Wednesday, September 02, 2009

क्या पता आज का दोस्त कल दुश्मन बन जाय!!

नमस्कार आप सब को . आज के इस चर्चा कड़ी में मै पंकज मिश्रा आप सब का स्वागत करता हूँ . और शुक्रिया अदा करता हूँ कि आप सबने यहाँ तक आकर हमारा उत्साह वर्धन किया .
आज जहा महिलाए और पुरुष आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढा रहे है हाथ में महँगा मोबाइल बगल मेंलैपटॉप चलने के लिए कार और मोटर साइकिल है . वही कुछ ऐसे भी क्षेत्र है जहा पर आप पुरुषों औरमहिलाओं की दशा के बारे सोचोगे तो आँख से अंशू जाएगा अगर मानवता है तो .

कुछ ऐसा ही आज लिखा है राजीव महेश्वरी जी ने अपने ब्लॉग पहरी बाबा पर

इन महिलाओं को यहां लाकर जो होता है वह सिर्फ पुरुष के परिवार की आर्थिक
स्थिति पर निर्भर करता है। यदि परिवार संपन्न है, तो ऐसे लोग अपनी
रिश्तेदारी में रोक कर गांव में शादी करने का बहाना बनाकर उन्हें दुल्हन
बना कर लाते हैं। जो संपन्न नहीं वह मात्र गंगा स्नान कराने के बाद घर
लेकर चले जाते हैं।.

अब आगे चलते है रविकांत पाण्डेय जी के ब्लॉग पर My Photo

यह इंद्रजाल अब टूटेगा

बंधन से मानव छूटेगा हां, फूल नया खिलने को है

धरती, नभ से मिलने को है

आज ही चिट्ठाजगत पर एक नया ब्लॉग जुडा है हैरान परेसान इन्होने आडवानी जी के ऊपर लिखा है किकैसी उनका चुनाव में नतीजा खास नहीं रहा.

मै तो दो चार लाइन वहा से भी कापी करता लेकिन वहा आशीष जी का ताला लगा हुआ है .

कपिला जी के संस्मरण की आज तीसरी कड़ी पब्लिश हुई है .


अब आगे देखिये कही तो मरीज दवा के लिए दम तोड़ रहे है तो कही पर दावा रखे रखे ख़राब हो रही है वोभी लाख दो लाख की नहीं पूरे एक करोड़ तीस लाख की !!!

कभी-कभी आप को ऐसा लगता है जैसे आप के हाथ से तोता उड़ गया ! कब लगता है?
अजी तब लगता है जब आप के कंप्युटर का देता मिट जाए . ऐसे समय में शेखावत जी का ये लेख आपकेकाम सकता है

उबुन्टू लिनक्स लाइव सी डी से ले बेकअप ख़राब विण्डो कंप्युटर का


(गुमनामी के सिवा) और किस मुकाम पर रूकती जिंदगी मेरी
ऊपर की रचना सुधीर जी कि है .My Photo
दोस्त और दुश्मन में अन्तर मत कर
क्या पता आज का दोस्त कल दुश्मन बन जाय!!
ये है तो सिर्फ चार लाइन लेकिन ऐसा लग रहा है कि बहूत ही परखकर लिखा गया है अपर्णा जी के द्वारा
धान के देश में आज है
जी.के. अवधिया जी और बता रहे है एक ब्लाग के बारे में. उनका कहना है
आम तौर पर मैं फालतू बहस का मुद्दा बन जाने वाला पोस्ट लिखने से बचने की कोशिश करता हूँ परपिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ हिन्दी ब्लोगिंग को अस्वच्छ करने के लिए एक ब्लोग "स्वच्छसंदेश: हिन्दोस्तान की आवाज़" अवतरित हो गया है जिसमें संदेश तो अस्वच्छ होते हैं और आवाज इस्लाम की

आज की चर्चा यही तक .
नमस्कार




3 comments:

Ishwar said...

bhai idhar udhar ki saari jaankari aapke blog par mil jaati hai,kabhi hamare blog par bhi ek najar daal liya karo
ishwarbrij.blogspot

निर्मला कपिला said...

राज की चर्चा अच्छी रही आज दुन भर कुछ ब्लाग देख नहीं पाई थी यहां सभी मिल गये आभार्

Ashish Khandelwal said...

Achchci charcha.. happy blogging

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