्तर” (अमर भारती) - * र**विवासरीय साप्ताहिक पहेली-20 का सही उत्तर है- नौकुचिया ताल, नैनीताल * * [image: [paheli-20[2].jpg]] * * पहेली की विजेता हैं श्रीमती वन्दना ...
कर्मनाशा

'न हो कोई पहचान' और एक पहेली - आज कुछ नहीं , बस्स , बाबा बुल्ले शाह की एक पंक्ति और इस अकिंचन द्वारा किया गया उसका अनुवाद : ** *चल वे बुल्लेया ! चल ओत्थे चल्लिए , * *जित्थे सारे आ...
पराया देश

ब्लांग मिलन हम सब का... ओर एक शान दार याद गार, अजय झा जी की मेहनत आखिर रंग लाई - नमस्कार आप सभी को, आज ७ फ़रवरी का दिन है मुझे आज पुरे सात दिन हो गये भारत आये, बस एक दिन को छोड कर बाकी सभी दिन मेने सपनो की दुनिया मै बिताये , बहुत ही अच्..
ताऊजी डॉट कॉम

खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (193) : आयोजक उडनतश्तरी - बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका आयोजक के बतौर हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते हैं कि अब खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी का...
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रेत के चितेरे - सिकुड़ती नदियों का यह एक यूज है. पुराने और स्टैब्लिस्ड आर्टिस्ट ही नहीं, अब नए लोग भी इस तरह मुड़ रहे हैं. और तो और... शहरों में वह नई जनरेशन जो नित नया कर...
हिंदी ब्लॉगरों के जनमदिन
आज कुलवंत हैप्पी की वैवाहिक वर्षगाँठ है - आज, 16 फरवरी को युवा सोच, युवा ख्यालात वाले कुलवंत हैप्पी की वैवाहिक वर्षगाँठ है। इनका ईमेल आईडी sharma.kulwant84@gmail.com तथा मोबाईल नम्बर 09993598986 है...
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जनता तमाशबीन जरूर है, पर बुडबक नहीं. - हम भारतवासी मेले, त्योहारों, नाटक, नौटंकियों, तमाशे वगैरह के बहुत शौकीन हैं। शौकीन भी इस हद तक कि तमाशा करने-दिखाने वालों के मुरीद बन जाते हैं। जो दिख रहा ...
Gyanvani
मत दीजिये मेडल , बधाई तो दे ही दीजिये ....... - कल मिथिलेश से बातचीत में जब उसे अपनी उम्र बताई (हालाँकि मैंने कभी कोशिश नहीं कि है अपनी वास्तविक उम्र छिपाने की ...मेरे ऑरकुट और फेसबुक ...
शब्दों का सफर
कथा-पुराण यानी पुरानी कहानी - [image: tp3548[18]] संस्कृत में पुराण का अर्थ है प्राचीन, पूर्वकाल संबंधी। इसके अलावा इसमें अतीत की घटना या वृत्तांत या उपाख्यान अथवा पुरातनकालीन, सांस्कृत...
गत्‍यात्‍मक चिंतन
आखिरकार पुलिस ने मुझे ढूंढ ही लिया .. खैरियत थी हथकडी नहीं लगी !! - अपने जीवन की सब सुख सुविधा छोडकर अपने चिंतन के प्रति समर्पित होकर ही कोई लेखक लेखन की निरंतरता बना पाता है। उसका लक्ष्‍य अपने अनुभवों और विचारों का समाज मे...
हास्यफुहार
लड़कियां नहीं होती तो...... - एक दिन फाटक बाबू अपने पोते चौपटनाथ को पढ़ा रहे थे। बीच में प्रश्न पूछ बैठे। बताओ इस संसार में लड़कियां नहीं होती तो क्या होता ? चौपट बोला, "लड़कियां नहीं हो..
An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय
नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे [3] - इस श्रंखला की पिछली कड़ियाँ: खंड [1] और खंड [2] आइये, आगे बढ़ने से पहले पिछली कड़ियों की कुछ टिप्पणियों पर एक नज़र डालते चलते हैं. डॉ. अरविन्द मिश्र ने कहा: ...
वीर बहुटी
रिटायरी कालोनी {अपनी बात} - *रिटायरी कालोनी * शायद अपना घर सब का ही सपना होता है। फिर जब आदमी अपने जीवन का सुनहरी समय सरकारी मकान मे रह कर गुज़ार दे तो उसके लिए तो अपना घर और भी अहम बात...
समाचार:- एक पहलु यह भी
तो एक दिन बिकने लगेंगे भगवान् - कल मैंने लिखा था की कैसे भगवान् के नाम पर जागरण समितिया आपस में ही प्रतिस्पर्धा के चलते चंदे के नाम पर एकत्रित की गई धन राशी को फिजूल खर्जी में उड़ा देती ह..
एक प्रयास
ऐसा आखिर कब तक ? - गतांक से आगे .................. जैसे ही आकाश ने अपने घर में दीप्ति के बारे में बताया तो उसके माता- पिता बहुत खुश हुए। वो तो कब से इस दिन का इंतज़ार कर रहे थ..
ज़ख्म
एक बेचारा -------शायरी का मारा - दोस्तों , अभी -अभी एक मेल मुझे श्री प्रवीण पथिक जी से प्राप्त हुई और ये मेल उनके दोस्त श्री आनंद पाठक जी द्वारा रचित है और उनकी आज्ञा से मैं इसे अपने ब्लॉग..
बाराती चलाते हैं एक दिन चमड़े के सिक्‍के
आज कई शादियों में जाना था लेकिन एक शादी पारिवारिक मित्र के यहाँ थी तो सोचा कि आज बस उन्‍हीं की शादी में रहेंगे बाकि सभी में जाना केंसिल। कार्ड में बारात आने का समय देखा, लिखा था नौ बजे। दूसरे शहर से बारात आनी थी और बारात सुबह ही शहर में आ गयी थी, तो सोचा…
Dr. Smt. ajit gupta
“…..आई होली रे !”
आँचल में प्यार लेकर, भीनी फुहार लेकर. आई होली, आई होली, आई होली रे! चटक रही सेंमल की फलियाँ, चलती मस्त बयारें। मटक रही हैं मन की गलियाँ,  बजते ढोल नगारे। निर्मल रसधार लेकर, फूलों के हार लेकर, आई होली, आई होली, आई होली रे! मीठे सुर में बोल रही है,
uchcharan

फलित ज्योतिष संकेत सूत्र के माध्यम से गजकेसरी योग का विवेचन
पिछली पोस्ट में हम फलित ज्योतिष में पाराशरी राजयोगों पर बात कर रहे थे तो उसी विषय पर आगे बढते हुए सबसे पहले तो हमें ग्रहों के कारकत्व को समझना होगा। कारकत्व दो प्रकार के होते हैं--नैसर्गिक(स्वाभाविक) और तात्कालिक। ज्योतिष ग्रन्थों में जो विभिन्न ग्रहों
ज्योतिष की सार्थकता
“बाल-गीत”
हाथी दादा सूंड उठा कर,चले देखने मेला। बन्दर मामा साथ हो लिया,बन करके उनका चेला। चाट पकौड़ी खूब उड़ाई,देख चाट का ठेला। बड़े मजे से फिर दोनों ने,जम करके खाया केला। अब दोनों आपस में बोले, अच्छा लगा बहुत मेला।(चित्र गुगल सर्च से साभार)
नाइस
कार्टून : "निंदा" वाला बयान

बामुलाहिजा >> Cartoon Kirtish Bhatt
लो क सं घ र्ष !:देश में नफरत की बात करने वालों के लिए सबक
एक बार फिर देश में अमनपसन्द नागरिकों ने फसाद फैलाने वालों को करारी शिकस्त दे दी और घृणा की राजनीति करने वालों को मुहब्बत का पैगाम देने के इरादे से बनाई गई शाहरूख खान की फिल्म ‘‘माई नेम इंज खान’’ के हक में अपार समर्थन देकर जनता ने करारा जवाब दे दिया
लखनऊ ब्लॉगर एसोसिएशन


अब आज की चर्चा को देता हूँ विराम!

सबको घणी राम-राम!

21 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

वाह बहुत सुंदर चर्चा शाश्त्रीजी, बहुत शुभकामनाएं.

रामराम.

Mithilesh dubey said...

बढिया चर्चा है ।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

लाजवाब चर्चा शास्त्री जी...
आभार्!

संगीता पुरी said...

एक ही पोस्‍ट में बहुत कुछ समेट लिया है !!

संजय भास्‍कर said...

लाजवाब चर्चा शास्त्री जी...
आभार्!

Arvind Mishra said...

परिश्रम से की गयी चर्चा

vandana gupta said...

waah........bahut hi sundar aur mehanat se ki gayi charcha hai.....aabhar.

वाणी गीत said...

चर्चा में शामिल किये जाने के लिए बहुत आभार ....!!

स्वप्न मञ्जूषा said...

बढिया चर्चा है...

Himanshu Pandey said...

बेहतरीन चर्चा । आभार ।

Gyan Darpan said...

लाजवाब चर्चा

Udan Tashtari said...

एक बेहतरीन चर्चा..मस्त लिंक्स..आनन्द आया.

रानीविशाल said...

बहुत सुंदर चर्चा....आभार!!

रावेंद्रकुमार रवि said...

"विशेष ब्लागर सम्मान पुरस्कार - 2010 की घोषणा. - बडे हर्ष का विषय है कि अबकी बार होली के परम पुनीत अवसर पर हम कुछ विशेष पुरस्कार देने जारहे हैं. जिनमे निम्न श्रेणी के पुरस्कार होंगे."

अब जब इन्होंने पहले ही घोषित कर रखा है
कि पुरस्कार निम्न श्रेणी के होंगे, तो हम कुछ कहकर क्या कर सकते हैं!
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चर्चा हमेशा की तरह उच्च कोटि की है!
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "वसंत फिर आता है - मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा! "
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संपादक : सरस पायस

डॉ. मनोज मिश्र said...

बढिया चर्चा .

Mishra Pankaj said...

क्षमा चाहता हु आजकल चर्चा मे ध्यान कम दे पा रहा हु ! लेकिन जल्द ही वापस आउगा एक नयी तरह की चर्चा के साथ वक्त कितना लगेगा पता नही है.
फ़िलहाल आप सबको इतना बता दु कि आप सबका प्यारा यह छोरा आजकल IBM के साथ कम कर रहा है और कुछ विशेश तरह का प्रोजेक्ट होने के नाते यहा समय नही दे पा रहा हु!
आशा है आप सब मेरी इस परेशानी को समझेगे !

चर्चा मंडली के अन्य भाईयो से निवेदन कर रहा हु कि आप सब इस समय मे अपने इस मंच को सूना ना छोडे तो बेहतर है, बस एक निवेदन है ...आशा है आप सब मेरी भावनाओ की कद्र करेगे .

नमस्कार
पंकज मिश्रा

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर शास्त्री जी

Dinesh Dadhichi said...

रोचक चर्चा !

www.dakbabu.blogspot.com said...

बहुत बढ़िया भाई, आप तो पूरे ब्लोग्स पर बड़े निराले अंदाज़ में चर्चा-परिचर्चा कर रहे हैं...साधुवाद स्वीकारें !!

Akanksha Yadav said...

बेहद सुन्दर व सारगर्भित चर्चा !!


................
"शब्द-शिखर" पर इस बार अंडमान के आमों का आनंद लें.

Smart Indian said...

शास्त्री जी, बहुत सुंदर चर्चा!

पसंद आया ? तो दबाईये ना !

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