नमस्कार,,,,पंकज मिश्रा
आप सब को नये साल की शुभकामनाये …….आपका यह साल सुखद हो…ब्लागजगत मे आपकी इज्जत बरकरार रहे :)
आज नये साल के शुरुआत मे लगभग हर जगह नये साल के आगमन और पुराने साल के जाने के उपलक्ष्य मे लिखे गये है …..शुरुआत हो रही है २००९ के जाने को लेकर लिखी गये पोस्ट समीर जी के द्वारा …
कहाँ गया पुराना साल?वो कहतें हैं पुराना वर्ष चला गया... मैं कहता हूँ वर्ष कहीं जाता नहीं... यह सिर्फ भ्रम है ये दर्ज हो जाता है इतिहास के सफ्हों में एक और सफ्हा बन कर |
और आ गये नये साल को लेकर पोस्ट लिखा गया है मीनु जी के द्वारा
उल्लास: मीनू खरे का ब्लॉग
एक सुबह तो ऐसी हो जब |
रूपचन्द शास्त्री जी के यहा बैठक हूई और नये साल का स्वागत किया गया ..एक रिपोर्ट…
“तुम्हारी बहुत याद तड़पायेगी” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर साहित्य शारदा मंच, खटीमा के तत्वावधान में एक कवि गोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय वैदिक पूर्व माध्यमिक विद्यालय, खटीमा के सभागार में सम्पन्न हुआ।
कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se ** पर है रन्जना रन्जू भाटिया जी और कह रही है
झूमता हुआ नया साल फ़िर आया....
नया साल
एक नई आशा
नई उम्मीद जगाता हुआ
कलेंडर के पन्नों पर
उतर आता है
और कुछ दिन तो
अपने नयेपन के एहसास से
कुछ तो अलग रंग दिखाता है....
ज्योतिष के दो ब्लाग क्या लिखे है आप खुद देखिये
ज्योतिष की सार्थकता आप इसे पूर्वाभास मानेंगें या कुछ ओर ?
पिछले कईं वर्षों से हमारा एक नियम है कि हम नित्य प्रात: अपने आराध्यदेव भगवान गणपति को एक मीठे पान का भोग लगाने के पश्चात ही अपनी दिनचर्या आरंभ करते हैं। इसके लिए पानवाला दुकानदार घर पर सुबह ही एक पान पहुँचा देता है, कभी उसे आने में देरी हो जाए तो हम खुद लेने चले जाते हैं । लगभग तीन या चार वर्ष पहले की बात है, जब एक दिन हमारा उसकी दुकान पर जाना हुआ तो बातों ही बातों में उस पनवाडी से हमे एक बहुत अजीब सी बात सुनने को मिली । कहने लगा कि "पंडित जी, कुछ दिनों से रोजाना मेरी दुकान पर एक ऎसा आदमी आ रहा है, जो कि आते ही पहले तो मुझसे बीडी का एक बंडल खरीदता है और कुछ देर यूँ ही खडा रहकर दुकान पर
और पूर्णिमा और कई ग्रहों की अनुकूलता नववर्ष के कार्यक्रमों को आनंददायक बनाएगी !! बता रहे है सन्गीता पुरी जी
हममें से अधिकांश लोगों को यह जानकारी नहीं होगी कि हिन्दी तिथि या संक्रांति के अनुसार वर्ष के शुरूआत का कोई आकाशीय आधार होता है और उसकी गणना के अनुसार वर्ष के शुरूआत को पूरे वर्ष का प्रतिनिधित्व करनेवाला समय माना जा सकता है , यानि सूर्य और चंद्र की स्थिति या आसमान के 360 डिग्री के बारह भागों में बंटवारा
मिथिलेश दुबे जी लिखे है जब टिप्पणी मात्र से यौनिक उत्पीड़न हो सकता है तो यौनिक सम्बन्ध क्यों नहीं , ब्लोगर द्वारा नई खोज
हाँ तो भईया पढ़ने में आप लोगो को शायद थोड़ा वयस्क जरुर लगे , लेकिन हम भी का करें , मजबुर हो गयें हैं , वैसे भी याहँ कोई बच्चा नहीं रहा , हाँ ये है कि एक महिलां हैं जो मुझे ही बच्चा समझती है , लेकिन मैंने उन्हे भी बताया कि मैं उन्नीस साल का हो गया हूँ तो , वयस्क माना जाऊंगा । हाँ तो भईया जैसा की सभी लोगो को मालुम ही होगा कि नया वर्ष आने ही वाला है , नहीं-नहीं आ गया है । हाँ तो इस नव वर्ष पर उनलोगो के लिए अच्छी खबर है जो किसी कारण वश अपने से दूर हैं । अभी तक दूर रहने वाले लोग आपस में बात ही कर पाते थे परन्तु अब ऐसा हो गया है कि आप दुर बैठे ही सेक्स का मजा ले सकते है । क्या कहा आपने ऐसा नहीं हो सकता , दिमाग तो नही खराब है आपका , अरे भईया जब दुर बैठे टिप्पणी मात्र से किसी के साथ यौनिक उत्तपीड़न हो सकता है तो क्या दूर बैठे सेक्स नहीं हो सकता है , हो जायेगा भाई बिल्कुल हो सकता है ।
ठीक दस साल पहले मिली थी वो मुझे ! (दूसरा और अंतिम भाग) पी सी गोदियाल जी
धीरे-धीरे शाम का धुंधलका जमीन पर पसरने लगा था, मैं फिर चलने के लिए खडा हुआ तो वह वह भी उठ खडी हो गई। अभी तक की इस मुलाक़ात से मानो किसी अधिकार पूर्ण अंदाज में जब एक बार फिर से मैंने उसे साथ चलने का इशारा किया, तो वह भी तुरंत मेरे साथ चल दी। पार्क के बाहर खडी गाडी के पास पहुँच मैंने गाडी की ड्राइविंग सीट के बगल वाली सीट के सामने का दरवाजा खोला तो वह झट से गाडी में चढ़कर सीट पर बैठ गई। और फिर मैं ड्राइव करता हुआ इंडिया गेट पहुंचा । अब तक घुप अँधेरे में पूरा इलाका डूब चुका था, मगर इंडिया गेट पर बिखरी बिजली की रोशनी से पूरा राजपथ जगमगा रहा था। एक जगह गाडी को पार्क कर हम गाडी में ही बैठे रहे। नए साल की पूर्व संध्या होने की वजह से मैंने अपने खाने-पीने का भी पहले से ही गाडी में पूरा इंतजाम रख छोड़ा था।
अवधिया जी कामना कर रहे है -आइये कामना करें कि नया साल ब्लोगिंग से कमाई का हो
ऐसे भी हमारे ब्लोगर मित्र हैं जिन्हें ब्लोग से कमाई की कोई चाह नहीं है, तो उनसे हम पहले ही क्षमा माँग लेते हैं। पर हम तो पहले ही बता चुके हैं कि हम नेट से कमाई के उद्देश्य से ही भटकते फिरते थे और भटकती हुई आत्मा के जैसे भटकते-भटकते आ गये हिन्दी ब्लोगिंग में। इस हिन्दी ब्लोगिंग ने हमें ऐसा जकड़ा कि अंग्रेजी में लिखना बिल्कुल छूट गया और जो थोड़ी बहुत कमाई हो ती थी वो भी हाथ से गई। अब गूगल के 'है बातों में दम?' प्रतियोगिता देख कर लग रहा है कि गूगल भी हिन्दी को अधिक तेजी के साथ बढ़ावा देना चाहता है। इससे उम्मीद जग रही है कि नये साल में शायद ब्लोग से कुछ कमाई का जुगाड़ हो पायेगा।
और अन्त मे -
मर्म की टोकरी भरने को है......मर्म की टोकरी भरने को है |
आप सब को मेरे और पूरे चर्चा हिन्दी चिट्ठो की” के परिवार की तरफ़ से नव वर्ष की शुभकामनाये !!
21 comments:
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
पंकज जी-नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। यह वर्ष सभी प्राणियों के लिए मंगलकारीh ओ।
इस नये वर्ष में आप हर्षित रहें,
ख्याति-यश में सदा आप चर्चित रहें।
मन के उपवन में महकें सुगन्धित सुमन,
राष्ट्र के यज्ञ में आप अर्पित रहें।।
आपको, आपके परिवार को पाश्चात्य नववर्ष की शुभकामनाएँ
बी एस पाबला
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो!
आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपके और आपके परिवार के लिए भी नया वर्ष मंगलमय हो !!
नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें ...!!
सुन्दर चर्चा!
आप तथा आपके परिजनों के लिये नववर्ष मंगलमय हो!
नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें ...!!
बच्चा पंकज, तुम्हारा कल्याण हो, अंग्रेजी नव वर्ष की मंगल कामना स्वीकारो!
चिट्ठा-चर्चा में हमारा भी प्रचार-प्रसार करो, पुण्य प्राप्त होगा !
बढिया चर्चा!!
आपको एवं चिट्ठा चर्चा के सभी सदस्यों को भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!!
नया साल मुबारक हो ।
सुन्दर व उम्दा चर्चा ।
सुंदर चर्चा।
नव वर्ष की अशेष कामनाएँ।
आपके सभी बिगड़े काम बन जाएँ।
आपके घर में हो इतना रूपया-पैसा,
रखने की जगह कम पड़े और हमारे घर आएँ।
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2009 के ब्लागर्स सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।
चर्चा सुन्दर है । नव वर्ष मंगलमय हो !
आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाए
नया साल मुबारक हो ..अच्छी लगी चर्चा शुक्रिया
नया वर्ष हो सबको शुभ!
जाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
नये वर्ष की शुभकामनाओं सहित
आपसे अपेक्षा है कि आप हिन्दी के प्रति अपना मोह नहीं त्यागेंगे और ब्लाग संसार में नित सार्थक लेखन के प्रति सचेत रहेंगे।
अपने ब्लाग लेखन को विस्तार देने के साथ-साथ नये लोगों को भी ब्लाग लेखन के प्रति जागरूक कर हिन्दी सेवा में अपना योगदान दें।
आपका लेखन हम सभी को और सार्थकता प्रदान करे, इसी आशा के साथ
डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
जय-जय बुन्देलखण्ड
पंकज जी ........... ६-७ दिनो से बाहर था इसलिए हाजरी नही लगा पाया ........ आपको भी नव वर्ष की शुभकामनाएँ ....
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