बहते पानी पे तेरा नाम लिखा करते हैं
लब-ए-खा़मोश का अंजाम लिखा करते हैं
कितना चुपचाप गुजरता है मौसम का सफ़र
तन्हा दिन और उदास शाम लिखा करते हैं
काश, इक बार तो वो ख़त की इबारत पढ़ते
अपनी आँखों मे सुबह-ओ-शाम लिखा करते हैं
ये है शुक्ला जी लखनउ से
भावना बहन कि समस्या यह है कि सास जी आ रही है और भावना बहन की तबियत ख़राब है , वोचाहती नहीं कि उनकी मौजदगी में सास जी कोई काम करे लेकिन मजबूरी यह है कि बीमार है आप उनकेजल्द स्वस्थ होने की कामना कीजिये .
ज़माना गुज़रा जब ‘सारिका’ (अगस्त 1971) में व्यंग्य चित्र छपा था. ‘जो
चाहोगे,वही छपेगा!’. 38 साल बाद उसे देखा तो आज के समय में भी यह काफी
सामयिक सा लगा. इसे सम्पादक की नज़र से देखें या लेखक की नज़र से, बहुत ही
मुफीद किस्म की अभिव्यक्ति लगती है.
ज़रा आप भी देखिए और बताइये मैं कितना ठीक बोल रहा हूं.
दोस्त दिल की मजबूरी भूल बनके रह गयी ।
देखते देखते सपनों दुनिया धम से ढह गयी।
उनकी सोच थी कुछ और मेरी थी कुछ
इसी सोच में दोनों की जिन्दगी बह गयी।
'देखो बच्चों'
देखो, देखो, देखो बच्चों
देखो चाँद सितारों को
सहती रहती सारेबोझे
हम सब उस पर ही रहते।
निरख रही हैं सभी दिशाएँ
देखो उन सब चारों को।
धरती उपजाती है
अन्न माँ हम उसको हैं कहते
जब सूरज को वो गर्मी देते देखती हु
जब चाँद को प्यार बरसते देखती हु
बच्चो की अठखेलिया देखती हु
यहे परदेश अपना सा लगता है
फिर मिलूगी
आज फ़िर
रात के साये बहुत गहरे हैं
मन की तहों में छिपी
बेपनाह मोहब्बत ....
अपने आप को क़त्ल करती
खामोश हो गई है....
पत्थर तोड़ तोड़ बर्षों से जिनकी आँखें पथरायी।
पथरीले राहों पर चलना उनकी किस्मत क्यों भाई?
दुर्बल तन पर कोशिश कर पत्थर पे घास उगाते हैं।
नहीं पसीजे जो पत्थर वो पत्थर पूजे जाते हैं।
aapas men patthar ragaden to taap nikal hii jaataa hai
पत्थर बनता तब जबाव जब प्रश्न ईंट-सा आता है।।
लहू पहाड़ के दिल का, नदी में शामिल है,तुम्हारा दर्द हमारी ख़ुशी में शामिल है.
तुम अपना दर्द अलग से दिखा न पाओगे,
तेरा जो दर्द है वो मुझी में शामिल है.
इन्टरनेट पर दंगल इन्टरनेट का
किसीलेखक का पूर्वाग्रही और सांप्रदायिक होने नयी बात नहीं | इतिहास के पन्नो
मैं आपको कई बड़े विचारक - लेखक पूर्वाग्रही और सांप्रदायिक मिलेंगे,
उन्ही लेखकों मैं से एक थे सर विलियम शेक्सपीयर | विश्व प्रसिद्द The
Merchant Of Venice नाटक मैं उन्होंने एक पात्र चुना Shylock, निहायत
शैतान, निर्दयी और बदला लेने के लिए किसी भी सीमा तक निचे गिरने वाला
सूदखोर | Shylock यहूदी (Jew) धर्म का अनुयायी होता है | Antonio एक सहृदय
सुन्दर पात्र पर इसाई धर्मावलम्बी |
भूल चूक माफी
आपका आने वाला सप्ताह शुभ हो !!!
5 comments:
बहुत खूब । आभार ।
आज चर्चा संक्षिप्त ही रही ! फिर भी बेहतर और उपयोगी लिंक सँजोये हैं आपने । आभार ।
सुन्दर!
वाह जबरदस्त रविवारिय चर्चा. शुभकामनाएं.
रामराम.
चर्चा मे दिन पर दिन निखार आ रहा है बधाई
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