आज के इस अंक में चर्चा हो रही है हमारे ब्लागजगत के डा. अरविंद मिश्रा जी के पोस्ट की उनके ब्लॉग क्वचिदन्यतोअपि.....
पर छपी पहले पोस्ट की .
डा. साहब ने इस ब्लॉग पर पहली पोस्ट लिखी थी
Saturday, 28 June 2008 और जो लिखा गया है आप नीचे पढ़ ले .
स्वान्तः सुखाय तुलसी रघुनाथ गाथा ......!
मेरे विज्ञान के ब्लॉग हैं .मगर मुझे विज्ञान के इतर भी अक्सर कुछ कहने की
इच्छा होती है .विज्ञान के ब्लागों पर मैं अपने को बहुत बंधा पाता हूँ
-विज्ञान का अनुशासन ही कुछ ऐसा है ।इसलिए संत महाकवि तुलसी से उधार लेकर
उन्ही के शब्दों को इस ब्लाग का शीर्षक बनाया .विज्ञान से परे ,उससे इतर
स्रोतों से -इधर उधर से भी जो यहाँ कह सकूं -क्वचिदन्यतोअपि .......
यह
भी स्वान्तः सुखाय है .ताकि इसके सरोकारों /निरर्थकता /सार्थकता को लेकर
कोई बहस हो तो यह स्वान्तः सुखाय का लेबल मेरी ढाल बन सके ।
यह तो इस
ब्लॉग का नामकरण सन्दर्भ हो गया ....अब अगली पोस्ट देखिये कब होती है
..किसी ने क्या खूब कहा है कि ग़ज़ल के शेर कहाँ रोज रोज होते हैं ?यह
नामकरण की पोस्ट कुछ कम थोड़े ही है -यह आत्मश्लाघा की बेहयाई करते हुए कह
रहा हूँ .....शंकर .....शंकर .....
कैसा है हमारा प्रयास , अपने टिप्पणी से अवगत कराये !!
7 comments:
अरविन्द जी की इस पहली पोस्ट को लेकर न जाने कितनी पोस्ट्स लिखी जा चुकी हैं इन दिनों । नामकरण को लेकर मची हाय तौबा भूले तो नहीं हैं न !
स्थापित ब्लॉगरों की पहली प्रविष्टियाँ बहुत कुछ समझाने लायक होती हैं ।
पंकज जी शुक्रिया ! आज सुबह से ही मन बहुत दुखी हो गया है -ब्लागवाणी ने अपनी सेवायें बंद करने की घोषणा की है !यह क्लुछ उन गैर जिम्मेदार ब्लागरों के टुच्ची हरकतों की प्रतिक्रया का ही परिणाम है जिनकी आदत होती है जिसकी थाली में खाते है उसी में छेद करते हैं हद है !
ब्लागिंग का सामान्य ज्ञान तैयार होगा !
अच्छा है!
आभार !
बहुत सुंदर प्रयास है आपका. अरविंदजी को मैं शुरु से पढता रहा हूं. उन्होने अपनी विद्वता की गहरी छाप ब्लाग जगत मे छोडी है. और आज एक लोकप्रिय मुकाम पर हैं.
रामराम.
..किसी ने क्या खूब कहा है कि ग़ज़ल के शेर कहाँ रोज रोज होते हैं ?यह
नामकरण की पोस्ट कुछ कम थोड़े ही है -यह आत्मश्लाघा की बेहयाई करते हुए कह
रहा हूँ .....शंकर .....शंकर .....
बहुत बढ़िया!
असत्य पर सत्य की जीत के पावन पर्व
विजया-दशमी की आपको शुभकामनाएँ!
आपका ये प्रयास बहुत अच्छा है बधाई। मिश्राजी को भी बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
आपका प्रयास हमेशा की तरह सराहनीय रहा...अरविन्द जी को बहुत शुभकामनाएं...
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